Comments - ग़ज़ल - Open Books Online2024-03-29T02:32:07Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1037075&xn_auth=noआदरणीय समर कबीर सर्, आदाब। स…tag:openbooks.ning.com,2020-11-24:5170231:Comment:10373352020-11-24T15:13:27.476ZRachna Bhatiahttp://openbooks.ning.com/profile/RachnaBhatia
<p>आदरणीय समर कबीर सर्, आदाब। सर् हौसला अफ़ज़ाई के लिए तथा इस्लाह के लिए आपकी बेहद आभारी हूँ। सर् आपकी इस्लाह के अनुसार सुधार कर लेती हूँ। सादर। </p>
<p>आदरणीय समर कबीर सर्, आदाब। सर् हौसला अफ़ज़ाई के लिए तथा इस्लाह के लिए आपकी बेहद आभारी हूँ। सर् आपकी इस्लाह के अनुसार सुधार कर लेती हूँ। सादर। </p> मुहतरमा रचना भाटिया जी आदाब,…tag:openbooks.ning.com,2020-11-24:5170231:Comment:10373322020-11-24T11:59:54.996ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>मुहतरमा रचना भाटिया जी आदाब, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है, बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>मतले के सानी को ऊला और ऊला को सानी करना उचित होगा ।</p>
<p><span>'ताबिश-ए-ख़्वाब के लिए दिलबर'</span></p>
<p><span>इस मिसरे को यूँ कर लें:-</span></p>
<p><span>'तेरी तस्वीर में मेरे दिलबर'</span></p>
<p></p>
<p><span>'ख़ूँ पसीने की रोज़ी रोटी से</span></p>
<p><span>नक़्श-वादी-ए-जाँ निखरता है'</span></p>
<p><span>ये शैर भर्ती का है ।</span></p>
<p></p>
<p>मुहतरमा रचना भाटिया जी आदाब, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है, बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>मतले के सानी को ऊला और ऊला को सानी करना उचित होगा ।</p>
<p><span>'ताबिश-ए-ख़्वाब के लिए दिलबर'</span></p>
<p><span>इस मिसरे को यूँ कर लें:-</span></p>
<p><span>'तेरी तस्वीर में मेरे दिलबर'</span></p>
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<p><span>'ख़ूँ पसीने की रोज़ी रोटी से</span></p>
<p><span>नक़्श-वादी-ए-जाँ निखरता है'</span></p>
<p><span>ये शैर भर्ती का है ।</span></p>
<p></p> आदरणीय बृजेश कुमार "ब्रज जी …tag:openbooks.ning.com,2020-11-22:5170231:Comment:10372852020-11-22T14:50:24.684ZRachna Bhatiahttp://openbooks.ning.com/profile/RachnaBhatia
<p>आदरणीय बृजेश कुमार "ब्रज जी ,हौसला बढ़ाने के लिए आपकी आभारी हूँ।</p>
<p>आदरणीय बृजेश कुमार "ब्रज जी ,हौसला बढ़ाने के लिए आपकी आभारी हूँ।</p> बढ़िया ग़ज़ल कही आदरणीया...बधाईtag:openbooks.ning.com,2020-11-22:5170231:Comment:10371762020-11-22T07:04:15.139Zबृजेश कुमार 'ब्रज'http://openbooks.ning.com/profile/brijeshkumar
<p>बढ़िया ग़ज़ल कही आदरणीया...बधाई</p>
<p>बढ़िया ग़ज़ल कही आदरणीया...बधाई</p>