खोज रही उनकी टोही निगाहें मुझमे क्या-क्या उत्पाद खरीद सकता हूँ मैं...
मेरी ज़रूरतें क्या हैं क्या है मेरी प्राथमिकताएं कितना कमाता हूँ, कैसे कमाता हूँ खर्च कर-करके भी कितना बचा पाता हूँ मैं...
एक से एक सजी हैं दुकाने जिनमे बिक रही हैं हज़ार ख्वाहिशें हरदम मेरी गाढ़ी कमाई की बचत पर डाका डालने में उन्हें महारत है...
कैसे बच पाउँगा बाज़ार के लुटेरों से एक दिन उड़ेल आऊंगा बचत अपनी हजारों…