For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सर्वोपरि दोहा लगे, अनुपम रूप-स्वरुप..(तेईस प्रकार के दोहे)

आदरणीय मित्रों, दोहे तेईस प्रकार के होते हैं जिनका विवरण निम्नलिखित है ..... _________________________________________________________

बांचें सारे दोहरे,  तेईस रूप प्रकार.

प्रस्तुत है श्रीमान जी , दोहों का संसार.. 

नवल धवल शीतल सुखद, मात्रिक छंद अनूप.

सर्वोपरि दोहा लगे, अनुपम रूप-स्वरुप..

 

लघु-गुरु में है यह बँधा, तेइस अंग-प्रकार.

चरण चार  ही चाहिए, लघु इसका आकार..

 

तेरह मात्रा से खिले, पहला और तृतीय.

मात्रा ग्यारह माँगता, चरण चतुर्थ द्वितीय..

 

विषम आदि वर्जित जगण, करता सबसे प्रीति.

अंत पताका सम चरण, दोहे की ये रीति..

अट्ठाइस लघु गुरु दसों, ‘वानर-पान’ समान.

चौदह गुरु हों बीस लघु, ‘हंस’ रूप में जान..

 

सत्रह गुरु लघु चौदहों, ‘मरकट’ नाम कहाय.

सोलह लघु गुरु सोलहों, ‘करभ’ रूप में आय..

 

बारह लघु के साथ में, अठरह गुरु ‘मंडूक’.

अठरह लघु गुरु पन्द्रह , ‘नर’ का यही स्वरुप..

 

तेरह गुरु बाईस लघु, ‘मुदुकुल’ कहें ‘गयंद’.

दस लघु हों उन्नीस गुरु, ‘श्येन’ है अद्धुत छंद..

 

बीसों गुरु औ आठ लघु,  ‘शरभ’ नाम विख्यात.

छीयालिस लघु एक गुरु, ‘उदर’ रूप है तात..

 

गुरु बिन अड़तालीस लघु, नाम ‘सर्प’ अनमोल.

तिर्यक लहराता चले, कभी कुण्डली गोल..

 

चौवालिस लघु दोय गुरु, दोहा नामित 'श्वान'.

ग्यारह गुरु छ्ब्बीस लघु, ‘चल’ ‘बल’ करें बखान..

 

बाइस गुरु औ चार लघु, ‘भ्रमर’ नाम विख्यात.

इक्किस गुरु छः लघु जहाँ, वहाँ ‘सुभ्रमर’ तात..  

 

चौबिस लघु गुरु बारहों, नाम ‘पयोधर’ पाय.

नौ गुरु साथी तीस लघु, ‘त्रिकल’ रूप मुस्काय..

 

बत्तीस लघु औ आठ गुरु, ‘कच्छप’ रूप समान.

चौंतिस लघु हैं सात गुरु, ‘मच्छ’ रूप में जान..

 

छः गुरु औ छत्तीस लघु, ‘शार्दूल’ विख्यात.

अड़तिस लघु तो पञ्च गुरु, ‘अहिवर’ लाये प्रात..    

      

चालिस लघु हैं चार गुरु, देखो यह है ‘व्याल’.

बयालीस लघु तीन गुरु, आये रूप ‘विडाल’.

   

दोहा रचना है सुगम, नहीं कठिन कुछ खास.

प्रभुवर की होगी कृपा, मिलकर करें प्रयास..


--अम्बरीष श्रीवास्तव

Views: 3134

Replies to This Discussion

बहुत ही लाभकारी प्रस्तुति अम्बरीष जी ।

धन्यवाद हर्ष साहब ......

जय हो ! इन सबका जानना रोचक है.  आपका सादर आभार आदरणीय अम्बरीषजी. सर्वोपरि, तो दोहे शास्त्र-सम्मत हों. शब्द क्रम में व्याघात न हो.

जय हो जय हो ....स्वागत है आदरणीय सौरभ जी ! हार्दिक आभार मित्रवर ....इन दोहों में यदि कोई शास्त्र सम्मत त्रुटि या  शब्द क्रम में व्याघात परिलक्षित हो रहा है तो कृपया निःसंकोच उसे स्पष्ट रूप से इंगित करें ताकि तत्काल ही उसका सुधार किया जा सके ......सादर 

आदरणीय अम्बरीश जी, दोहे के जिन तेईस प्रकारों की आपने चर्चा की क्या दोहे लिखते समय ये आवश्यक है की दोहे इन्हीं तेईस प्रकारों में से एक हों? इस बारे में थोड़ी जानकारी चाहिए थी.

जहां तक मेरी जानकारी में है ....ऐसा आवश्यक नहीं है !

दोहों का इससे सुन्दर वर्णन मैंने कभी नहीं पढ़ा.

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Samar kabeer commented on Saurabh Pandey's blog post दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ
"जनाब सौरभ पाण्डेय जी आदाब, बहुत समय बाद आपकी ग़ज़ल ओबीओ पर पढ़ने को मिली, बहुत च्छी ग़ज़ल कही आपने, इस…"
16 hours ago
धर्मेन्द्र कुमार सिंह posted a blog post

किसी के दिल में रहा पर किसी के घर में रहा (ग़ज़ल)

बह्र: 1212 1122 1212 22किसी के दिल में रहा पर किसी के घर में रहातमाम उम्र मैं तन्हा इसी सफ़र में…See More
yesterday
सालिक गणवीर posted a blog post

ग़ज़ल ..और कितना बता दे टालूँ मैं...

२१२२-१२१२-२२/११२ और कितना बता दे टालूँ मैं क्यों न तुमको गले लगा लूँ मैं (१)छोड़ते ही नहीं ये ग़म…See More
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-115
"चल मुसाफ़िर तोहफ़ों की ओर (लघुकथा) : इंसानों की आधुनिक दुनिया से डरी हुई प्रकृति की दुनिया के शासक…"
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-115
"सादर नमस्कार। विषयांतर्गत बहुत बढ़िया सकारात्मक विचारोत्तेजक और प्रेरक रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-115
"आदाब। बेहतरीन सकारात्मक संदेश वाहक लघु लघुकथा से आयोजन का शुभारंभ करने हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय मनन…"
Thursday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-115
"रोशनी की दस्तक - लघुकथा - "अम्मा, देखो दरवाजे पर कोई नेताजी आपको आवाज लगा रहे…"
Thursday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-115
"अंतिम दीया रात गए अँधेरे ने टिमटिमाते दीये से कहा,'अब तो मान जा।आ मेरे आगोश…"
Thursday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-115
"स्वागतम"
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ

212 212 212 212  इस तमस में सँभलना है हर हाल में  दीप के भाव जलना है हर हाल में   हर अँधेरा निपट…See More
Tuesday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"//आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी जी, जितना ज़ोर आप इस बेकार की बहस और कुतर्क करने…"
Oct 26
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आदरणीय लक्ष्मण जी बहुत धन्यवाद"
Oct 26

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service