kavita ke bare - Open Books Online2024-03-28T23:13:30Zhttp://openbooks.ning.com/forum/topics/kavita-ke-bare?feed=yes&xn_auth=noघावों को जो सहला दे
दर्द को ज…tag:openbooks.ning.com,2010-05-02:5170231:Comment:28232010-05-02T07:22:58.823Zrakesh naraianhttp://openbooks.ning.com/profile/rakeshnaraian
घावों को जो सहला दे<br />
दर्द को जो सहने की ताक़त दे<br />
सबदो को जो गूँज दे<br />
म्न को जो सुकून दे<br />
कहे कुछ नही<br />
इशारा भर केरे<br />
ततषट रह कर जो<br />
राग ऐसी सुनाए<br />
की मंतरा मुग्ध<br />
होकेर फिर पाठक<br />
को ऐसी रह दे<br />
जिस पेर चल कर<br />
वो उसे पा जाए<br />
जिसे ढूंढता ढूंढता<br />
वो कवि हो जाए
घावों को जो सहला दे<br />
दर्द को जो सहने की ताक़त दे<br />
सबदो को जो गूँज दे<br />
म्न को जो सुकून दे<br />
कहे कुछ नही<br />
इशारा भर केरे<br />
ततषट रह कर जो<br />
राग ऐसी सुनाए<br />
की मंतरा मुग्ध<br />
होकेर फिर पाठक<br />
को ऐसी रह दे<br />
जिस पेर चल कर<br />
वो उसे पा जाए<br />
जिसे ढूंढता ढूंढता<br />
वो कवि हो जाए शान्तिप्रिय लोगो का,
हथियार ह…tag:openbooks.ning.com,2010-05-02:5170231:Comment:28212010-05-02T06:38:56.821ZKanchan Pandeyhttp://openbooks.ning.com/profile/KumariKanchanPandey
<font color="red">शान्तिप्रिय लोगो का,<br />
हथियार है कविता,<br />
करे गम्भीर असर ऐसा,<br />
वार है कविता,<br />
काट दे तलवार से भी गहरा घाव,<br />
वो धार है कविता,<br />
जो दिल मे आहिस्ते से उतर जाये,<br />
वो प्यार है कविता,</font>
<font color="red">शान्तिप्रिय लोगो का,<br />
हथियार है कविता,<br />
करे गम्भीर असर ऐसा,<br />
वार है कविता,<br />
काट दे तलवार से भी गहरा घाव,<br />
वो धार है कविता,<br />
जो दिल मे आहिस्ते से उतर जाये,<br />
वो प्यार है कविता,</font> कविता एन सबसे तटस्थ रह कर केव…tag:openbooks.ning.com,2010-05-02:5170231:Comment:28172010-05-02T06:21:43.817Zrakesh naraianhttp://openbooks.ning.com/profile/rakeshnaraian
कविता एन सबसे तटस्थ रह कर केवल एक ठंडी चाव है तपते मरुस्थल की उष्मा को सहने की ताक़त देनेवाली ...शीतल पनाह है ....
कविता एन सबसे तटस्थ रह कर केवल एक ठंडी चाव है तपते मरुस्थल की उष्मा को सहने की ताक़त देनेवाली ...शीतल पनाह है .... मन कि व्यथा को अभिव्क्त करने…tag:openbooks.ning.com,2010-05-02:5170231:Comment:28162010-05-02T06:14:24.816ZEr. Ganesh Jee "Bagi"http://openbooks.ning.com/profile/GaneshJee
मन कि व्यथा को अभिव्क्त करने का एक माध्यम है, लेखक के अन्दर के गुब्बार को बाहर निकालने का एक ससक्त जरिया है या...........
मन कि व्यथा को अभिव्क्त करने का एक माध्यम है, लेखक के अन्दर के गुब्बार को बाहर निकालने का एक ससक्त जरिया है या........... कविता सबदो के माध्यम से ,अनुभ…tag:openbooks.ning.com,2010-05-02:5170231:Comment:28132010-05-02T06:04:36.813Zrakesh naraianhttp://openbooks.ning.com/profile/rakeshnaraian
कविता सबदो के माध्यम से ,अनुभव को चित्रित करने का एक सलीका है ..तथ्यों को भोगने के बाद उपजी विसंगति से प्रेरित हुए करुणा या गुस्सा है या ...
कविता सबदो के माध्यम से ,अनुभव को चित्रित करने का एक सलीका है ..तथ्यों को भोगने के बाद उपजी विसंगति से प्रेरित हुए करुणा या गुस्सा है या ... आदरणीय राकेश नारायण जी, सबसे…tag:openbooks.ning.com,2010-05-02:5170231:Comment:28122010-05-02T05:57:36.812ZAdminhttp://openbooks.ning.com/profile/Admin
<font color="green">आदरणीय राकेश नारायण जी, सबसे पहले तो मै आपके Open Books Online के फोरम पर पहला परिचर्चा प्रारम्भ करने हेतु धन्यबाद देता हू ,<br />
जब अनुभव कि कढाई मे, मन मे उपजे विचारो को डाल कर, ह्रदय की कलछी से बराबर चलाते हुए , समय कि आग पर, शब्दो के छौका के साथ जो व्यंज्जन बनता है मेरे ख्याल से उसी का नाम कविता है ।</font>
<font color="green">आदरणीय राकेश नारायण जी, सबसे पहले तो मै आपके Open Books Online के फोरम पर पहला परिचर्चा प्रारम्भ करने हेतु धन्यबाद देता हू ,<br />
जब अनुभव कि कढाई मे, मन मे उपजे विचारो को डाल कर, ह्रदय की कलछी से बराबर चलाते हुए , समय कि आग पर, शब्दो के छौका के साथ जो व्यंज्जन बनता है मेरे ख्याल से उसी का नाम कविता है ।</font> sabdo ki anugunj mein kavita…tag:openbooks.ning.com,2010-05-02:5170231:Comment:28072010-05-02T05:27:00.807Zrakesh naraianhttp://openbooks.ning.com/profile/rakeshnaraian
sabdo ki anugunj mein kavita hai .....<br />
sabdo ke bhitr chipi raag ko sangeet jo de wo kavita hai ...<br />
sabhi kaviyon se,pathkon se anunay nivedan hai ki ve kavita ko peribhasit kere taki hum jaan sakekavita kya hai?
sabdo ki anugunj mein kavita hai .....<br />
sabdo ke bhitr chipi raag ko sangeet jo de wo kavita hai ...<br />
sabhi kaviyon se,pathkon se anunay nivedan hai ki ve kavita ko peribhasit kere taki hum jaan sakekavita kya hai?