"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-79 - Open Books Online2024-03-28T20:43:07Zhttp://openbooks.ning.com/forum/topics/79?commentId=5170231%3AComment%3A832181&feed=yes&xn_auth=noओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 7…tag:openbooks.ning.com,2017-01-28:5170231:Comment:8322732017-01-28T18:29:06.394Zमिथिलेश वामनकरhttp://openbooks.ning.com/profile/mw
<p><span>ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 79 वें अंक की सफलता हेतु आप सभी सहभागियों एवं सदस्यों को हार्दिक बधाई. सादर </span></p>
<p><span>ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 79 वें अंक की सफलता हेतु आप सभी सहभागियों एवं सदस्यों को हार्दिक बधाई. सादर </span></p> मुह्तरम गंगाधर साहिब , सुंदर…tag:openbooks.ning.com,2017-01-28:5170231:Comment:8324162017-01-28T18:10:51.582ZTasdiq Ahmed Khanhttp://openbooks.ning.com/profile/TasdiqAhmedKhan
<p>मुह्तरम गंगाधर साहिब , सुंदर ग़ज़ल हुई है , शेर दर शेर दाद और मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएँ --</p>
<p>मुह्तरम गंगाधर साहिब , सुंदर ग़ज़ल हुई है , शेर दर शेर दाद और मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएँ --</p> आभार आपकाtag:openbooks.ning.com,2017-01-28:5170231:Comment:8323472017-01-28T18:08:02.362ZManan Kumar singhhttp://openbooks.ning.com/profile/MananKumarsingh
आभार आपका
आभार आपका आदरणीय आरिफ भाई, आपका बहुत बह…tag:openbooks.ning.com,2017-01-28:5170231:Comment:8323462017-01-28T18:07:17.421ZManan Kumar singhhttp://openbooks.ning.com/profile/MananKumarsingh
आदरणीय आरिफ भाई, आपका बहुत बहुत शुक्रिया।
आदरणीय आरिफ भाई, आपका बहुत बहुत शुक्रिया। मुह्तरमा राजेश कुमारी साहिबा…tag:openbooks.ning.com,2017-01-28:5170231:Comment:8325142017-01-28T18:05:50.443ZTasdiq Ahmed Khanhttp://openbooks.ning.com/profile/TasdiqAhmedKhan
<p>मुह्तरमा राजेश कुमारी साहिबा , सुंदर ग़ज़ल हुई है , शेर दर शेर दाद और मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएँ --</p>
<p>मुह्तरमा राजेश कुमारी साहिबा , सुंदर ग़ज़ल हुई है , शेर दर शेर दाद और मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएँ --</p> मुहतरम जनाब गोपाल नारायण साहि…tag:openbooks.ning.com,2017-01-28:5170231:Comment:8325132017-01-28T18:01:50.789ZTasdiq Ahmed Khanhttp://openbooks.ning.com/profile/TasdiqAhmedKhan
<p>मुहतरम जनाब गोपाल नारायण साहिब , सुंदर ग़ज़ल हुई है , शेर दर शेर दाद और मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएँ --<br/> शेर 2के सानी मिसरेकी बह्र देख लें , शेर 7 के उला मिसरे में सही शब्द " शाम ओ सहर " है ,शेर 8 के उला <br/> मिसरे की बह्र देख लें और सानी मिसरे में क़ाफ़िया बे बहर सही नहीं है ,शेर 9 में क़ाफ़िया जहर सही नहीं है <br/>
देख लीजिएगा ---</p>
<p>मुहतरम जनाब गोपाल नारायण साहिब , सुंदर ग़ज़ल हुई है , शेर दर शेर दाद और मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएँ --<br/> शेर 2के सानी मिसरेकी बह्र देख लें , शेर 7 के उला मिसरे में सही शब्द " शाम ओ सहर " है ,शेर 8 के उला <br/> मिसरे की बह्र देख लें और सानी मिसरे में क़ाफ़िया बे बहर सही नहीं है ,शेर 9 में क़ाफ़िया जहर सही नहीं है <br/>
देख लीजिएगा ---</p> हौसला अफ़ज़ाई के लिए बहुत शुकिय…tag:openbooks.ning.com,2017-01-28:5170231:Comment:8325122017-01-28T17:58:31.455Zअजीत शर्मा 'आकाश'http://openbooks.ning.com/profile/AjeetSharmaAakash
<p>हौसला अफ़ज़ाई के लिए बहुत शुकिया तस्दीक़ भाई !!!</p>
<p>हौसला अफ़ज़ाई के लिए बहुत शुकिया तस्दीक़ भाई !!!</p> आदरणीय मिथिलेश सर, उपरोक्त प्…tag:openbooks.ning.com,2017-01-28:5170231:Comment:8323432017-01-28T17:55:14.059ZPankaj Kumar Mishra "Vatsyayan"http://openbooks.ning.com/profile/PankajKumarMishraVatsyayan
आदरणीय मिथिलेश सर, उपरोक्त प्रतिक्रिया में सर शब्द छूट गया है, सादर क्षमा प्रेषित है, स्वीकार करें।
आदरणीय मिथिलेश सर, उपरोक्त प्रतिक्रिया में सर शब्द छूट गया है, सादर क्षमा प्रेषित है, स्वीकार करें। बढ़िया ग़ज़ल !!!tag:openbooks.ning.com,2017-01-28:5170231:Comment:8323412017-01-28T17:50:36.371Zअजीत शर्मा 'आकाश'http://openbooks.ning.com/profile/AjeetSharmaAakash
<p>बढ़िया ग़ज़ल !!!</p>
<p>बढ़िया ग़ज़ल !!!</p> शानदार.... शानदार गज़ल है भाई…tag:openbooks.ning.com,2017-01-28:5170231:Comment:8323402017-01-28T17:48:28.835Zअजीत शर्मा 'आकाश'http://openbooks.ning.com/profile/AjeetSharmaAakash
<p>शानदार.... शानदार गज़ल है भाई दिनेश जी !!!</p>
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<p>शानदार.... शानदार गज़ल है भाई दिनेश जी !!!</p>
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