For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Deepak Sharma Kuluvi's Blog – October 2012 Archive (8)

झाँको

झाँको 

कल फिर से जलेगा रावण

मन शांत और दिन पावन

रौनक छाई चेहरों पे ऐसे

पतझड़ में जैसे आया सावन

रावण को जलाने से पहले

अपनें भीतर भी झांको

उसके कर्मों से प्यारे

अपनें कुकर्म भी आँको

उन्नीस बीस का फर्क दिखेगा

उसके ज्यादा कुछ न मिलेगा

रावण तो था शूरवीर

पंडित था…

Continue

Added by Deepak Sharma Kuluvi on October 23, 2012 at 11:00am — 3 Comments

श्रद्धा सुमन

श्रद्धा सुमन
यश चोपड़ा जी चले गए छोड़ के यह संसार
डेंगू के इक मच्छर ने ले ली उनकी जान
मौत पे किसी का बस नहीं है बेबस है इंसान
श्रद्धा सुमन करता  अर्पित उनको यह सारा संसार
80 बरस  तक सेवा की बालीबुड की जी…
Continue

Added by Deepak Sharma Kuluvi on October 22, 2012 at 12:26pm — 5 Comments

यह मेरा दर्द है

यह मेरा दर्द है
 

यह मेरा दर्द है,आँखों से छलक आता है

यूँ ही पैमाना,बदनाम हुआ जाता है



लाख कह ले यह ज़माना,न जीना आया हमें

वक़्त अच्छा हो बुरा हो,गुज़र तो जाता है



सबको हँसता हुआ देख लूँ,मैं चला जाऊँगा

यूँ भी "दीपक" जलनें से कहाँ बच पाता है



मैं न अपनों को याद आऊँ,न गैरों को

प्यार उस हद तक मेरा मुझको,नज़र आता है…

Continue

Added by Deepak Sharma Kuluvi on October 17, 2012 at 1:00pm — 3 Comments

रक्षक ही भक्षक

रक्षक ही भक्षक 
जांच अगर हो कायदे से 
कोई बच न पाए
भारत में बच्चे से बूढ़ा
घूसखोर  नज़र आए
बड़े बड़े घोटाले यहाँ पर
मामूली सा खेल है
बच्चे को जब तक दो न चॉकलेट
वह भी स्कूल न जाए
कब तक लड़ेंगे अन्ना हजारे
कब तक केजरी वाल 
हर शाख पे उल्लू बैठा…
Continue

Added by Deepak Sharma Kuluvi on October 17, 2012 at 11:44am — 3 Comments

छुपा सकता है

छुपा सकता है 
 

यह हिन्दोस्तान है प्यारे 

यहाँ कुछ भी हो सकता है
ख़ाली जगह में स्थापित मूर्ति पर 
बोर्ड प्राचीन मंदिर का लग सकता है
आस्था के नाम पर 
यहाँ बहुत कुछ होता है
हर एक तिलकधारी 
बाबा नहीं होता है 
जिसमें दम हो वह जहाँ चाहे 
कब्ज़ा जमा सकता है
इन्हीं धर्मस्थलों की आड़ में 
अपने कुकर्म छुपा सकता…
Continue

Added by Deepak Sharma Kuluvi on October 17, 2012 at 10:52am — No Comments

कुछ भी हो सकता है

कुछ भी हो सकता है

जंगल राज है कुछ न कहो

ख़ामोशी अपनाओ

बापू के तीन बंदरों जैसे

ज्ञानी बन जाओ

अच्छा देखो न बुरा ही देखो

न ही सुनो न कहो

सुखी जो रहना चाहते हो

मूक दर्शक बन जाओ

वर्ना कुछ भी हो सकता है

सब कुछ लुट सकता है

मौत से डर नहीं लगता तो

हरगिज़ न घबराओ

फैसला आपके हाथ में है

कैसे जीना चाहते हो

इज्जत अगर है प्यारी

मेरे साथ आओ

मेरे साथ आ....…

Continue

Added by Deepak Sharma Kuluvi on October 9, 2012 at 1:17pm — 6 Comments

गिनीज़ वर्ल्ड रिकार्ड

बिनम्र भाव से बोले रावण

क्या मुझे जलाने आए हो

ज्ञानी पंडित भी साथ न लाए हो

मेरी मुक्ति कैसे होगी ?

मेरी मुक्ति नहीं होती

तभी तो बच जाता हूँ

सबसे अधिक बार जलने का

गिनीज़ वर्ल्ड रिकार्ड बनाता हूँ

 

दीपक…
Continue

Added by Deepak Sharma Kuluvi on October 9, 2012 at 11:00am — 5 Comments

कहानी अपनी अपनी सोच

 
मैं जैसे ही अपने एक पुराने मित्र के घर पहुंचा तो उसकी दयनीय हालत देखकर दंग रह गया.....ऐसा लग रहा था की बरसों का मरीज़ हो  अपने कालेज के समय में हमेशा हीरो जैसे टिप टॉप  रहनें वाला मेरा मित्र आज फटे हाल सी जिंदगी बसर कर रहा था I जगह जगह से कटे,फटे मैले कुचैले कपड़े.....और तो और बनियान में भी इतने छेद थे…
Continue

Added by Deepak Sharma Kuluvi on October 4, 2012 at 2:30pm — 4 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार "
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service