Comments - कहो सूरमा! जीत लिए जग? - Open Books Online2024-03-29T05:24:48Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1067569&xn_auth=noबहुत सारगर्भित रचना के लिए हा…tag:openbooks.ning.com,2021-09-10:5170231:Comment:10681352021-09-10T05:04:53.501Zबृजेश कुमार 'ब्रज'http://openbooks.ning.com/profile/brijeshkumar
<p>बहुत सारगर्भित रचना के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय...</p>
<p>बहुत सारगर्भित रचना के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय...</p> जनाब आशीष यादव जी आदाब, अच्छी…tag:openbooks.ning.com,2021-09-06:5170231:Comment:10676022021-09-06T01:03:06.916ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब आशीष यादव जी आदाब, अच्छी प्रस्तुति है, बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>जनाब आशीष यादव जी आदाब, अच्छी प्रस्तुति है, बधाई स्वीकार करें ।</p> अच्छा मर्मभेदी गीत हो सकता था…tag:openbooks.ning.com,2021-09-04:5170231:Comment:10674902021-09-04T06:02:44.135ZChetan Prakashhttp://openbooks.ning.com/profile/ChetanPrakash68
<p>अच्छा मर्मभेदी गीत हो सकता था, फिर गोला -बारूद से दुनिया नहीं जीती जा सकती, यह एक सत्य है! करुणा ही मानवता को अक्षुण्ण रख सकती है! </p>
<p>अच्छा मर्मभेदी गीत हो सकता था, फिर गोला -बारूद से दुनिया नहीं जीती जा सकती, यह एक सत्य है! करुणा ही मानवता को अक्षुण्ण रख सकती है! </p> इस रचना का मर्म समझने एवं हौस…tag:openbooks.ning.com,2021-09-03:5170231:Comment:10677562021-09-03T06:15:38.772Zआशीष यादवhttp://openbooks.ning.com/profile/Ashishyadav
<p>इस रचना का मर्म समझने एवं हौसला अफजाई करने के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद श्री <a href="http://openbooksonline.com/profile/ManojkumarAhsaas" class="fn url">Manoj kumar Ahsaas</a> साहब।</p>
<p>इस रचना का मर्म समझने एवं हौसला अफजाई करने के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद श्री <a href="http://openbooksonline.com/profile/ManojkumarAhsaas" class="fn url">Manoj kumar Ahsaas</a> साहब।</p> इस लंबी रचना में आप ने मानवता…tag:openbooks.ning.com,2021-09-02:5170231:Comment:10674842021-09-02T18:28:48.181Zमनोज अहसासhttp://openbooks.ning.com/profile/ManojkumarAhsaas
<p>इस लंबी रचना में आप ने मानवता के जिस पक्ष को उजागर किया है उसके लिए आप हार्दिक बधाई के पात्र हैं सादर आभार</p>
<p>इस लंबी रचना में आप ने मानवता के जिस पक्ष को उजागर किया है उसके लिए आप हार्दिक बधाई के पात्र हैं सादर आभार</p>