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हमारा धर्म दहशत है? नहीं तो! तो पूरी क़ौम सहमत है? नहीं तो!
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तेरे हाथों में ख़ंजर है, मेरे भी
ये क्या अच्छी अलामत है? नही तो फ़क़त मंदिर ओ मस्जिद के मसौदे, यही क़ौमी क़यादत है? नही तो! अज़ीमुशशां मक़ाबिर के जो खालिक, कहीं उनकी भी तुर्बत है? नही तो!
जहाँ पत्थर की हर देवी सुरक्षित, वहाँ बेटी सलामत है? नही तो! मेरी झोली ख़सारों से भरी है ये मामूली सी ने'मत है? नहीं तो!
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जड़ों स…