Comments - हमें लगता है हर मन में अगन जलने लगी है अब - Open Books Online2024-03-28T12:19:16Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1074506&xn_auth=noआ. भाई बृजेश जी, सादर अभिवादन…tag:openbooks.ning.com,2021-12-17:5170231:Comment:10752072021-12-17T15:18:51.850Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई बृजेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और सराहना के लिए धन्यवाद।</p>
<p>आ. भाई बृजेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और सराहना के लिए धन्यवाद।</p> वाह वाह आदरणीय धामी जी बड़ी ही…tag:openbooks.ning.com,2021-12-17:5170231:Comment:10750662021-12-17T14:51:18.707Zबृजेश कुमार 'ब्रज'http://openbooks.ning.com/profile/brijeshkumar
<p>वाह वाह आदरणीय धामी जी बड़ी ही खूबसूरत ग़ज़ल कही....बधाई</p>
<p>वाह वाह आदरणीय धामी जी बड़ी ही खूबसूरत ग़ज़ल कही....बधाई</p> आ. भाई समर जी, सादर अभिवादन।…tag:openbooks.ning.com,2021-12-10:5170231:Comment:10751192021-12-10T17:13:17.377Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई समर जी, सादर अभिवादन। गजल पर आपकी उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार । टंकण त्रुटि की ओर ध्यान दिलाने के लिए धन्यवाद।</p>
<p>आ. भाई समर जी, सादर अभिवादन। गजल पर आपकी उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार । टंकण त्रुटि की ओर ध्यान दिलाने के लिए धन्यवाद।</p> जनाब लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' ज…tag:openbooks.ning.com,2021-12-10:5170231:Comment:10747052021-12-10T09:40:16.098ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' जी आदाब, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है, बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p></p>
<p><span>'तपिस आने लगी है जो इधर आहिस्ता आहिस्ता'</span></p>
<p><span>इस मिसरे में 'तपिस' को "तपिश" लिखना उचित होगा ।</span></p>
<p>जनाब लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' जी आदाब, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है, बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p></p>
<p><span>'तपिस आने लगी है जो इधर आहिस्ता आहिस्ता'</span></p>
<p><span>इस मिसरे में 'तपिस' को "तपिश" लिखना उचित होगा ।</span></p> आ. भाई श्यामनारायण जी, सादर अ…tag:openbooks.ning.com,2021-12-09:5170231:Comment:10748352021-12-09T08:00:40.397Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई श्यामनारायण जी, सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद.</p>
<p>आ. भाई श्यामनारायण जी, सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद.</p> आ. भाई तेजवीर जी, सादर अभिवाद…tag:openbooks.ning.com,2021-12-09:5170231:Comment:10746962021-12-09T08:00:07.129Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई तेजवीर जी, सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद.</p>
<p>आ. भाई तेजवीर जी, सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद.</p> नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस…tag:openbooks.ning.com,2021-12-09:5170231:Comment:10748222021-12-09T05:33:04.092ZShyam Narain Vermahttp://openbooks.ning.com/profile/ShyamNarainVerma
नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर
नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर हार्दिक बधाई आदरणीय मुसाफ़िर…tag:openbooks.ning.com,2021-12-08:5170231:Comment:10748172021-12-08T10:52:45.302ZTEJ VEER SINGHhttp://openbooks.ning.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय मुसाफ़िर जी। लाजवाब ग़ज़ल। </p>
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय मुसाफ़िर जी। लाजवाब ग़ज़ल। </p>