For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan"'s Blog – July 2019 Archive (3)

हर नफ़र इस शह्र का कुछ इस तरह बस जी रहा--------ग़ज़ल

2122 2122 2122 212

लड़खड़ाती साँस डगमग आस व्याकुल मन सदा

हर नफ़र इस शह्र का कुछ इस तरह बस जी रहा

अनगिनत सपने सजा कर, चाहते निंदिया नयन

रात भर बेचैनियों की, है ग़ज़ब देखो प्रथा

पत्थर-ओ-फ़ौलाद की दीवारें मुझ को चुभ रहीं

आप यदि अपने महल में खुश हैं फिर तो वाह वा

सृष्टि की हर एक रचना का अलग इक सत्य है

कैसे लिख दूँ एक है व्यवहार जल औ आग का

फूल की डाली कली से फुसफुसा कर कह गई

ओढ़ ले काँटे सुरक्षा का यही है…

Continue

Added by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on July 25, 2019 at 4:00pm — 4 Comments

मुसीबत जुटातीं ग़लत फहमियाँ-----ग़ज़ल

122 122 122 12

मुसीबत जुटातीं ग़लत फहमियाँ
सुकूँ यूँ चुरातीं ग़लत फहमियाँ

किसी रिश्ते के दरमियाँ आएँ तो
महब्बत जलातीं ग़लत फहमियाँ

जहाँ तक भी हो इससे बच के रहो
तबाही मचातीं ग़लत फहमियाँ

अगर गर्व हावी हुआ शक्ति पे
ग़लत पथ धरातीं ग़लत फहमियाँ

उन्हें सच से जिसने न पोषित किया
उन्हीं को चबातीं ग़लत फहमियाँ

मौलिक अप्रकाशित

Added by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on July 10, 2019 at 10:11pm — 4 Comments

ये भँव तिरी तो कमान लगे----ग़ज़ल

12112 12112

ये भँव तिरी तो, कमान लगे

तिरे ये नयन, दो बान लगे

कहीं न रुके, रमे न कहीं

इसे तू ही तो, जहान लगे

मैं जब से मिला हूँ तुम से, मिरी

हरेक अदा जवान लगे

अमिय है तिरी अवाज़ सखी

तू गीत लगे है गान लगे

है खोजती महज़ तुझे ही निगा'ह

न और कहीं मिरा धियान लगे

मौलिक अप्रकाशित

Added by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on July 8, 2019 at 10:55pm — 5 Comments

Monthly Archives

2022

2021

2019

2018

2017

2016

2015

1999

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"तकनीकी कारणों से साइट खुलने में व्यवधान को देखते हुए आयोजन अवधि आज दिनांक 15.04.24 को रात्रि 12 बजे…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय समर कबीर जी हार्दिक धन्यवाद आपका। बहुत बहुत आभार।"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जय- पराजय ः गीतिका छंद जय पराजय कुछ नहीं बस, आँकड़ो का मेल है । आड़ ..लेकर ..दूसरों.. की़, जीतने…"
yesterday
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जनाब मिथिलेश वामनकर जी आदाब, उम्द: रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना

याद कर इतना न दिल कमजोर करनाआऊंगा तब खूब जी भर बोर करना।मुख्तसर सी बात है लेकिन जरूरीकह दूं मैं, बस…See More
Saturday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"मन की तख्ती पर सदा, खींचो सत्य सुरेख। जय की होगी शृंखला  एक पराजय देख। - आयेंगे कुछ मौन…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"स्वागतम"
Saturday
PHOOL SINGH added a discussion to the group धार्मिक साहित्य
Thumbnail

महर्षि वाल्मीकि

महर्षि वाल्मीकिमहर्षि वाल्मीकि का जन्ममहर्षि वाल्मीकि के जन्म के बारे में बहुत भ्रांतियाँ मिलती है…See More
Apr 10
Aazi Tamaam posted a blog post

ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी

२१२२ २१२२ग़मज़दा आँखों का पानीबोलता है बे-ज़बानीमार ही डालेगी हमकोआज उनकी सरगिरानीआपकी हर बात…See More
Apr 10
Chetan Prakash commented on Samar kabeer's blog post "ओबीओ की 14वीं सालगिरह का तुहफ़ा"
"आदाब,  समर कबीर साहब ! ओ.बी.ओ की सालगिरह पर , आपकी ग़ज़ल-प्रस्तुति, आदरणीय ,  मंच के…"
Apr 10
Ashok Kumar Raktale commented on Ashok Kumar Raktale's blog post कैसे खैर मनाएँ
"आदरणीय सुशील सरना साहब सादर, प्रस्तूत रचना पर उत्साहवर्धन के लिये आपका बहुत-बहुत आभार। सादर "
Apr 9

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service