"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-58 (विषय: परिवर्तन) - Open Books Online2024-03-28T21:23:32Zhttp://openbooks.ning.com/forum/topics/58-4?commentId=5170231%3AComment%3A1000362&x=1&feed=yes&xn_auth=noमेरी इस प्रविष्टि पर त्वरित उ…tag:openbooks.ning.com,2020-01-30:5170231:Comment:10003622020-01-30T18:23:00.243ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>मेरी इस प्रविष्टि पर त्वरित उपस्थिति और मेरी यूं हौसला अफ़ज़ाई के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरमा बबीता गुप्ता जी।</p>
<p>मेरी इस प्रविष्टि पर त्वरित उपस्थिति और मेरी यूं हौसला अफ़ज़ाई के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरमा बबीता गुप्ता जी।</p> मेरी इस तात्कालिक रचना पर त्व…tag:openbooks.ning.com,2020-01-30:5170231:Comment:10005312020-01-30T18:21:37.708ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>मेरी इस तात्कालिक रचना पर त्वरित प्रोत्साहक टिप्पणी के लिए हार्दिक आभार आदरणीय योगराज सर जी।</p>
<p>मेरी इस तात्कालिक रचना पर त्वरित प्रोत्साहक टिप्पणी के लिए हार्दिक आभार आदरणीय योगराज सर जी।</p> आदाब। आदररणीय मंच संचालक महोद…tag:openbooks.ning.com,2020-01-30:5170231:Comment:10005302020-01-30T18:18:47.835ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>आदाब। आदररणीय मंच संचालक महोदय योगराज सर.जी ने बहुत बढ़िया व्याख्या कर समीक्षा के ज़रिए इस संकेतात्मक बेहतरीन रचना में चार चाँद लगा दिये हैं हमें बढ़िया सीखें और मार्गदर्शन प्रदान करते हुए हार्दिक बधाई और आभार आप दोनों के प्रति आदरणीया कनक हरलाल्का जी। आपकी बेहतरीन रचनाओं में एक और शामिल। आज के राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय परिदृश्यों, प्रवृत्तियों और माहौल पर बढ़िया तंज!</p>
<p>आदाब। आदररणीय मंच संचालक महोदय योगराज सर.जी ने बहुत बढ़िया व्याख्या कर समीक्षा के ज़रिए इस संकेतात्मक बेहतरीन रचना में चार चाँद लगा दिये हैं हमें बढ़िया सीखें और मार्गदर्शन प्रदान करते हुए हार्दिक बधाई और आभार आप दोनों के प्रति आदरणीया कनक हरलाल्का जी। आपकी बेहतरीन रचनाओं में एक और शामिल। आज के राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय परिदृश्यों, प्रवृत्तियों और माहौल पर बढ़िया तंज!</p> बेहतरीन रचना के लिए बधाई स्वी…tag:openbooks.ning.com,2020-01-30:5170231:Comment:10002902020-01-30T18:17:54.157Zbabitaguptahttp://openbooks.ning.com/profile/babitagupta631
<p>बेहतरीन रचना के लिए बधाई स्वीकार कीजिएगा आदरणीया दी। </p>
<p>बेहतरीन रचना के लिए बधाई स्वीकार कीजिएगा आदरणीया दी। </p> बेहतरीन रचना के लिए बधाई स्वी…tag:openbooks.ning.com,2020-01-30:5170231:Comment:10003612020-01-30T18:16:02.088Zbabitaguptahttp://openbooks.ning.com/profile/babitagupta631
<p>बेहतरीन रचना के लिए बधाई स्वीकार कीजिएगा </p>
<p>बेहतरीन रचना के लिए बधाई स्वीकार कीजिएगा </p> आदाब। ...वाह और आह! ग़ज़ब के ट…tag:openbooks.ning.com,2020-01-30:5170231:Comment:10004302020-01-30T18:13:25.193ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
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<li>आदाब। ...वाह और आह! ग़ज़ब के ट्विस्ट दिये/हुए हैं रचना में। थोड़ी सी दाल से पूरी दाल वापसी... और फ़िर... बदल गये ..से.. नारी में नैसर्गिक या थोपे गये बदलाव और फिर समापन पंच-संवाद में बेटे में आये अनपेक्षित बदलाव की विचारोत्तेजक बात। बहुत ख़ूब। हार्दिक बधाई जनाब तेजवीर सिंह साहिब। </li>
</ol>
<p>हाँ, एक बात ज़रूर.लगी.. कि स्त्री के बदलाव/सहारों संबंधित बातें विचार पेश करने जैसा लगा। इन्हें बहुत कम शब्दों में कहा जाये, तो मुख्य प्रवाह अधिक प्रभावशाली हो सकेगा मेरे विचार से। सादर।</p>
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<li>आदाब। ...वाह और आह! ग़ज़ब के ट्विस्ट दिये/हुए हैं रचना में। थोड़ी सी दाल से पूरी दाल वापसी... और फ़िर... बदल गये ..से.. नारी में नैसर्गिक या थोपे गये बदलाव और फिर समापन पंच-संवाद में बेटे में आये अनपेक्षित बदलाव की विचारोत्तेजक बात। बहुत ख़ूब। हार्दिक बधाई जनाब तेजवीर सिंह साहिब। </li>
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<p>हाँ, एक बात ज़रूर.लगी.. कि स्त्री के बदलाव/सहारों संबंधित बातें विचार पेश करने जैसा लगा। इन्हें बहुत कम शब्दों में कहा जाये, तो मुख्य प्रवाह अधिक प्रभावशाली हो सकेगा मेरे विचार से। सादर।</p> परिवर्तन की यह परिभाषा भी खूब…tag:openbooks.ning.com,2020-01-30:5170231:Comment:10003602020-01-30T18:11:07.580Zयोगराज प्रभाकरhttp://openbooks.ning.com/profile/YograjPrabhakar
<p><span style="font-size: 10pt;">परिवर्तन की यह परिभाषा भी खूब रही भाई उस्मानी जी। इस प्रस्तुति पर मेरी बधाई स्वीकार करें।</span></p>
<p><span style="font-size: 10pt;">परिवर्तन की यह परिभाषा भी खूब रही भाई उस्मानी जी। इस प्रस्तुति पर मेरी बधाई स्वीकार करें।</span></p> कटाक्ष करती बेहतरीन रचना के ल…tag:openbooks.ning.com,2020-01-30:5170231:Comment:10003592020-01-30T18:09:38.396Zbabitaguptahttp://openbooks.ning.com/profile/babitagupta631
<p>कटाक्ष करती बेहतरीन रचना के लिए बधाई स्वीकार कीजिएगा आदरणीया प्रतिभा दी। </p>
<p></p>
<p>कटाक्ष करती बेहतरीन रचना के लिए बधाई स्वीकार कीजिएगा आदरणीया प्रतिभा दी। </p>
<p></p> बेहतरीन रचना के लिए बधाई स्वी…tag:openbooks.ning.com,2020-01-30:5170231:Comment:10002892020-01-30T18:05:30.089Zbabitaguptahttp://openbooks.ning.com/profile/babitagupta631
<p>बेहतरीन रचना के लिए बधाई स्वीकार कीजिएगा आदरणीय शेख सरजी। </p>
<p>बेहतरीन रचना के लिए बधाई स्वीकार कीजिएगा आदरणीय शेख सरजी। </p> आदाब। उपरोक्त टिप्पणियों में…tag:openbooks.ning.com,2020-01-30:5170231:Comment:10004292020-01-30T18:02:34.671ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>आदाब। उपरोक्त टिप्पणियों में वह सब कह दिया गया है जो आपके फैन पाठकगण कहना चाहते हैं। गागर में सागर रूपी कसी हुई सारगर्भित रचना का समापन भी बेहतरीन है। शीर्षक भी। बेक़सूरों की मौतों, फ़सादों के तत्वों व तत्वाधानों पर बेहतरीन सार्थक सृजन के लिए हार्दिक बधाई मुहतरमा प्रतिभा पाण्डेय साहिबा।</p>
<p>आदाब। उपरोक्त टिप्पणियों में वह सब कह दिया गया है जो आपके फैन पाठकगण कहना चाहते हैं। गागर में सागर रूपी कसी हुई सारगर्भित रचना का समापन भी बेहतरीन है। शीर्षक भी। बेक़सूरों की मौतों, फ़सादों के तत्वों व तत्वाधानों पर बेहतरीन सार्थक सृजन के लिए हार्दिक बधाई मुहतरमा प्रतिभा पाण्डेय साहिबा।</p>