Comments - रोला छंद ...... - Open Books Online2024-03-28T20:21:57Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1081025&xn_auth=noआदरणीय अमीरुद्दीन साहिब, आदाब…tag:openbooks.ning.com,2022-03-31:5170231:Comment:10818972022-03-31T14:56:59.827ZSushil Sarnahttp://openbooks.ning.com/profile/SushilSarna
आदरणीय अमीरुद्दीन साहिब, आदाब - सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार
आदरणीय अमीरुद्दीन साहिब, आदाब - सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार वाह! बहुत सुन्दर रोला छंद हुए…tag:openbooks.ning.com,2022-03-28:5170231:Comment:10819232022-03-28T18:29:54.201Zअमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवीhttp://openbooks.ning.com/profile/0q7lh6g5bl2lz
<p>वाह! बहुत सुन्दर रोला छंद हुए हैं आदरणीय सुशील सरना जी, हार्दिक बधाई ।</p>
<p>वाह! बहुत सुन्दर रोला छंद हुए हैं आदरणीय सुशील सरना जी, हार्दिक बधाई ।</p> आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सादर प…tag:openbooks.ning.com,2022-03-28:5170231:Comment:10817642022-03-28T14:31:51.151ZSushil Sarnahttp://openbooks.ning.com/profile/SushilSarna
आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सादर प्रणाम सर सृजन के भावों को आत्मीय मान से अलंकृत करने का दिल से आभार ।
आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सादर प्रणाम सर सृजन के भावों को आत्मीय मान से अलंकृत करने का दिल से आभार । आप छंद साधना की उपलब्धियाँ प्…tag:openbooks.ning.com,2022-03-27:5170231:Comment:10818352022-03-27T07:40:48.947ZSaurabh Pandeyhttp://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p>आप छंद साधना की उपलब्धियाँ प्राप्त करने लगे हैं, आदरणीय सुशील जी.</p>
<p></p>
<p>मैं आनन्दातिरेक में हूँ. छंद का विधान, कथ्य के इंगित, तथ्य की सटीकता, व्याकरणजन्य विन्यास, सभी निकषों पर समृद्ध प्रस्तुति अवश्य पठनीय बन पड़ी है. </p>
<p>जय-जय</p>
<p>आप छंद साधना की उपलब्धियाँ प्राप्त करने लगे हैं, आदरणीय सुशील जी.</p>
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<p>मैं आनन्दातिरेक में हूँ. छंद का विधान, कथ्य के इंगित, तथ्य की सटीकता, व्याकरणजन्य विन्यास, सभी निकषों पर समृद्ध प्रस्तुति अवश्य पठनीय बन पड़ी है. </p>
<p>जय-जय</p> आदरणीय सुरेंद्र जी सृजन के भा…tag:openbooks.ning.com,2022-03-25:5170231:Comment:10813812022-03-25T08:58:09.775ZSushil Sarnahttp://openbooks.ning.com/profile/SushilSarna
आदरणीय सुरेंद्र जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार
आदरणीय सुरेंद्र जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार बहुत सुन्दर , जय श्री राधे।tag:openbooks.ning.com,2022-03-24:5170231:Comment:10814472022-03-24T06:09:52.937ZSURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMARhttp://openbooks.ning.com/profile/SURENDRAKUMARSHUKLABHRAMAR
<p>बहुत सुन्दर , जय श्री राधे।</p>
<p>बहुत सुन्दर , जय श्री राधे।</p>