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2024-03-29T04:45:10Z
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किशोर छंद
tag:openbooks.ning.com,2021-12-09:5170231:Topic:1074599
2021-12-09T04:46:48.440Z
बासुदेव अग्रवाल 'नमन'
http://openbooks.ning.com/profile/Basudeo
<p>किशोर छंद</p>
<p></p>
<p>किशोर मुक्तक "कोरोना"</p>
<p></p>
<p>भारी रोग निसड़लो आयो, कोरोना,<br></br>सगलै जग मैं रुदन मचायो, कोरोना,<br></br>मिनखाँ नै मिनखाँ सै न्यारा, यो कीन्यो<br></br>कुचमादी चीन्याँ रो जायो, कोरोना।<br></br>*** ***</p>
<p></p>
<p>किशोर मुक्तक "बालाजी"</p>
<p></p>
<p>एक आसरो बचग्यो थारो, बालाजी।<br></br>बेगा आओ काम सिकारो, बालाजी।<br></br>जद जद भीड़ पड़ी भकताँ माँ, थे भाज्या।<br></br>दोराँ दिन से आय उबारो, बालाजी।।<br></br>*** ***</p>
<p></p>
<p>किशोर छंद विधान -</p>
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<p>किशोर छंद मूल रूप से एक…</p>
<p>किशोर छंद</p>
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<p>किशोर मुक्तक "कोरोना"</p>
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<p>भारी रोग निसड़लो आयो, कोरोना,<br/>सगलै जग मैं रुदन मचायो, कोरोना,<br/>मिनखाँ नै मिनखाँ सै न्यारा, यो कीन्यो<br/>कुचमादी चीन्याँ रो जायो, कोरोना।<br/>*** ***</p>
<p></p>
<p>किशोर मुक्तक "बालाजी"</p>
<p></p>
<p>एक आसरो बचग्यो थारो, बालाजी।<br/>बेगा आओ काम सिकारो, बालाजी।<br/>जद जद भीड़ पड़ी भकताँ माँ, थे भाज्या।<br/>दोराँ दिन से आय उबारो, बालाजी।।<br/>*** ***</p>
<p></p>
<p>किशोर छंद विधान -</p>
<p></p>
<p>किशोर छंद मूल रूप से एक मात्रिक छंद है। इसके प्रत्येक पद मे 22 मात्राएँ होती हैं तथा यति 16 व 6 मात्राओं पर होती है। पद की मात्रा बाँट अठकल*2, द्विकल*3 होती है। इसमे पदांत मगण (222) से हो तो यह छंद और भी सुंदर हो जाता है। इस छंद में चारों पद समतुकांत रखे जाते हैं।</p>
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<p>किशोर मुक्तक :- किशोर छंद के यदि तीसरे पद को भिन्न तुकांत कर दें तो यही 'किशोर मुक्तक' में परिवर्तित हो जाता है।</p>
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<p>बासुदेव अग्रवाल 'नमन' ©<br/>तिनसुकिया<br/><br/></p>
<p>मौलिक व अप्रकाशित</p>