For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Neeraj Nishchal's Blog – December 2013 Archive (4)

ढूँढ़ता है दिल मेरा

तेरी सूरत का नज़ारा ढूँढ़ता है दिल मेरा ।

बस धड़कने का सहारा ढूँढ़ता है दिल मेरा ।

बेवफाई कि खिजां में खो गया था जो कभी ,

प्यार का मौसम दुबारा ढूँढ़ता है दिल मेरा ।

जिनकी कातिल सी अदा पर मर मिटा था ये कभी ,

उन निगाहों का इशारा ढूँढ़ता है दिल मेरा ।

रहनुमाँ उस आसमाँ से मांगने को एक दुआ ,

आज फिर टूटा सितारा ढूँढ़ता है दिल मेरा ।

भूलकर दुनिया के सारे  आशियाँ और मकाँ ,

तेरे आँचल में गुज़ारा ढूँढ़ता है दिल मेरा…

Continue

Added by Neeraj Nishchal on December 30, 2013 at 2:30pm — 18 Comments

'प्रेम' अतुकान्त

प्रेम करो प्रकृति द्वारा
सृजित जीवन से
तो ही जान सकोगे
जीवन के गर्भ में
छुपे अनगिनत रहस्यों को
प्रेम से खुलेंगे
जीवन के वो द्वार
जिनके लिए जन्मों जन्मों
से भटकते रहे तुम
जिनसे अब तक
अन्जान रहे तुम
प्रेम से होगी यह प्रकृति
तुम्हे समर्पित
खोल कर रख देगी
सारे राज तुम्हारे सामने
जैसे गिरा देती है प्रेयसी
परदे अपने प्रेमी के सामने ।

मौलिक व अप्रकाशित
नीरज 'प्रेम '

Added by Neeraj Nishchal on December 8, 2013 at 12:51pm — 19 Comments

सबने तो वाह वाह की

कैसे सुनाएँ दास्ताँ तरसी निगाह की ।

दौरे ग़मों में किस तरह हमने पनाह की ।

 

दर्दे सितम प्यार में मिलते रहे हमे ,

चुपचाप सह गए कभी हमने न आह की ।

 

बीती फकत जो ज़िन्दगी हमने किया नही ,

हमें सजा भी मिल गयी ऐसे गुनाह की ।

 

एक एक करके हसरतें दम तोड़ती गयीं ,

हमको मिला वही कभी जिसकी न चाह की ।

 

तूफाँ कभी न आया शायद मेरी डगर ,

उसकी डगर में ज़िन्दगी हमने तबाह की ।

 

हाले बयान  ये जो महफ़िल में कर…

Continue

Added by Neeraj Nishchal on December 6, 2013 at 2:30pm — 17 Comments

दीवाना होश खो देगा

कन्हैया यूँ न मुस्काओ दीवाना होश खो देगा ।

कि खुद डूबेगा मस्ती में वो तुमको भी डुबो देगा ।

दीवाने को नही मालुम तेरी मुस्कान का जादू ।

जो देखेगा छटा मुख की तो हो जाये न बेकाबू ।

फिर तो होके वो पागल तुम्हारे पीछे दौड़ेगा ।

कन्हैया यूँ न मुस्काओ दीवाना होश खो देगा ।

ये करुणा से भरी आँखें पिलाती प्रेम का प्याला ।

के उस पर माधुरी तेरी घोल दे कौन सी हाला ।

गिरेगा लड़खड़ाकर जब तुम्हें बदनाम कर देगा ।

कन्हैया यूँ…

Continue

Added by Neeraj Nishchal on December 4, 2013 at 6:26am — 18 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय आज़ी जी अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें"
1 minute ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीर जी अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें"
2 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय चेतन जी अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें"
2 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण जी अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें"
3 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश जी अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें"
4 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय यमित जी अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें"
5 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीया ऋचा जी अच्छी ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें"
7 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी, आपकी इस इज़्ज़त अफ़ज़ाई के लिए आपका शुक्रगुज़ार रहूँगा। "
58 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय ज़ैफ़ भाई आदाब, बहुत अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार करें।"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी ठीक है *इल्तिजा मस'अले को सुलझाना प्यार से ---जो चाहे हो रास्ता निकलने में देर कितनी लगती…"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीर जी सादर प्रणाम । ग़ज़ल तक आने व हौसला बढ़ाने हेतु शुक्रियः । "गिर के फिर सँभलने…"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"ठीक है खुल के जीने का दिल में हौसला अगर हो तो  मौत   को   दहलने में …"
1 hour ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service