Comments - अहसास की ग़ज़ल :मनोज अहसास - Open Books Online2024-03-29T08:37:55Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1010622&xn_auth=noहार्दिक आभार आदरणीय
आगे से बे…tag:openbooks.ning.com,2020-06-29:5170231:Comment:10111652020-06-29T05:48:47.360Zमनोज अहसासhttp://openbooks.ning.com/profile/ManojkumarAhsaas
<p>हार्दिक आभार आदरणीय</p>
<p>आगे से बेहतर प्रयास का प्रयास रहेगा</p>
<p>हार्दिक आभार आदरणीय</p>
<p>आगे से बेहतर प्रयास का प्रयास रहेगा</p> जनाब मनोज अहसास जी आदाब, ग़ज़ल…tag:openbooks.ning.com,2020-06-24:5170231:Comment:10107502020-06-24T09:02:53.334ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब मनोज अहसास जी आदाब, ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,लेकिन इसमें ग़ज़लियत नहीं है,मिसरों में जैसे तैसे मात्राएँ पूरी की गई हैं, बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p></p>
<p><span>'मानव की ताकत की हक़ीक़त'</span></p>
<p><span>इस मिसरे की बह्र चेक करें ।</span></p>
<p>जनाब मनोज अहसास जी आदाब, ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,लेकिन इसमें ग़ज़लियत नहीं है,मिसरों में जैसे तैसे मात्राएँ पूरी की गई हैं, बधाई स्वीकार करें ।</p>
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<p><span>'मानव की ताकत की हक़ीक़त'</span></p>
<p><span>इस मिसरे की बह्र चेक करें ।</span></p>