"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - 35 - Open Books Online2024-03-29T10:42:40Zhttp://openbooks.ning.com/forum/topics/mus35?commentId=5170231%3AComment%3A368350&feed=yes&xn_auth=noबहुत बढ़िया चर्चित भाई, सभी अश…tag:openbooks.ning.com,2013-05-26:5170231:Comment:3683572013-05-26T18:23:54.624ZEr. Ganesh Jee "Bagi"http://openbooks.ning.com/profile/GaneshJee
<p>बहुत बढ़िया चर्चित भाई, सभी अशआर खुबसूरत हुए हैं , केवल एक शेर देख लें , यहाँ तकाबुले रदीफ़ दोष है ...</p>
<p></p>
<p>हमने सोचा न था कभी इत<strong>ना</strong><br/>जितने तोहफे तू ये उठा ला<strong>या</strong></p>
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<p>बाकी सब मस्त मस्त , बधाई स्वीकार करें । </p>
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<p>बहुत बढ़िया चर्चित भाई, सभी अशआर खुबसूरत हुए हैं , केवल एक शेर देख लें , यहाँ तकाबुले रदीफ़ दोष है ...</p>
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<p>हमने सोचा न था कभी इत<strong>ना</strong><br/>जितने तोहफे तू ये उठा ला<strong>या</strong></p>
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<p>बाकी सब मस्त मस्त , बधाई स्वीकार करें । </p>
<p></p> शुक्रिया अरुण जी विशाल जी , आ…tag:openbooks.ning.com,2013-05-26:5170231:Comment:3683562013-05-26T18:21:14.579Zshashi purwarhttp://openbooks.ning.com/profile/shashipurwar
<p>शुक्रिया अरुण जी विशाल जी , आपने अपनी पसंद जाहिर की</p>
<p>शुक्रिया अरुण जी विशाल जी , आपने अपनी पसंद जाहिर की</p> शुक्रिया राना जी
निर्देशानुस…tag:openbooks.ning.com,2013-05-26:5170231:Comment:3684422013-05-26T18:20:29.850Zshashi purwarhttp://openbooks.ning.com/profile/shashipurwar
<p>शुक्रिया राना जी </p>
<p>निर्देशानुसार अभी देखती हूँ</p>
<p>शुक्रिया राना जी </p>
<p>निर्देशानुसार अभी देखती हूँ</p> तहे दिल से आभार सौरभ जी , सदै…tag:openbooks.ning.com,2013-05-26:5170231:Comment:3683552013-05-26T18:19:34.433Zshashi purwarhttp://openbooks.ning.com/profile/shashipurwar
<p>तहे दिल से आभार सौरभ जी , सदैव उर्ज्वासित करते है आप</p>
<p>तहे दिल से आभार सौरभ जी , सदैव उर्ज्वासित करते है आप</p> आदरणीय गणेश जी
आपकी प्रोत्सा…tag:openbooks.ning.com,2013-05-26:5170231:Comment:3685322013-05-26T18:14:02.694ZDr.Prachi Singhhttp://openbooks.ning.com/profile/DrPrachiSingh376
<p>आदरणीय गणेश जी </p>
<p>आपकी प्रोत्साहित करती प्रतिक्रिया के लिए हृदय तल से आभारी हूँ.</p>
<p>गज़ल विधा में कलम उठाने में मुझे एक साल से भी ज्यादा लग गया.. मंच पर आप सबके मार्गदर्शन के बिना यह संभव ही नहीं था. गज़ल पर आपकी मुखर सराहना पा कर अभिभूत हूँ. गज़ल आपको सार्थक लगी यह मेरे लिए परम संतोष की बात है.</p>
<p>सादर धन्यवाद आदरणीय.</p>
<p>आदरणीय गणेश जी </p>
<p>आपकी प्रोत्साहित करती प्रतिक्रिया के लिए हृदय तल से आभारी हूँ.</p>
<p>गज़ल विधा में कलम उठाने में मुझे एक साल से भी ज्यादा लग गया.. मंच पर आप सबके मार्गदर्शन के बिना यह संभव ही नहीं था. गज़ल पर आपकी मुखर सराहना पा कर अभिभूत हूँ. गज़ल आपको सार्थक लगी यह मेरे लिए परम संतोष की बात है.</p>
<p>सादर धन्यवाद आदरणीय.</p> आदरेया डॉ. प्राची जी सादर आभा…tag:openbooks.ning.com,2013-05-26:5170231:Comment:3683062013-05-26T18:10:17.809ZAshok Kumar Raktalehttp://openbooks.ning.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>आदरेया डॉ. प्राची जी सादर आभार.</p>
<p>आदरेया डॉ. प्राची जी सादर आभार.</p> आदरणीय अरुण निगम साहब सादर, आ…tag:openbooks.ning.com,2013-05-26:5170231:Comment:3685312013-05-26T18:09:38.266ZAshok Kumar Raktalehttp://openbooks.ning.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>आदरणीय अरुण निगम साहब सादर, आपकी विस्तृत प्रतिक्रया के लिए बहुत बहुत आभार. अंतिम शेर के भावों को समझने में हुई कठिनाई को मैं समझ रहा हूँ, अवश्य ही आगे से इस पर ध्यान रखूंगा. सादर आभार. </p>
<p>आदरणीय अरुण निगम साहब सादर, आपकी विस्तृत प्रतिक्रया के लिए बहुत बहुत आभार. अंतिम शेर के भावों को समझने में हुई कठिनाई को मैं समझ रहा हूँ, अवश्य ही आगे से इस पर ध्यान रखूंगा. सादर आभार. </p> :)))))))))tag:openbooks.ning.com,2013-05-26:5170231:Comment:3683542013-05-26T18:08:15.395Zवेदिकाhttp://openbooks.ning.com/profile/vedikagitika
<p>:)))))))))</p>
<p>:)))))))))</p> आदरणीय मंच-संचालक जी सादर, आ…tag:openbooks.ning.com,2013-05-26:5170231:Comment:3685302013-05-26T18:07:46.916ZAshok Kumar Raktalehttp://openbooks.ning.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>आदरणीय मंच-संचालक जी सादर, आपसे सराहना पाना सुखद लगा सादर आभार.</p>
<p>आदरणीय मंच-संचालक जी सादर, आपसे सराहना पाना सुखद लगा सादर आभार.</p> प्रिय गीतिका जी
आपकी स्नेही प…tag:openbooks.ning.com,2013-05-26:5170231:Comment:3685292013-05-26T18:06:58.417ZDr.Prachi Singhhttp://openbooks.ning.com/profile/DrPrachiSingh376
<p>प्रिय गीतिका जी</p>
<p>आपकी स्नेही प्रतिक्रया के लिए हार्दिक आभार.</p>
<p>सस्नेह </p>
<p>प्रिय गीतिका जी</p>
<p>आपकी स्नेही प्रतिक्रया के लिए हार्दिक आभार.</p>
<p>सस्नेह </p>