Comments - अहसास की ग़ज़ल :मनोज अहसास - Open Books Online2024-03-29T09:33:51Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1012397&xn_auth=noआ. भाई मनोज अहसास जी, अच्छी ग…tag:openbooks.ning.com,2020-07-29:5170231:Comment:10138232020-07-29T07:14:20.187Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई मनोज अहसास जी, अच्छी गजल हुई है । हार्दिक बधाई ।</p>
<p>आ. भाई मनोज अहसास जी, अच्छी गजल हुई है । हार्दिक बधाई ।</p> आदरणीय रवि शुक्ला जी
ग़ज़ल पर उ…tag:openbooks.ning.com,2020-07-28:5170231:Comment:10138142020-07-28T20:11:07.473Zमनोज अहसासhttp://openbooks.ning.com/profile/ManojkumarAhsaas
<p>आदरणीय रवि शुक्ला जी</p>
<p>ग़ज़ल पर उपस्थिति के लिए हार्दिक आभार</p>
<p>सादर</p>
<p>आदरणीय रवि शुक्ला जी</p>
<p>ग़ज़ल पर उपस्थिति के लिए हार्दिक आभार</p>
<p>सादर</p> आदरणीय अमीर साहब
सुझाव के लि…tag:openbooks.ning.com,2020-07-28:5170231:Comment:10138122020-07-28T20:10:16.154Zमनोज अहसासhttp://openbooks.ning.com/profile/ManojkumarAhsaas
<p>आदरणीय अमीर साहब </p>
<p>सुझाव के लिए हार्दिक आभार सादर</p>
<p>आदरणीय अमीर साहब </p>
<p>सुझाव के लिए हार्दिक आभार सादर</p> आदरणीय मनोज अह्सास जी , अच्छी…tag:openbooks.ning.com,2020-07-21:5170231:Comment:10126692020-07-21T06:31:57.877ZRavi Shuklahttp://openbooks.ning.com/profile/RaviShukla
<p><span>आदरणीय मनोज अह्सास जी , अच्छी ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार करें।</span></p>
<p></p>
<p><span>कुछ तो सोचा होगा उसने दुनिया देख रहा है जो </span></p>
<p><span>आप भले कह लें उसको ये ज़ालिम है भागवान बहुत </span></p>
<p></p>
<p></p>
<p><span>आदरणीय मनोज अह्सास जी , अच्छी ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार करें।</span></p>
<p></p>
<p><span>कुछ तो सोचा होगा उसने दुनिया देख रहा है जो </span></p>
<p><span>आप भले कह लें उसको ये ज़ालिम है भागवान बहुत </span></p>
<p></p>
<p></p> जनाब मनोज अह्सास जी आदाब, अच्…tag:openbooks.ning.com,2020-07-20:5170231:Comment:10127242020-07-20T19:20:25.338Zअमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवीhttp://openbooks.ning.com/profile/0q7lh6g5bl2lz
<p>जनाब मनोज अह्सास जी आदाब, अच्छी ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार करें।</p>
<p>उर्दू के लफ़्ज़ों ज़्यादा, ज़ालिम में नुक़्ता लगा लें। सादर। </p>
<p>जनाब मनोज अह्सास जी आदाब, अच्छी ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार करें।</p>
<p>उर्दू के लफ़्ज़ों ज़्यादा, ज़ालिम में नुक़्ता लगा लें। सादर। </p>