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Akhileshwar Pandey's Blog – February 2011 Archive (1)

मास्क वाले चेहरे

मैं अक्सर निकल जाता हूँ भीडभाड गलियों से

रौशनी से जगमग दुकाने मुझे परेशान करती हैं

मुझे परेशां करती है उन लोगों की बकबक

जो बोलना नहीं जानते

 

मै भीड़ नहीं बनना चाहता बाज़ार का

मैं ग्लैमर का चापलूस भी नहीं बनना चाहता

मुझे पसंद नहीं विस्फोटक ठहाके

मै दूर रहता हूँ पहले से तय फैसलों से

 

क्योंकि एकदिन गुजरा था मै भी लोगों के चहेते रास्ते से

और यह देखकर ठगा रह गया की

मेरा पसंदीदा व्यक्ति बदल चूका था

बदल चुकी थी उसकी…

Continue

Added by Akhileshwar Pandey on February 27, 2011 at 1:28am — 3 Comments

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