जो पहले मौत दे, फिर जिंदगानी कौन देता है मेरे किरदार को ऐसी कहानी कौन देता है
यहां तालाब नदियां जब कई बरसों से सूखे हैं खुदा जाने हमें पीने को पानी कौन देता है
हमारी जिंदगी ठहरी हुई इक झील है लेकिन ये उम्मीदों के दरिया को रवानी कौन देता है
जमीं से आसमां तक का सफर हम कर चुके लेकिन नहीं मालूम मंजिल की निशानी कौन देता है
परिंदे भी समझते हैं कि पर कटने का खतरा है इन्हें फिर हौसला ये आसमानी कौन दे…