For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Sanjiv verma 'salil''s Blog – April 2012 Archive (4)

दोहा सलिला: अंगरेजी में खाँसते... --संजीव 'सलिल'

दोहा सलिला:

अंगरेजी में खाँसते...

संजीव 'सलिल'

*

अंगरेजी में खाँसते, समझें खुद को  श्रेष्ठ.

हिंदी की अवहेलना, समझ न पायें नेष्ठ..

*

टेबल याने सारणी, टेबल माने मेज.

बैड बुरा माने 'सलिल', या समझें हम सेज..

*

जिलाधीश लगता कठिन, सरल कलेक्टर शब्द.

भारतीय अंग्रेज की, सोच करे बेशब्द..

*

नोट लिखें या गिन रखें, कौन बताये मीत?

हिन्दी को मत भूलिए, गा अंगरेजी गीत..

*

जीते जी माँ ममी हैं, और पिता हैं डैड.

जिस भाषा में…

Continue

Added by sanjiv verma 'salil' on April 23, 2012 at 7:10am — 15 Comments

मुक्तिका

मुक्तिका: संजीव 'सलिल'

*

लफ्ज़ लब से फूल की पँखुरी सदृश झरते रहे.

खलिश हरकर ज़िंदगी को बेहतर करते रहे..



चुना था उनको कि कुछ सेवा करेंगे देश की-

हाय री किस्मत! वतन को गधे मिल चरते रहे..



आँख से आँखें मिलाकर, आँख में कब आ बसे?

मूँद लीं आँखें सनम सपने हसीं भरते रहे..



ज़िंदगी जिससे मिली करते उसीकी बंदगी.

है हकीकत उसी पर हर श्वास हम मरते रहे..



कामयाबी जब मिली…

Continue

Added by sanjiv verma 'salil' on April 19, 2012 at 7:30am — 5 Comments

कवि और कविता १. : प्रो. वीणा तिवारी -- संजीव 'सलिल'

कवि और कविता १. : प्रो. वीणा तिवारी

-- संजीव 'सलिल'

कवि परिचय:

३०-०७-१९४४, एम्. ए., एम्,. एड.

प्रकाशित कृतियाँ - सुख पाहुना सा (काव्य संग्रह), पोशम्पा (बाल गीत संग्रह),…
Continue

Added by sanjiv verma 'salil' on April 14, 2012 at 6:00pm — 1 Comment

मुक्तिका -- संजीव 'सलिल'

मुक्तिका

संजीव 'सलिल'

*

लिखा रहा वह, हम लिखते हैं.

अधिक देखते कम लिखते हैं..



तुमने जिसको पूजा, उसको-

गले लगा हमदम लिखते हैं..



जग लिखता है हँसी ठहाके.

जो हैं चुप वे गम लिखते हैं..



तुम भूले सावन औ' कजरी

हम फागुन पुरनम लिखते हैं..



पूनम की चाँदनी लुटाकर

हँस 'मावस का तम लिखते हैं..



स्वेद-बिंदु से श्रम-अर्चन कर

संकल्पी परचम लिखते हैं..



शुभ विवाह की रजत जयन्ती

मने- ज़ुल्फ़  का ख़म…

Continue

Added by sanjiv verma 'salil' on April 4, 2012 at 8:30pm — 8 Comments

Monthly Archives

2013

2012

2011

2010

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"वाह बहुत खूबसूरत सृजन है सर जी हार्दिक बधाई"
12 hours ago
Samar kabeer commented on Samar kabeer's blog post "ओबीओ की 14वीं सालगिरह का तुहफ़ा"
"जनाब चेतन प्रकाश जी आदाब, आमीन ! आपकी सुख़न नवाज़ी के लिए बहुत शुक्रिय: अदा करता हूँ,सलामत रहें ।"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 166 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ पचपनवाँ आयोजन है.…See More
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"तकनीकी कारणों से साइट खुलने में व्यवधान को देखते हुए आयोजन अवधि आज दिनांक 15.04.24 को रात्रि 12 बजे…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय समर कबीर जी हार्दिक धन्यवाद आपका। बहुत बहुत आभार।"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जय- पराजय ः गीतिका छंद जय पराजय कुछ नहीं बस, आँकड़ो का मेल है । आड़ ..लेकर ..दूसरों.. की़, जीतने…"
Sunday
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जनाब मिथिलेश वामनकर जी आदाब, उम्द: रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना

याद कर इतना न दिल कमजोर करनाआऊंगा तब खूब जी भर बोर करना।मुख्तसर सी बात है लेकिन जरूरीकह दूं मैं, बस…See More
Saturday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"मन की तख्ती पर सदा, खींचो सत्य सुरेख। जय की होगी शृंखला  एक पराजय देख। - आयेंगे कुछ मौन…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"स्वागतम"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service