Comments - अतुकांत : अमावस की कविता (गणेश बाग़ी) - Open Books Online2024-03-29T14:34:43Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1017459&xn_auth=noग़ज़ब !
भाई गनेस जी !! ..
च…tag:openbooks.ning.com,2020-09-14:5170231:Comment:10177202020-09-14T16:54:13.015ZSaurabh Pandeyhttp://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p>ग़ज़ब ! </p>
<p>भाई गनेस जी !! ..</p>
<p></p>
<p>चामत्कारिक बिंबों से आपने, सच कहूँ, तो अनायास प्रतीत होते, अलिप्त-से दीखते दैनिक प्रवाह में प्रचण्ड प्रवाह पैदा कर दिया है. यथार्थबोध का ऐसा सान्द्र निवेदन कम ही समक्ष आता है. </p>
<p>यदि कहूँ कि यह कविता मुझे यहाँ पटल पर खींच लायी, तो अन्यथा न होगा. बिंब, शिल्प, कथ्य, प्रवाह तथा संदर्भ सबकुछ श्रेष्ठ है. </p>
<p>मैं चकित हूँ. और, आपकी रचनाधर्मिता ही नहीं आपकी वैचारिकता पर भी मुग्ध हूँ. </p>
<p></p>
<p>बधाई.. बधाई..…</p>
<p>ग़ज़ब ! </p>
<p>भाई गनेस जी !! ..</p>
<p></p>
<p>चामत्कारिक बिंबों से आपने, सच कहूँ, तो अनायास प्रतीत होते, अलिप्त-से दीखते दैनिक प्रवाह में प्रचण्ड प्रवाह पैदा कर दिया है. यथार्थबोध का ऐसा सान्द्र निवेदन कम ही समक्ष आता है. </p>
<p>यदि कहूँ कि यह कविता मुझे यहाँ पटल पर खींच लायी, तो अन्यथा न होगा. बिंब, शिल्प, कथ्य, प्रवाह तथा संदर्भ सबकुछ श्रेष्ठ है. </p>
<p>मैं चकित हूँ. और, आपकी रचनाधर्मिता ही नहीं आपकी वैचारिकता पर भी मुग्ध हूँ. </p>
<p></p>
<p>बधाई.. बधाई.. बधाई.. </p>
<p>शुभातिशुभ</p>
<p></p> जनाब गणेश जी
"बाग़ी" साहिब आद…tag:openbooks.ning.com,2020-09-14:5170231:Comment:10177122020-09-14T12:54:59.222ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब गणेश जी </p>
<h1>"बाग़ी" साहिब आदाब, बहुत उम्द: कविता लिखी है आपने, इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</h1>
<p></p>
<p><span>'बहुत ही प्यारे'</span></p>
<p><span>इस पंक्ति में 'प्यारे' की जगह "प्यारी" शब्द उचित होगा ।</span></p>
<p></p>
<p><span>'दोपहर में देखास</span></p>
<p><span>इस पंक्ति में 'देखा' की जगह "देखी" शब्द उचित होगा ।</span></p>
<p>जनाब गणेश जी </p>
<h1>"बाग़ी" साहिब आदाब, बहुत उम्द: कविता लिखी है आपने, इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</h1>
<p></p>
<p><span>'बहुत ही प्यारे'</span></p>
<p><span>इस पंक्ति में 'प्यारे' की जगह "प्यारी" शब्द उचित होगा ।</span></p>
<p></p>
<p><span>'दोपहर में देखास</span></p>
<p><span>इस पंक्ति में 'देखा' की जगह "देखी" शब्द उचित होगा ।</span></p> आ. भाई गणेष जी, सादर अभिवादन…tag:openbooks.ning.com,2020-09-14:5170231:Comment:10176112020-09-14T02:01:00.173Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई गणेष जी, सादर अभिवादन ।सुन्दर अभिव्यक्ति हुई है । हार्दिक बधाई ।</p>
<p>आ. भाई गणेष जी, सादर अभिवादन ।सुन्दर अभिव्यक्ति हुई है । हार्दिक बधाई ।</p> सराहनायुक्त प्रतिक्रिया हेतु…tag:openbooks.ning.com,2020-09-13:5170231:Comment:10174982020-09-13T18:36:32.853ZEr. Ganesh Jee "Bagi"http://openbooks.ning.com/profile/GaneshJee
<p>सराहनायुक्त प्रतिक्रिया हेतु हृदय से आभार आदरणीय हर्ष महाजन जी ।</p>
<p>सराहनायुक्त प्रतिक्रिया हेतु हृदय से आभार आदरणीय हर्ष महाजन जी ।</p> आदरणीय गणेश जी बागी जी कविता…tag:openbooks.ning.com,2020-09-13:5170231:Comment:10175782020-09-13T10:05:21.671ZHarash Mahajanhttp://openbooks.ning.com/profile/HarashMahajan
<p>आदरणीय गणेश जी बागी जी कविता का बहुत ही सुंदर सृजन हुआ । दाद कबूल कीजियेगा ।</p>
<p>सादर ।</p>
<p>आदरणीय गणेश जी बागी जी कविता का बहुत ही सुंदर सृजन हुआ । दाद कबूल कीजियेगा ।</p>
<p>सादर ।</p> त्वरित प्रतिक्रिया हेतु हृदय…tag:openbooks.ning.com,2020-09-13:5170231:Comment:10175762020-09-13T10:05:20.785ZEr. Ganesh Jee "Bagi"http://openbooks.ning.com/profile/GaneshJee
<p>त्वरित प्रतिक्रिया हेतु हृदय से आभार मोहतरम अमीरुद्दीन साहब ।</p>
<p>टंकण त्रुटि ठीक कर लिया है।</p>
<p>त्वरित प्रतिक्रिया हेतु हृदय से आभार मोहतरम अमीरुद्दीन साहब ।</p>
<p>टंकण त्रुटि ठीक कर लिया है।</p> आदरणीय जनाब गणेशजी बागी जी आद…tag:openbooks.ning.com,2020-09-13:5170231:Comment:10174692020-09-13T09:04:44.523Zअमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवीhttp://openbooks.ning.com/profile/0q7lh6g5bl2lz
<p>आदरणीय जनाब गणेशजी बागी जी आदाब, बहुत ही ख़ूबसूरत कविता का सृजन हुआ है बधाई स्वीकार करें। </p>
<p>महोदय शायद टंकण त्रुटि के कारण प्रफुल्लित शब्द ग़लत टाईप हो गया है। सादर। </p>
<p>आदरणीय जनाब गणेशजी बागी जी आदाब, बहुत ही ख़ूबसूरत कविता का सृजन हुआ है बधाई स्वीकार करें। </p>
<p>महोदय शायद टंकण त्रुटि के कारण प्रफुल्लित शब्द ग़लत टाईप हो गया है। सादर। </p>