Comments - कौन हो तुम — डॉo विजय शंकर - Open Books Online2024-03-29T00:27:09Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1037777&xn_auth=noआदरणीय ब्रजेश कुमार ब्रज जी ,…tag:openbooks.ning.com,2020-12-13:5170231:Comment:10387302020-12-13T05:32:47.742ZDr. Vijai Shankerhttp://openbooks.ning.com/profile/DrVijaiShanker
<p>आदरणीय ब्रजेश कुमार ब्रज जी , ह्रदय से आभार एवं धन्यवाद , सादर।</p>
<p>आदरणीय ब्रजेश कुमार ब्रज जी , ह्रदय से आभार एवं धन्यवाद , सादर।</p> अच्छी सटीक कविता है डॉ साहब...tag:openbooks.ning.com,2020-12-12:5170231:Comment:10386462020-12-12T15:57:17.575Zबृजेश कुमार 'ब्रज'http://openbooks.ning.com/profile/brijeshkumar
<p>अच्छी सटीक कविता है डॉ साहब...</p>
<p>अच्छी सटीक कविता है डॉ साहब...</p> आदरणीय अमीरुद्दीन अमीर जी , न…tag:openbooks.ning.com,2020-12-06:5170231:Comment:10377982020-12-06T05:27:47.798ZDr. Vijai Shankerhttp://openbooks.ning.com/profile/DrVijaiShanker
<p><br/>आदरणीय अमीरुद्दीन अमीर जी , नमस्कार , रचना को स्वीकार करने और मान देने के लिए आपका ह्रदय से आभार। मुबारकबाद के लिए धन्यवाद , सादर।</p>
<p><br/>आदरणीय अमीरुद्दीन अमीर जी , नमस्कार , रचना को स्वीकार करने और मान देने के लिए आपका ह्रदय से आभार। मुबारकबाद के लिए धन्यवाद , सादर।</p> जनाब डॉ.विजय शंकर जी आदाब, शा…tag:openbooks.ning.com,2020-12-05:5170231:Comment:10378952020-12-05T06:16:04.111Zअमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवीhttp://openbooks.ning.com/profile/0q7lh6g5bl2lz
<p>जनाब डॉ.विजय शंकर जी आदाब, शानदार नसीहत पेश की है दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ। सादर।</p>
<p>जनाब डॉ.विजय शंकर जी आदाब, शानदार नसीहत पेश की है दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ। सादर।</p> आदरणीय लक्षमण धामी मुसाफिर जी…tag:openbooks.ning.com,2020-12-05:5170231:Comment:10379792020-12-05T04:24:58.871ZDr. Vijai Shankerhttp://openbooks.ning.com/profile/DrVijaiShanker
<p>आदरणीय लक्षमण धामी मुसाफिर जी , रचना पर आपकी उपस्थिति एवं सार्थक टिप्पणी के लिए आभार एवं धन्यवाद , सादर।</p>
<p>आदरणीय लक्षमण धामी मुसाफिर जी , रचना पर आपकी उपस्थिति एवं सार्थक टिप्पणी के लिए आभार एवं धन्यवाद , सादर।</p> आदरणीय समर कबीर साहब, नमस्कार…tag:openbooks.ning.com,2020-12-05:5170231:Comment:10378912020-12-05T04:22:47.047ZDr. Vijai Shankerhttp://openbooks.ning.com/profile/DrVijaiShanker
<p>आदरणीय समर कबीर साहब, नमस्कार , जी शुक्रिया , मैं सकुशल हूँ। आशा करता हूँ , आप भी स्वस्थ और सानंद होंगें। आपकी उपस्थिति सदैव उत्साह वर्धक होती है। रचना को स्वीकृति प्रदान करने लिए ह्रदय से आभार , बधाई के लिए धन्यवाद। सादर।</p>
<p>आदरणीय समर कबीर साहब, नमस्कार , जी शुक्रिया , मैं सकुशल हूँ। आशा करता हूँ , आप भी स्वस्थ और सानंद होंगें। आपकी उपस्थिति सदैव उत्साह वर्धक होती है। रचना को स्वीकृति प्रदान करने लिए ह्रदय से आभार , बधाई के लिए धन्यवाद। सादर।</p> आ. भाई विजय शंकर जी, सादर अभि…tag:openbooks.ning.com,2020-12-04:5170231:Comment:10378832020-12-04T15:18:59.800Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई विजय शंकर जी, सादर अभिवादन । बहुत अच्छी रचना हुई है । हार्दिक बधाई।</p>
<p>आ. भाई विजय शंकर जी, सादर अभिवादन । बहुत अच्छी रचना हुई है । हार्दिक बधाई।</p> जनाब डॉ.विजय शंकर जी आदाब, उम…tag:openbooks.ning.com,2020-12-04:5170231:Comment:10377842020-12-04T11:59:23.006ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब डॉ.विजय शंकर जी आदाब, उम्मीद है आप ख़ैरियत से होंगे ।</p>
<p>बहुत उम्द: रचना हुई है,बहुत दिनों बाद आपके ख़ास तेवर वाली रचना पढ़ने को मिली, हार्दिक बधाई स्वीकार करें इस बहतरीन प्रस्तुति पर ।</p>
<p>जनाब डॉ.विजय शंकर जी आदाब, उम्मीद है आप ख़ैरियत से होंगे ।</p>
<p>बहुत उम्द: रचना हुई है,बहुत दिनों बाद आपके ख़ास तेवर वाली रचना पढ़ने को मिली, हार्दिक बधाई स्वीकार करें इस बहतरीन प्रस्तुति पर ।</p>