"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-98 - Open Books Online2024-03-29T15:01:32Zhttp://openbooks.ning.com/forum/topics/98?commentId=5170231%3AComment%3A945564&feed=yes&xn_auth=noकोई बात नहीं,आपकी सक्रियता के…tag:openbooks.ning.com,2018-08-25:5170231:Comment:9460002018-08-25T18:24:26.621ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>कोई बात नहीं,आपकी सक्रियता के लिए धन्यवाद ।</p>
<p>कोई बात नहीं,आपकी सक्रियता के लिए धन्यवाद ।</p> आली जनाब समर कबीर साहब का दिल…tag:openbooks.ning.com,2018-08-25:5170231:Comment:9459992018-08-25T18:20:56.990Zmirza javed baighttp://openbooks.ning.com/profile/mirzajavedbaig
<p>आली जनाब समर कबीर साहब का दिल तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूं कि मुझे इतने मैआरी और शानदार मंच से जोड़ कर शाइरी के फ़न को समझने ओर सीखने का मौक़ा फ़राहम करवाया ।</p>
<p>मेरी मुशाइरे में पहली शिरकत थी ओर में अभी कुछ दिन पहले ही जुड़ा हूं इस्लिये ज़ाहिर हे कि यक़ीनन मुझसे कई ग़लतियां हुई होंगी ।</p>
<p>सभी ग़ज़लों पर कमेंट करके मुशाइरे में पूरी तरह शामिल रहने की कोशिश तो की लेकिन सही तरीक़े से रिप्लाय नही कर सका आप सब का साथ रहा तो जल्द मंच की प्रकि्या समझ कर बहतर तरीक़े से शिरकत करुंगा…</p>
<p>आली जनाब समर कबीर साहब का दिल तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूं कि मुझे इतने मैआरी और शानदार मंच से जोड़ कर शाइरी के फ़न को समझने ओर सीखने का मौक़ा फ़राहम करवाया ।</p>
<p>मेरी मुशाइरे में पहली शिरकत थी ओर में अभी कुछ दिन पहले ही जुड़ा हूं इस्लिये ज़ाहिर हे कि यक़ीनन मुझसे कई ग़लतियां हुई होंगी ।</p>
<p>सभी ग़ज़लों पर कमेंट करके मुशाइरे में पूरी तरह शामिल रहने की कोशिश तो की लेकिन सही तरीक़े से रिप्लाय नही कर सका आप सब का साथ रहा तो जल्द मंच की प्रकि्या समझ कर बहतर तरीक़े से शिरकत करुंगा ।</p>
<p></p> ',ओबीओ लाइव तरही मुशायरा' अंक…tag:openbooks.ning.com,2018-08-25:5170231:Comment:9459982018-08-25T18:10:54.128ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>',ओबीओ लाइव तरही मुशायरा' अंक-98 को सफ़ल बनाने के लिये सभी ग़ज़लकारों और पाठकों का हार्दिक आभार व धन्यवाद ।</p>
<p>',ओबीओ लाइव तरही मुशायरा' अंक-98 को सफ़ल बनाने के लिये सभी ग़ज़लकारों और पाठकों का हार्दिक आभार व धन्यवाद ।</p> मोहतरम जनाब तसदीक़ साहब आदाब…tag:openbooks.ning.com,2018-08-25:5170231:Comment:9459972018-08-25T17:51:11.882Zmirza javed baighttp://openbooks.ning.com/profile/mirzajavedbaig
<p>मोहतरम जनाब तसदीक़ साहब आदाब ।</p>
<p>उम्दा अशआर से मुसज्जा बहतरीन ग़ज़ल के लिए क़ल्बी मुबारकबाद पैश करता हूं ।</p>
<p>गिरह के लिए अलग से दाद हाज़िर है ।</p>
<p>क़बूल फ़रमाएं ।</p>
<p>मोहतरम जनाब तसदीक़ साहब आदाब ।</p>
<p>उम्दा अशआर से मुसज्जा बहतरीन ग़ज़ल के लिए क़ल्बी मुबारकबाद पैश करता हूं ।</p>
<p>गिरह के लिए अलग से दाद हाज़िर है ।</p>
<p>क़बूल फ़रमाएं ।</p> आदरणीय शर्मा जी सराहनीय प्रया…tag:openbooks.ning.com,2018-08-25:5170231:Comment:9459962018-08-25T17:45:17.507Zmirza javed baighttp://openbooks.ning.com/profile/mirzajavedbaig
<p>आदरणीय शर्मा जी सराहनीय प्रयास के लिए बहुत बधाई ।</p>
<p>आदरणीय शर्मा जी सराहनीय प्रयास के लिए बहुत बधाई ।</p> जनाब नवीन साहिब जी उम्दा प्रय…tag:openbooks.ning.com,2018-08-25:5170231:Comment:9461702018-08-25T17:41:52.507Zmirza javed baighttp://openbooks.ning.com/profile/mirzajavedbaig
<p>जनाब नवीन साहिब जी उम्दा प्रयास के लिए हार्दिक बधाइयां ।</p>
<p>जनाब नवीन साहिब जी उम्दा प्रयास के लिए हार्दिक बधाइयां ।</p> जनाब नादिर साहिब आदाब
बहतरीन…tag:openbooks.ning.com,2018-08-25:5170231:Comment:9461692018-08-25T17:23:04.261Zmirza javed baighttp://openbooks.ning.com/profile/mirzajavedbaig
<p>जनाब नादिर साहिब आदाब </p>
<p>बहतरीन काविशों के लिए पुरख़ुलूस मुबारकबाद ।</p>
<p>जनाब नादिर साहिब आदाब </p>
<p>बहतरीन काविशों के लिए पुरख़ुलूस मुबारकबाद ।</p> जनाब लक्ष्मण जी आदाब
सुख़न न…tag:openbooks.ning.com,2018-08-25:5170231:Comment:9459942018-08-25T17:10:53.155Zmirza javed baighttp://openbooks.ning.com/profile/mirzajavedbaig
<p>जनाब लक्ष्मण जी आदाब </p>
<p>सुख़न नवाज़ी के लिए दिली शुक्रिया ।</p>
<p>जनाब लक्ष्मण जी आदाब </p>
<p>सुख़न नवाज़ी के लिए दिली शुक्रिया ।</p> भोपाल में नहीं बहना, उज्जैन म…tag:openbooks.ning.com,2018-08-25:5170231:Comment:9460792018-08-25T17:08:49.562ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>भोपाल में नहीं बहना, उज्जैन में मेरे ग़रीब ख़ाने पर मिलीं थीं आप इन से ।</p>
<p>भोपाल में नहीं बहना, उज्जैन में मेरे ग़रीब ख़ाने पर मिलीं थीं आप इन से ।</p> शुक्रिया मिर्ज़ा साबtag:openbooks.ning.com,2018-08-25:5170231:Comment:9461672018-08-25T17:08:11.574Zअजय गुप्ता 'अजेयhttp://openbooks.ning.com/profile/3tuckjroyzywi
<p>शुक्रिया मिर्ज़ा साब</p>
<p>शुक्रिया मिर्ज़ा साब</p>