Comments - वक्त के सिरहाने पर ...... - Open Books Online2024-03-29T07:59:39Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1069807&xn_auth=noआ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन…tag:openbooks.ning.com,2021-10-09:5170231:Comment:10705712021-10-09T12:18:13.722Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई ।</p>
<p>आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई ।</p> आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सादर प…tag:openbooks.ning.com,2021-10-09:5170231:Comment:10704882021-10-09T11:15:48.530ZSushil Sarnahttp://openbooks.ning.com/profile/SushilSarna
<p>आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सादर प्रणाम सर सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार । </p>
<p>आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सादर प्रणाम सर सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार । </p> इस भावमय रचना के लिए बधाई, आद…tag:openbooks.ning.com,2021-10-06:5170231:Comment:10704762021-10-06T11:48:08.674ZSaurabh Pandeyhttp://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p>इस भावमय रचना के लिए बधाई, आदरणीय सुशील सरना जी. </p>
<p></p>
<p>इस भावमय रचना के लिए बधाई, आदरणीय सुशील सरना जी. </p>
<p></p> आदरणीय समर कबीर साहब , आदाब,…tag:openbooks.ning.com,2021-10-03:5170231:Comment:10703722021-10-03T10:58:11.159ZSushil Sarnahttp://openbooks.ning.com/profile/SushilSarna
आदरणीय समर कबीर साहब , आदाब, सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभारी है सर
आदरणीय समर कबीर साहब , आदाब, सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभारी है सर जनाब सुशील सरना जी आदाब, अच्छ…tag:openbooks.ning.com,2021-09-27:5170231:Comment:10702322021-09-27T10:43:49.517ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब सुशील सरना जी आदाब, अच्छी रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>जनाब सुशील सरना जी आदाब, अच्छी रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।</p> आदरणीय अमीरुद्दीन साहिब, आदाब…tag:openbooks.ning.com,2021-09-23:5170231:Comment:10697212021-09-23T15:13:44.969ZSushil Sarnahttp://openbooks.ning.com/profile/SushilSarna
आदरणीय अमीरुद्दीन साहिब, आदाब - सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय ।बहुत सुंदर सुझाव सर ।मैं अभी एडिट करता हूँ ।सर ।
आदरणीय अमीरुद्दीन साहिब, आदाब - सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय ।बहुत सुंदर सुझाव सर ।मैं अभी एडिट करता हूँ ।सर । वाह, बहुत ख़ूब! जनाब सुशील सर…tag:openbooks.ning.com,2021-09-23:5170231:Comment:10697192021-09-23T13:55:38.643Zअमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवीhttp://openbooks.ning.com/profile/0q7lh6g5bl2lz
<p>वाह, बहुत ख़ूब! जनाब सुशील सरना जी आदाब, भावपूर्ण सुंदर रचना हुई है बधाई स्वीकार करें।</p>
<p>'देखता रहा मैं देर तक' के संदर्भ में देखें - </p>
<p>जाने कितने वादे</p>
<p>कसमों की चौखट पर</p>
<p><strong>चरमरा रहे थे (</strong>मेरे ख़याल से<strong>) </strong>सादर।</p>
<p>वाह, बहुत ख़ूब! जनाब सुशील सरना जी आदाब, भावपूर्ण सुंदर रचना हुई है बधाई स्वीकार करें।</p>
<p>'देखता रहा मैं देर तक' के संदर्भ में देखें - </p>
<p>जाने कितने वादे</p>
<p>कसमों की चौखट पर</p>
<p><strong>चरमरा रहे थे (</strong>मेरे ख़याल से<strong>) </strong>सादर।</p>