"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" हीरक जयंती अंक-75 (विषय मुक्त) - Open Books Online2024-03-28T18:57:41Zhttp://openbooks.ning.com/forum/topics/75-4?commentId=5170231%3AComment%3A1062852&xg_source=activity&feed=yes&xn_auth=no"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" हीर…tag:openbooks.ning.com,2021-06-30:5170231:Comment:10630222021-06-30T18:31:17.979ZEr. Ganesh Jee "Bagi"http://openbooks.ning.com/profile/GaneshJee
<p>"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" हीरक जयंती अंक-75 में सहभागिता हेतु आप सभी सुधीजनों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ.</p>
<p>सादर </p>
<p>ई. गणेश जी बागी </p>
<p>संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक </p>
<p>ओपन बुक्स ऑनलाइन </p>
<p>"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" हीरक जयंती अंक-75 में सहभागिता हेतु आप सभी सुधीजनों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ.</p>
<p>सादर </p>
<p>ई. गणेश जी बागी </p>
<p>संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक </p>
<p>ओपन बुक्स ऑनलाइन </p> सामयिक विषयों पर बहुत तीखा कट…tag:openbooks.ning.com,2021-06-30:5170231:Comment:10631072021-06-30T18:24:03.970ZEr. Ganesh Jee "Bagi"http://openbooks.ning.com/profile/GaneshJee
<p>सामयिक विषयों पर बहुत तीखा कटाक्ष है, बधाई आदरणीय।</p>
<p>सामयिक विषयों पर बहुत तीखा कटाक्ष है, बधाई आदरणीय।</p> आदरणीय अरोड़ा साहब, प्रस्तुति…tag:openbooks.ning.com,2021-06-30:5170231:Comment:10629002021-06-30T18:19:13.893ZEr. Ganesh Jee "Bagi"http://openbooks.ning.com/profile/GaneshJee
<p>आदरणीय अरोड़ा साहब, प्रस्तुति अच्छी है किन्तु मुझे इसे लघुकथा कहने में संकोच है. आयोजन में सहभागिता हेतु बधाई और शुभकामनाएं। </p>
<p>आदरणीय अरोड़ा साहब, प्रस्तुति अच्छी है किन्तु मुझे इसे लघुकथा कहने में संकोच है. आयोजन में सहभागिता हेतु बधाई और शुभकामनाएं। </p> अच्छी लघुकथा प्रस्तुत हुई है…tag:openbooks.ning.com,2021-06-30:5170231:Comment:10630172021-06-30T18:15:35.092ZEr. Ganesh Jee "Bagi"http://openbooks.ning.com/profile/GaneshJee
<p>अच्छी लघुकथा प्रस्तुत हुई है आदरणीया नयना जी. बधाई स्वीकार करें।</p>
<p>अच्छी लघुकथा प्रस्तुत हुई है आदरणीया नयना जी. बधाई स्वीकार करें।</p> अलग मिज़ाज़ की एक अलग लघुकथा प्…tag:openbooks.ning.com,2021-06-30:5170231:Comment:10629362021-06-30T18:11:26.476ZEr. Ganesh Jee "Bagi"http://openbooks.ning.com/profile/GaneshJee
<p>अलग मिज़ाज़ की एक अलग लघुकथा प्रस्तुत हुई है, अच्छी लगी, बहुत बहुत बधाई आदरणीय ओमप्रकाश जी.</p>
<p>अलग मिज़ाज़ की एक अलग लघुकथा प्रस्तुत हुई है, अच्छी लगी, बहुत बहुत बधाई आदरणीय ओमप्रकाश जी.</p> हार्दिक आभार आदरणीय शेख़ शहजा…tag:openbooks.ning.com,2021-06-30:5170231:Comment:10628992021-06-30T18:10:55.220ZOmprakash Kshatriyahttp://openbooks.ning.com/profile/OmprakashKshatriya
<p>हार्दिक आभार आदरणीय शेख़ शहजाद उस्मानी जी।</p>
<p>हार्दिक आभार आदरणीय शेख़ शहजाद उस्मानी जी।</p> सादर नमस्कार। पाठक रचना के प्…tag:openbooks.ning.com,2021-06-30:5170231:Comment:10629342021-06-30T17:50:59.831ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>सादर नमस्कार। पाठक रचना के प्रवाह में बहता चलता है। बढ़िया शिल्प और रचना। हार्दिक बधाई आदरणीय सुरेन्द्र अरोड़ा जी।</p>
<p>सादर नमस्कार। पाठक रचना के प्रवाह में बहता चलता है। बढ़िया शिल्प और रचना। हार्दिक बधाई आदरणीय सुरेन्द्र अरोड़ा जी।</p> आदाब। झकझोरते अभी हाल के परिद…tag:openbooks.ning.com,2021-06-30:5170231:Comment:10628062021-06-30T17:45:07.985ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p style="text-align: left;">आदाब। झकझोरते अभी हाल के परिदृश्यों और समाचारों के आलोक में बेहतरीन मानवेतर बिम्ब लेकर बेहतरीन सारगर्भित तंजदार लघुकथा हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय तेजवीर सिंह जी।</p>
<p style="text-align: left;">आदाब। झकझोरते अभी हाल के परिदृश्यों और समाचारों के आलोक में बेहतरीन मानवेतर बिम्ब लेकर बेहतरीन सारगर्भित तंजदार लघुकथा हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय तेजवीर सिंह जी।</p> आभार उस्मानी जी. शीर्षक में *…tag:openbooks.ning.com,2021-06-30:5170231:Comment:10628052021-06-30T17:31:08.839Zनयना(आरती)कानिटकरhttp://openbooks.ning.com/profile/NayanaAratiKanitkar
<p>आभार उस्मानी जी. <span>शीर्षक में ** नही लगाया जाता. इस नियम का मुझे पता नहीं था. मंच से इस हेतु क्षमापार्थी हूँ.<br/>एक टंकण त्रुटि रह गई - /नौकर दो कप रखा (रख) गया/--- ओह! ठीक करती हूँ सर<br/></span></p>
<p>आभार उस्मानी जी. <span>शीर्षक में ** नही लगाया जाता. इस नियम का मुझे पता नहीं था. मंच से इस हेतु क्षमापार्थी हूँ.<br/>एक टंकण त्रुटि रह गई - /नौकर दो कप रखा (रख) गया/--- ओह! ठीक करती हूँ सर<br/></span></p> आदाब। गोष्ठी में बिल्कुल ही भ…tag:openbooks.ning.com,2021-06-30:5170231:Comment:10629332021-06-30T17:26:34.090ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>आदाब। गोष्ठी में बिल्कुल ही भिन्न और विचारोत्तेजक प्रविष्टि। हार्दिक बधाई आदरणीया नयना आरती कानिटकर जी। प्रवाह व कथनोपकथन पाठक को बाँधे रखता है। हाँलाकि इस विषय पर.अन्य लेखकों ने भी अपनी तरह से क़लम चलाई है। लेकिन यह बेहतर बन पड़ी है। शीर्षक बढ़िया है शीर्षक आदि में * जैसे केरेक्टर चिह्न न लगाने को मंच पर कहा जाता है।</p>
<p>एक टंकण त्रुटि रह गई - /<span>नौकर दो कप रखा (रख) गया/</span></p>
<p>आदाब। गोष्ठी में बिल्कुल ही भिन्न और विचारोत्तेजक प्रविष्टि। हार्दिक बधाई आदरणीया नयना आरती कानिटकर जी। प्रवाह व कथनोपकथन पाठक को बाँधे रखता है। हाँलाकि इस विषय पर.अन्य लेखकों ने भी अपनी तरह से क़लम चलाई है। लेकिन यह बेहतर बन पड़ी है। शीर्षक बढ़िया है शीर्षक आदि में * जैसे केरेक्टर चिह्न न लगाने को मंच पर कहा जाता है।</p>
<p>एक टंकण त्रुटि रह गई - /<span>नौकर दो कप रखा (रख) गया/</span></p>