Comments - महसूस होता क्या उसे दर्द-ए-जिगर नहीं (६७ ) - Open Books Online2024-03-28T11:01:08Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1002226&xn_auth=noमेरे कहे को मान देने और मोबाइ…tag:openbooks.ning.com,2020-03-11:5170231:Comment:10022422020-03-11T15:18:57.660ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>मेरे कहे को मान देने और मोबाइल नम्बर देने के लिए आपका शुक्रिय: ।</p>
<p>मेरे कहे को मान देने और मोबाइल नम्बर देने के लिए आपका शुक्रिय: ।</p> आदरणीय Samar kabeer साहेब , ह…tag:openbooks.ning.com,2020-03-11:5170231:Comment:10021562020-03-11T13:21:25.824Zगिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत 'http://openbooks.ning.com/profile/GIRDHARISINGHGAHLO
<p>आदरणीय <a href="http://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer" class="fn url">Samar kabeer</a> साहेब , हालाँकि मजबूरी है क़ि मुझे ऑनलाइन लुग़त से ही अर्थ देखने पड़ते हैं , लेकिन जैसे जैसे आप जैसे जानकार सही बातें बताते हैं , मैं उनका भविष्य में हमेशा पालन करता हूँ | हाँ जानकारी के अभाव में तो गलतियां होना स्वाभाविक है | सादर नमन | मेरे मोबाईल नंबर हैं -9351206653 एवं 8209191812 </p>
<p>आदरणीय <a href="http://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer" class="fn url">Samar kabeer</a> साहेब , हालाँकि मजबूरी है क़ि मुझे ऑनलाइन लुग़त से ही अर्थ देखने पड़ते हैं , लेकिन जैसे जैसे आप जैसे जानकार सही बातें बताते हैं , मैं उनका भविष्य में हमेशा पालन करता हूँ | हाँ जानकारी के अभाव में तो गलतियां होना स्वाभाविक है | सादर नमन | मेरे मोबाईल नंबर हैं -9351206653 एवं 8209191812 </p> भाई, पहली बात ये कि आन लाइन श…tag:openbooks.ning.com,2020-03-11:5170231:Comment:10020642020-03-11T10:57:24.253ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>भाई, पहली बात ये कि आन लाइन शब्दकोष भरोसे लाइक़ नहीं होते,'गारा' और 'प्यार' दोनों ही शब्द हिन्दी भाषा के हैं,और सहीह शब्द "जाइज़"और "शाइर" ही है,मेरा काम सहीह जानकारी देना है,बाक़ी आपकी मर्ज़ी,और हाँ मैंने आपसे मोबाइल नम्बर देने का निवेदन किया था?</p>
<p>भाई, पहली बात ये कि आन लाइन शब्दकोष भरोसे लाइक़ नहीं होते,'गारा' और 'प्यार' दोनों ही शब्द हिन्दी भाषा के हैं,और सहीह शब्द "जाइज़"और "शाइर" ही है,मेरा काम सहीह जानकारी देना है,बाक़ी आपकी मर्ज़ी,और हाँ मैंने आपसे मोबाइल नम्बर देने का निवेदन किया था?</p> आदरणीय , Samar kabeer साहेब…tag:openbooks.ning.com,2020-03-11:5170231:Comment:10020622020-03-11T10:41:57.034Zगिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत 'http://openbooks.ning.com/profile/GIRDHARISINGHGAHLO
<p>आदरणीय , <span> </span><a class="fn url" href="http://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer">Samar kabeer</a> साहेब आपकी हौसला आफ़जाई के लिए दिल से शुक्रिया | गारा को उर्दू में भी गारा ही कहते हैं और प्यार भी उर्दू का ही शब्द माना जाता है | मैंने गूगल में सर्च किया तो गारा को उर्दू शब्द ही बताया था | उसके बाद ही मैंने प्रयोग किया इज़ाफ़त में | फ़ारसी में शायद कुछ और अर्थ होगा | फिर भी मैंने आपकी बात को संज्ञान में लिया है | इसे सही करने की कोशिश करूंगा | जायज़ और जाइज़ दोनों लुग़त में हैं…</p>
<p>आदरणीय , <span> </span><a href="http://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer" class="fn url">Samar kabeer</a> साहेब आपकी हौसला आफ़जाई के लिए दिल से शुक्रिया | गारा को उर्दू में भी गारा ही कहते हैं और प्यार भी उर्दू का ही शब्द माना जाता है | मैंने गूगल में सर्च किया तो गारा को उर्दू शब्द ही बताया था | उसके बाद ही मैंने प्रयोग किया इज़ाफ़त में | फ़ारसी में शायद कुछ और अर्थ होगा | फिर भी मैंने आपकी बात को संज्ञान में लिया है | इसे सही करने की कोशिश करूंगा | जायज़ और जाइज़ दोनों लुग़त में हैं जैसे शायर और शाइर है , इ और य एक दूसरे की जगह काफी इस्तेमाल होते हैं और उर्दू न जानने वालों को थोड़ा असमंजस रहता है | </p> जनाब गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरं…tag:openbooks.ning.com,2020-03-11:5170231:Comment:10020512020-03-11T01:54:01.512ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत' जी आदाब, काफ़ी समय बाद पटल पर आपकी ग़ज़ल देख कर ख़ुशी हुई,कहाँ थे हुज़ूर?</p>
<p>ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p></p>
<p><span>'जायज़ नहीं है आपका वादों को तोड़ना'</span></p>
<p><span>इस मिसरे में 'जायज़' को "जाइज़" कर लें ।</span></p>
<p></p>
<p><span>'गारा-ए-प्यार गर नहीं बुनियाद में 'तुरंत ''</span></p>
<p><span>इस मिसरे में इज़ाफ़त का इस्तेमाल उचित नहीं,क्योंकि 'गारा' और 'प्यार' दोनों हिन्दी भाषा के शब्द हैं ।</span></p>
<p><span>अगर उचित समझें…</span></p>
<p>जनाब गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत' जी आदाब, काफ़ी समय बाद पटल पर आपकी ग़ज़ल देख कर ख़ुशी हुई,कहाँ थे हुज़ूर?</p>
<p>ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
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<p><span>'जायज़ नहीं है आपका वादों को तोड़ना'</span></p>
<p><span>इस मिसरे में 'जायज़' को "जाइज़" कर लें ।</span></p>
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<p><span>'गारा-ए-प्यार गर नहीं बुनियाद में 'तुरंत ''</span></p>
<p><span>इस मिसरे में इज़ाफ़त का इस्तेमाल उचित नहीं,क्योंकि 'गारा' और 'प्यार' दोनों हिन्दी भाषा के शब्द हैं ।</span></p>
<p><span>अगर उचित समझें तो अपना मोबाइल नम्बर देने का कष्ट करें ।</span></p>