Comments - वर्षा के दोहे -१ - Open Books Online2024-03-29T14:52:56Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1011733&xn_auth=noआ. भाई सुरेंद्र नाथ जी, सादर…tag:openbooks.ning.com,2020-07-12:5170231:Comment:10121632020-07-12T15:22:00.294Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई सुरेंद्र नाथ जी, सादर अभिवादन । दोहों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार ।</p>
<p>आ. भाई सुरेंद्र नाथ जी, सादर अभिवादन । दोहों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार ।</p> आद0 लक्ष्मण धामी जी सादर अभिव…tag:openbooks.ning.com,2020-07-11:5170231:Comment:10119772020-07-11T07:19:52.296Zनाथ सोनांचलीhttp://openbooks.ning.com/profile/SurendraNathSingh
<p>आद0 लक्ष्मण धामी जी सादर अभिवादन। बरसात को विषय बनाकर बहुत बेहतरीन दोहे रचे हैं।बधाई स्वीकार कीजिये</p>
<p>आद0 लक्ष्मण धामी जी सादर अभिवादन। बरसात को विषय बनाकर बहुत बेहतरीन दोहे रचे हैं।बधाई स्वीकार कीजिये</p> आ. भाई तेजवीर जी, सादर अभिवाद…tag:openbooks.ning.com,2020-07-07:5170231:Comment:10117512020-07-07T03:49:46.486Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई तेजवीर जी, सादर अभिवादन । दोहों पर उपस्थिति और सराहना के लिए आभार ।</p>
<p>आ. भाई तेजवीर जी, सादर अभिवादन । दोहों पर उपस्थिति और सराहना के लिए आभार ।</p> हार्दिक बधाई आदरणीय लक्ष्मण ध…tag:openbooks.ning.com,2020-07-07:5170231:Comment:10117472020-07-07T03:00:16.963ZTEJ VEER SINGHhttp://openbooks.ning.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय <span>लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर </span>जी। बेहतरीन दोहे।</p>
<p><span>भीगी मिट्टी की महक, नित्य बढ़ाये प्यास </span><br/><span>सावन सूखा रह गया, क्या भादौ से आस।९।</span><br/><span>**</span></p>
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय <span>लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर </span>जी। बेहतरीन दोहे।</p>
<p><span>भीगी मिट्टी की महक, नित्य बढ़ाये प्यास </span><br/><span>सावन सूखा रह गया, क्या भादौ से आस।९।</span><br/><span>**</span></p>