For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's Blog – September 2021 Archive (3)

ग़ज़ल (हुस्न तो  मिट जाएगा...)

2122 -  2122 -  2122 - 212

 

हुस्न तो  मिट जाएगा  फिर भी अदा रह जाएगी 

ढल  चलेगी  ये  जवानी  पर  वफ़ा  रह  जाएगी 

साथ मेरे  तुम हो जब  तक प्यार की  सौग़ात है 

बिन तुम्हारे  ज़िन्दगी ये  इक सज़ा  रह  जाएगी 

जब तलक  माँ-बाप राज़ी  बस दुआ मक़्बूल है 

दिल दुखा तो फ़र्श पर  ही  हर दुआ रह जाएगी 

ईद का दिन है  तेरी  रहमत भी  है अब जोश में 

मेरे जैसों की भी झोली  ख़ाली क्या रह जाएगी

कर भलाई  के भी…

Continue

Added by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on September 12, 2021 at 10:38pm — 4 Comments

नज़्म (मेरी माँ)

2122 - 2122 



तू  शफ़ीक़-ओ-मह्रबाँ  है

तुझसा माँ  कोई कहाँ  है



तेरे आँचल  का  ये साया 

मुझको जन्नत का गुमाँ है



तेरा  दामन  मेरी  दुनिया 

और क़दम सारा जहाँ है



रंज हो या  हो ख़ुशी बस

तू सदा  ही ख़ुश-बयाँ  है



बिन  तेरे  ये  ज़िन्दगी तो

ख़ाक है या फिर धुआँ है    



तेरे  दामन  के ये  रौज़न    

माँ  ये  मेरी कहकशाँ …

Continue

Added by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on September 12, 2021 at 2:30pm — 4 Comments

मुसल्सल ग़ज़ल (नसीहत प्यार की)

2122 - 2122 - 212

करते हो  इतनी जो  ये तकरार  तुम

कैसे  दिलबर  के  बनोगे   यार  तुम 

तौलते   हो   प्यार   भी   मीज़ान  में 

प्यार को समझे हो क्या व्यापार तुम 

इश्क़ में जब तक  न  होगी हाँ में हाँ 

हो  नहीं  सकते  कभी  दिलदार तुम 

हम-ज़बाँ हों इश्क़ में - पहला सबक़ 

सीख कर  करना  वफ़ा इज़हार तुम

जानेमन जज़्बात  को  समझे  बिना  

पा नहीं सकते किसी का  प्यार तुम

दिल के…

Continue

Added by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on September 7, 2021 at 5:59pm — 13 Comments

Monthly Archives

2024

2023

2022

2021

2020

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
6 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
6 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
6 hours ago
Dharmendra Kumar Yadav posted a blog post

ममता का मर्म

माँ के आँचल में छुप जातेहम सुनकर डाँट कभी जिनकी।नव उमंग भर जाती मन मेंचुपके से उनकी वह थपकी । उस पल…See More
6 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक स्वागत आपका और आपकी इस प्रेरक रचना का आदरणीय सुशील सरना जी। बहुत दिनों बाद आप गोष्ठी में…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"शुक्रिया आदरणीय तेजवीर सिंह जी। रचना पर कोई टिप्पणी नहीं की। मार्गदर्शन प्रदान कीजिएगा न।"
Nov 30
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आ. भाई मनन जी, सादर अभिवादन। सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Nov 30
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"सीख ...... "पापा ! फिर क्या हुआ" ।  सुशील ने रात को सोने से पहले पापा  की…"
Nov 30
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आभार आदरणीय तेजवीर जी।"
Nov 30
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।बेहतर शीर्षक के बारे में मैं भी सोचता हूं। हां,पुर्जा लिखते हैं।"
Nov 30
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।"
Nov 30
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक आभार आदरणीय शेख़ शहज़ाद साहब जी।"
Nov 30

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service