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PHOOL SINGH's Blog – December 2019 Archive (3)

दंगाइयो से मेरी विनती

क्या तुम्हारा जमीर ना जागता

क्यों घायल किसी को करते हो

पुलिस वाले भी अपने भाई-बंधु

पत्थर उनको क्यूँ मारते हो ||

 

विरोध करना, विरोध करो तुम

संविधान अधिकार ये देता है

उपद्रव ना मचाने की

हिदायत भी संविधान हमारा देता है ||



उपद्रव का ना मार्ग चुनो

शांति से विरोध करो

पुलिस करती रखवाली हमारी

उस पर बेवजह ना वार करो ||



दिन रात करती हमारी…

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Added by PHOOL SINGH on December 26, 2019 at 3:21pm — 4 Comments

एक भिखारिन की वेदना

जाने कैसी विडम्बना जीवन की

जो इस दशा आ गिरी

ना कोई हमदर्द अपना

ना ही मेरा साथी कोई, ना किसी ने वेदना सुनी ||  

 

आते-जाते सब देखते

मिलता ना अब तक बिरला कोई

मेरी सुने कभी अपनी सुनाये

आत्मीयता से मिले कभी ||

 

ना क्षुधा मुझे किसी के धन की

ना लोभ भी मन में कोई

कहीं पड़ा मिल जाता पाथेय

उससे अपना पेट भरी ||

 

आमूल तक मै टूट चुकी

महि मुझको कोष रही

व्रजपात…

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Added by PHOOL SINGH on December 24, 2019 at 12:56pm — 1 Comment

एक पागल की आत्म गाथा

दुनियाँ कहे मै पागल हूँ

मै कहता पागल नहीं, बस घायल हूँ

कभी व्यंग्य, कभी आक्षेप को

खुद पर रोज मैं सहता, अपनी व्यथा किसे सुनाऊ

कितनी चोटों से घायल हूँ

जीने की मै कोशिश करता, मै इस समाज की रंगत हूँ ||

 

क्यूँ पागल मै कैसे हुआ

पुंछने वाला ना हमदर्द मिला, जो मिला वो ताने कसता  

देख उसे अब मै हँसता हूँ

पल भर में ये वक़्त बदलता

कौन जाने, तेरा आने वाला कल मै ही हूँ

 कितनी चोटों से घायल हूँ ||

 

कोई प्रेम…

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Added by PHOOL SINGH on December 6, 2019 at 4:30pm — 2 Comments

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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
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"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
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"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
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"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
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"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
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"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
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