ओजस्वी तेजस्वी से दिखाई देते हो , अपनी जयकार से आत्म मुग्ध लगते हो। आईने में खुद को रोज ही देखते हो , क्या खुद को कुछ पहचानते भी हो।बड़े आदमी हो , बहुत बड़े , लोग तुम्हें जानते हैं , बच्चे सामान्य ज्ञान के लिए तुम्हारा नाम रटते और जानते हैं , रोज कितने ही लोग तुम्हारी ड्योढ़ी पर खड़े रहते हैं , टकटकी लगाए , कितने आदमी तुमसे रोज ही मिलने के लिए आते रहते हैं , तुम भी कभी किसी से आदमी की तरह मिलते…