Comments - ग़ज़ल (देखें यहीं कहीं वो मेरा साए-बान था) - Open Books Online2024-03-28T21:15:54Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1087227&xn_auth=noआदरणीय गुमनाम पिथौरागढ़ी जी आ…tag:openbooks.ning.com,2022-07-20:5170231:Comment:10873262022-07-20T11:18:10.101Zअमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवीhttp://openbooks.ning.com/profile/0q7lh6g5bl2lz
<p>आदरणीय गुमनाम पिथौरागढ़ी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद सुख़न नवाज़ी और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।</p>
<p>"आलीशान" की मात्रा गणना 2221 है, लेकिन यहाँ 'आलीशान' को "ली" की मात्रा गिराकर 'आलिशान' की तरह पढ़ने की गुंजाइश है, अरूज़ के अनुसार मात्रा पतन की छूट लेकर 'आलीशान' को 2121 पर लिया है।</p>
<p>क्या .. दिया .. था ////// सही होगा .... जी नहीं, तक़ाबुल-ए-रदीफ़ दोष उत्पन्न हो जाएगा, धन्यवाद। </p>
<p>आदरणीय गुमनाम पिथौरागढ़ी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद सुख़न नवाज़ी और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।</p>
<p>"आलीशान" की मात्रा गणना 2221 है, लेकिन यहाँ 'आलीशान' को "ली" की मात्रा गिराकर 'आलिशान' की तरह पढ़ने की गुंजाइश है, अरूज़ के अनुसार मात्रा पतन की छूट लेकर 'आलीशान' को 2121 पर लिया है।</p>
<p>क्या .. दिया .. था ////// सही होगा .... जी नहीं, तक़ाबुल-ए-रदीफ़ दोष उत्पन्न हो जाएगा, धन्यवाद। </p> वाह श्रीमान खूब गजल कही है वा…tag:openbooks.ning.com,2022-07-20:5170231:Comment:10873222022-07-20T11:00:36.426Zgumnaam pithoragarhihttp://openbooks.ning.com/profile/gumnaampithoragarhi
<p>वाह श्रीमान खूब गजल कही है वाह .. कृपया शंका समाधान करें ;</p>
<p><span>खंडर हुआ है आज कभी आलीशान था.. ///// आलीशान की मात्रा गणना क्या होगी /////</span></p>
<p>महरूमियों ने मुझ से उसे दूर कर दिया </p>
<p>इतना बुरा नहीं था वो बस बद-गुमान था </p>
<p>क्या .. दिया .. था ////// सही होगा .. कृपया जानकारी प्रदान कर शंका समाधान करेंगे .. </p>
<p></p>
<p>वाह श्रीमान खूब गजल कही है वाह .. कृपया शंका समाधान करें ;</p>
<p><span>खंडर हुआ है आज कभी आलीशान था.. ///// आलीशान की मात्रा गणना क्या होगी /////</span></p>
<p>महरूमियों ने मुझ से उसे दूर कर दिया </p>
<p>इतना बुरा नहीं था वो बस बद-गुमान था </p>
<p>क्या .. दिया .. था ////// सही होगा .. कृपया जानकारी प्रदान कर शंका समाधान करेंगे .. </p>
<p></p> आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ…tag:openbooks.ning.com,2022-07-20:5170231:Comment:10872292022-07-20T10:49:58.260Zअमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवीhttp://openbooks.ning.com/profile/0q7lh6g5bl2lz
<p>आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभारी हूँ। </p>
<p>आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभारी हूँ। </p> आ. भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभ…tag:openbooks.ning.com,2022-07-20:5170231:Comment:10873202022-07-20T06:45:01.869Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। बहुत सुन्दर गजल हुई है । हार्दिक बधाई।</p>
<p>आ. भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। बहुत सुन्दर गजल हुई है । हार्दिक बधाई।</p>