"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-78 - Open Books Online2024-03-29T07:28:40Zhttp://openbooks.ning.com/forum/topics/78?commentId=5170231%3AComment%3A822023&feed=yes&xn_auth=noमेरे कहे को मान देने के लिए आ…tag:openbooks.ning.com,2016-12-24:5170231:Comment:8224012016-12-24T18:29:51.874Zमिथिलेश वामनकरhttp://openbooks.ning.com/profile/mw
<p>मेरे कहे को मान देने के लिए आभार आपका.</p>
<p>मेरे कहे को मान देने के लिए आभार आपका.</p> मेरे कहे को मान देने के लिए आ…tag:openbooks.ning.com,2016-12-24:5170231:Comment:8225642016-12-24T18:28:45.719Zमिथिलेश वामनकरhttp://openbooks.ning.com/profile/mw
<p>मेरे कहे को मान देने के लिए आभार आपका.</p>
<p>मेरे कहे को मान देने के लिए आभार आपका.</p> मेरे कहे को मान देने के लिए आ…tag:openbooks.ning.com,2016-12-24:5170231:Comment:8226152016-12-24T18:27:02.109Zमिथिलेश वामनकरhttp://openbooks.ning.com/profile/mw
<p>मेरे कहे को मान देने के लिए आभार आपका.</p>
<p>मेरे कहे को मान देने के लिए आभार आपका.</p> आदरणीय पंकज जी, मैं वही साझा…tag:openbooks.ning.com,2016-12-24:5170231:Comment:8225632016-12-24T18:19:27.040Zमिथिलेश वामनकरhttp://openbooks.ning.com/profile/mw
<p>आदरणीय पंकज जी, मैं वही साझा कर रहा हूँ जो मैंने मंच से पाया है लेकिन ये जानकारी की शुरुआत है. इस पर स्पष्ट मार्गदर्शन गुनीजन ही दे सकते है. हम केवल उन्हीं किताबों पर आश्रित है जिनका प्रकाशन देवनागरी में हो गया है और उपलब्ध है. सादर </p>
<p>आदरणीय पंकज जी, मैं वही साझा कर रहा हूँ जो मैंने मंच से पाया है लेकिन ये जानकारी की शुरुआत है. इस पर स्पष्ट मार्गदर्शन गुनीजन ही दे सकते है. हम केवल उन्हीं किताबों पर आश्रित है जिनका प्रकाशन देवनागरी में हो गया है और उपलब्ध है. सादर </p> आप से ही मार्गदर्शन निवेदित ह…tag:openbooks.ning.com,2016-12-24:5170231:Comment:8224892016-12-24T18:15:54.062Zमिथिलेश वामनकरhttp://openbooks.ning.com/profile/mw
<p>आप से ही मार्गदर्शन निवेदित है. सादर </p>
<p>आप से ही मार्गदर्शन निवेदित है. सादर </p> आदरणीय राणा सर, अपनी टिप्पणी…tag:openbooks.ning.com,2016-12-24:5170231:Comment:8224002016-12-24T18:15:12.603ZMahendra Kumarhttp://openbooks.ning.com/profile/Mahendra
<p>आदरणीय राणा सर, अपनी टिप्पणी से ग़ज़ल का मान बढ़ाने के लिए आपका हृदय से आभार। सादर धन्यवाद।</p>
<p>आदरणीय राणा सर, अपनी टिप्पणी से ग़ज़ल का मान बढ़ाने के लिए आपका हृदय से आभार। सादर धन्यवाद।</p> आदरणीय राणा सर, मुशायरे में क…tag:openbooks.ning.com,2016-12-24:5170231:Comment:8226142016-12-24T18:04:59.614Zमिथिलेश वामनकरhttp://openbooks.ning.com/profile/mw
<p>आदरणीय राणा सर, <span>मुशायरे में केवल सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए फिलबदीह का प्रयास आपको पसंद आया. जानकार मुग्ध हूँ. इस प्रयास की सराहना और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए आपका हार्दिक आभार. बहुत बहुत धन्यवाद. आपने सही कहा कि सही शब्द शमअ ही है. मैं संकलन पश्चात् आवश्यक संशोधन कर निवेदन कर लूँगा. सादर </span></p>
<p>आदरणीय राणा सर, <span>मुशायरे में केवल सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए फिलबदीह का प्रयास आपको पसंद आया. जानकार मुग्ध हूँ. इस प्रयास की सराहना और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए आपका हार्दिक आभार. बहुत बहुत धन्यवाद. आपने सही कहा कि सही शब्द शमअ ही है. मैं संकलन पश्चात् आवश्यक संशोधन कर निवेदन कर लूँगा. सादर </span></p> वाह!!! महेन्द्र जी आपकी ग़ज़ल म…tag:openbooks.ning.com,2016-12-24:5170231:Comment:8223992016-12-24T18:04:12.269ZRana Pratap Singhhttp://openbooks.ning.com/profile/RanaPratapSingh
<p>वाह!!! महेन्द्र जी आपकी ग़ज़ल में अलग ही ताजगी है, मुशायरे की अब तक की सबसे उम्दा ग़ज़ल पढ़ रहा हूँ मैं, ढेर सारी मुबारकबाद कबूल कीजिये|</p>
<p>वाह!!! महेन्द्र जी आपकी ग़ज़ल में अलग ही ताजगी है, मुशायरे की अब तक की सबसे उम्दा ग़ज़ल पढ़ रहा हूँ मैं, ढेर सारी मुबारकबाद कबूल कीजिये|</p> आशीष भाई बहुत खूब सभी शेर कमा…tag:openbooks.ning.com,2016-12-24:5170231:Comment:8224872016-12-24T18:02:12.948ZRana Pratap Singhhttp://openbooks.ning.com/profile/RanaPratapSingh
<p>आशीष भाई बहुत खूब सभी शेर कमाल के हैं , मुबारकबाद|</p>
<p>आशीष भाई बहुत खूब सभी शेर कमाल के हैं , मुबारकबाद|</p> वाह वाह आदरणीय आकाश जी मुकम्म…tag:openbooks.ning.com,2016-12-24:5170231:Comment:8223982016-12-24T17:58:40.259ZRana Pratap Singhhttp://openbooks.ning.com/profile/RanaPratapSingh
<p>वाह वाह आदरणीय आकाश जी मुकम्मल ग़ज़ल के लिए ढेर सारी मुबारकबाद|</p>
<p>वाह वाह आदरणीय आकाश जी मुकम्मल ग़ज़ल के लिए ढेर सारी मुबारकबाद|</p>