Comments - चल आज मिल के दोनों.....( ग़ज़ल :- सालिक गणवीर) - Open Books Online2024-03-29T07:45:24Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1060374&xn_auth=noआ. सालिक जी,अच्छी ग़ज़ल हुई है…tag:openbooks.ning.com,2021-06-09:5170231:Comment:10615192021-06-09T05:27:52.232ZNilesh Shevgaonkarhttp://openbooks.ning.com/profile/NileshShevgaonkar
<p>आ. सालिक जी,<br/><br/>अच्छी ग़ज़ल हुई है ,,बधाई..<br/>मतले में चल के कारण शुतुरगुर्बा हो रहा है..देखिएगा <br/>सादर </p>
<p>आ. सालिक जी,<br/><br/>अच्छी ग़ज़ल हुई है ,,बधाई..<br/>मतले में चल के कारण शुतुरगुर्बा हो रहा है..देखिएगा <br/>सादर </p> आखिरी शे'र के ऊला में "होगा"…tag:openbooks.ning.com,2021-05-25:5170231:Comment:10602052021-05-25T13:26:41.130ZChetan Prakashhttp://openbooks.ning.com/profile/ChetanPrakash68
<p> आखिरी शे'र के ऊला में "होगा" के बजाय " होए" बेहतर होता, थी जी !</p>
<p> आखिरी शे'र के ऊला में "होगा" के बजाय " होए" बेहतर होता, थी जी !</p> बिल्लियाँ ! और वो भी यादों क…tag:openbooks.ning.com,2021-05-25:5170231:Comment:10605082021-05-25T13:19:42.392ZChetan Prakashhttp://openbooks.ning.com/profile/ChetanPrakash68
<p>बिल्लियाँ ! और वो भी यादों की , भाव-साम्य मधुर है ही नहीं, "झपकियाँ "कर लीजिए, जनाब !</p>
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<p>बिल्लियाँ ! और वो भी यादों की , भाव-साम्य मधुर है ही नहीं, "झपकियाँ "कर लीजिए, जनाब !</p>
<p></p> कब तक तुम्हे वो अपनी कहानी स…tag:openbooks.ning.com,2021-05-25:5170231:Comment:10603772021-05-25T13:09:17.244ZChetan Prakashhttp://openbooks.ning.com/profile/ChetanPrakash68
<p>कब तक तुम्हे वो अपनी कहानी सुनाएं हम', दूसरा मिसरा कर लीजिए, रब्त भी रह जाएगी, साइकिल गणगौर साहब !</p>
<p>कब तक तुम्हे वो अपनी कहानी सुनाएं हम', दूसरा मिसरा कर लीजिए, रब्त भी रह जाएगी, साइकिल गणगौर साहब !</p> ऐ आदाब, ऐसे खड़े रहे तो गल…tag:openbooks.ning.com,2021-05-25:5170231:Comment:10602032021-05-25T12:58:56.651ZChetan Prakashhttp://openbooks.ning.com/profile/ChetanPrakash68
<p>ऐ आदाब, ऐसे खड़े रहे तो गला बैठ जाएगा " अजीब मिसरा है, गले से नहीं उतरता ! तुम बोलते रहे तो गला बैठ जाएगा ' कर लीजिएगा !</p>
<p>ऐ आदाब, ऐसे खड़े रहे तो गला बैठ जाएगा " अजीब मिसरा है, गले से नहीं उतरता ! तुम बोलते रहे तो गला बैठ जाएगा ' कर लीजिएगा !</p>