कल से आगे .................
कैकेयी के प्रासाद में तीनों महारानियाँ उपस्थित थीं। दासियों को बाहर भेज दिया गया था अतः पूर्ण एकान्त था। ‘‘जीजी ! नारद मुनि ने तो पलट कर दर्शन ही नहीं दिये।’’ कैकेयी बोली। ‘‘हाँ बहन ! उत्कंठा तो मुझे भी हो रही है। आगे की क्या योजना है जाने !’’ ‘‘अरे आप लोग व्यर्थ चिंतित हैं। कुमारों को बड़ा तो होने दीजिये। अभी चार बरस की वय में ही क्या रावण से युद्ध करने भेज देना चाहती…