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लक्ष्मण रामानुज लडीवाला's Blog – July 2014 Archive (3)

कुण्डलिया छंद - लक्ष्मण लडीवाला

ईद मनाये हम सभी गले मिले सब आज

सर्व धर्म सद्भाव के अकबर थे सरताज |

अकबर थे सरताज, सभी का मान बढाया

नवरत्नों के साथ, गर्व से राज चलाया

सभी तीज त्यौहार सुखद अनुभूति कराये

बढे ह्रदय सद्भाव सभी अब ईद मनाये |…

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Added by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on July 29, 2014 at 10:30am — 10 Comments

आग्रही नयी पीढ़ी

सामाजिक सुरक्षा को तरसे

एकल परिवारों में जो पले,

आर्थिक सुरक्षा और -

स्नेह भाव मिले

संयुक्त परिवार की ही

छाया तले |

घर परिवार में

हर सदस्य का सीर  

बुजुर्ग भी होते भागीदार,

बच्चो की परवरिश हो,

संस्कार या व्यवहार |

 

अभिभावक व माता पिता

जताकर समय का अभाव

नहीं बने

अपराध बोध के शिकार,

संयुक्त परिवार तभी

रहे और चले |

प्रतिस्पर्था से भरी

सुरसा सामान…

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Added by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on July 22, 2014 at 10:30am — 10 Comments

सांत्वना (लघु कहानी)-लक्ष्मण लडीवाला

पत्नी की म्रत्यु के २ वर्ष बाद ही बीमार रहने लगे मथुरा के संभ्रांत और संपन्न परिवारके श्री काशी प्रसाद जी का

८५ वर्ष की उम्र में देहांत हो गया | रात को शौक जताने आयेरिश्तेदार दुःख की घडी में सांत्वनाजता रहे थे, तभी

उस परिवार की बहुएँ…

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Added by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on July 2, 2014 at 9:30am — 18 Comments

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