पुस्तक समीक्षा : लक्ष्मण की कुण्डलियाँ - Open Books Online2024-03-29T12:29:44Zhttp://openbooks.ning.com/forum/topics/5170231:Topic:842920?groupUrl=Pustak_samiksha&commentId=5170231%3AComment%3A842737&groupId=5170231%3AGroup%3A17766&feed=yes&xn_auth=no आदरणीय सौरभ जी, मैंने अपनी छ…tag:openbooks.ning.com,2017-03-17:5170231:Comment:8431092017-03-17T09:23:59.906Zलक्ष्मण रामानुज लडीवालाhttp://openbooks.ning.com/profile/LaxmanPrasadLadiwala
<p> आदरणीय सौरभ जी, मैंने अपनी छंद काव्य संग्रह "करते शब्द प्रहार" और "लक्ष्मण की कुंडलियाँ" अपने आमुख में भी यही लिखा है -</p>
<p>"सेवा-निवृति के बाद गत 5 वर्ष पूर्व सोशल नेटवर्क पर Openbooksonline.com के प्र.सम्पादक श्री योगराज प्रभाकर ने, (मेरी दविपदियों से प्रभावित होकर) और प्रतिमाह आयोजित छंद समारोह में श्री अम्बरीश श्रीवास्तव, सौरभ पाण्डेय, संजीव वर्मा सलिल. डॉ. प्राची सिंह, राजेश कुमारी, सीमा अग्रवाल, अरुण कुमार निगम अशोक रक्ताले जी आदि के सहयोगात्मक रवैये से रूचि बढ़ने से दोहें एवं…</p>
<p> आदरणीय सौरभ जी, मैंने अपनी छंद काव्य संग्रह "करते शब्द प्रहार" और "लक्ष्मण की कुंडलियाँ" अपने आमुख में भी यही लिखा है -</p>
<p>"सेवा-निवृति के बाद गत 5 वर्ष पूर्व सोशल नेटवर्क पर Openbooksonline.com के प्र.सम्पादक श्री योगराज प्रभाकर ने, (मेरी दविपदियों से प्रभावित होकर) और प्रतिमाह आयोजित छंद समारोह में श्री अम्बरीश श्रीवास्तव, सौरभ पाण्डेय, संजीव वर्मा सलिल. डॉ. प्राची सिंह, राजेश कुमारी, सीमा अग्रवाल, अरुण कुमार निगम अशोक रक्ताले जी आदि के सहयोगात्मक रवैये से रूचि बढ़ने से दोहें एवं कुंडलियाँ छंद का अभ्यास हुआ |" </p>
<p>श्री अशोक रक्ताले जी की संक्षिप्त में सटीक समीक्षा मेरी पुस्तक के सन्दर्भ में किसी सम्मान-पात्र से कम नहीं है | obo मंच और इसके आप सहित सभी सक्रीय सदस्यों का हार्दिक आभार |</p> आदरणीय लक्ष्मण प्रसाद जी का ओ…tag:openbooks.ning.com,2017-03-16:5170231:Comment:8426812017-03-16T18:22:45.353ZSaurabh Pandeyhttp://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p>आदरणीय लक्ष्मण प्रसाद जी का ओबीओ के पटल पर होना और एकनिष्ठ समर्पण के साथ छंद पर लगातार काम करते जाना, अपने सीखने के क्रम में वयस को बाधा न बनने देना हम सभी के लिए सीख है. आज आपकी पुस्तकों पर हुई बातचीत आपके सोत्साह कार्य का प्रतिफल है.</p>
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<p>आपकी पुस्तक पर आदरणीय अशोक भाई जी की संक्षिप्त किन्तु अत्यंत सटीक पाठकीय समीक्षा आयी है. आदरणीय अशोक भाईजी स्वयं कुण्डलिया छंद के गहरे जानकार हैं अतः इस छंद की महीनी और सौंदर्य दोनों समझते हैं. </p>
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<p>छंदकार द्वय को हार्दिक बधाइयाँ और…</p>
<p>आदरणीय लक्ष्मण प्रसाद जी का ओबीओ के पटल पर होना और एकनिष्ठ समर्पण के साथ छंद पर लगातार काम करते जाना, अपने सीखने के क्रम में वयस को बाधा न बनने देना हम सभी के लिए सीख है. आज आपकी पुस्तकों पर हुई बातचीत आपके सोत्साह कार्य का प्रतिफल है.</p>
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<p>आपकी पुस्तक पर आदरणीय अशोक भाई जी की संक्षिप्त किन्तु अत्यंत सटीक पाठकीय समीक्षा आयी है. आदरणीय अशोक भाईजी स्वयं कुण्डलिया छंद के गहरे जानकार हैं अतः इस छंद की महीनी और सौंदर्य दोनों समझते हैं. </p>
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<p>छंदकार द्वय को हार्दिक बधाइयाँ और अशेष शुभकामनाएँ </p>
<p>सादर</p>
<p></p> सम्मानित श्री अशोक रक्ताले ज…tag:openbooks.ning.com,2017-03-16:5170231:Comment:8427372017-03-16T06:31:48.248Zलक्ष्मण रामानुज लडीवालाhttp://openbooks.ning.com/profile/LaxmanPrasadLadiwala
<p> सम्मानित श्री अशोक रक्ताले जी, मेरी पुस्तक <strong>'"लक्ष्मण की कुंडलियाँ"</strong> पर आपकी अतीव सुन्दर और सार्थक समीक्षा के लिए आपका हार्दिक आभार | मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि गत 4-5 वर्षों में जो छंद विधा पर इस ओ बी ओ मंच पर वरिष्ठ साहित्य पुरोधाओ विशेषकर प्र. संपादक योगराज प्रभाकर जी द्वारा प्रारम्भिक उत्साह उत्साहवर्धन, और सर्व श्री <strong>अम्बरीश श्रीवास्तव जी, सौरभ पाण्डेय जी, बहन डॉ. प्राची सिंह जी, राजेश कुमारी जी, </strong><strong>के साथ ही आप जैसे मित्र श्री अशोक रक्ताले, अरुण…</strong></p>
<p> सम्मानित श्री अशोक रक्ताले जी, मेरी पुस्तक <strong>'"लक्ष्मण की कुंडलियाँ"</strong> पर आपकी अतीव सुन्दर और सार्थक समीक्षा के लिए आपका हार्दिक आभार | मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि गत 4-5 वर्षों में जो छंद विधा पर इस ओ बी ओ मंच पर वरिष्ठ साहित्य पुरोधाओ विशेषकर प्र. संपादक योगराज प्रभाकर जी द्वारा प्रारम्भिक उत्साह उत्साहवर्धन, और सर्व श्री <strong>अम्बरीश श्रीवास्तव जी, सौरभ पाण्डेय जी, बहन डॉ. प्राची सिंह जी, राजेश कुमारी जी, </strong><strong>के साथ ही आप जैसे मित्र श्री अशोक रक्ताले, अरुण कुमार निगम आदि</strong> के सकारात्मक सहयोग से प्रयास सफल हुए और मेरे द्वारा अक्तूबर, 2016 में प्रकाश्सित प्रथम छंद काव्य संग्रह "करते शब्द प्रहार" के बाद 5 जनवरी, 2017 को विक्रम सम्वत अनुसार विवाह की 50वीं जयंती पर ये कुंडलिया छंद का संग्रह प्रकाशित हुआ | </p>
<p>दोनों संग्रह का विवरण प्रस्तुत करते हुए ओबीओ से सदस्यों के लिए सहर्ष 30% छूट पर पुस्तक उपलब्ध कराने का नरमी लिया है - </p>
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<p><strong>1. "करते शब्द प्रहार" (दोहें एवं छंद आधारित गीत) - पृष्ठ संख्या 124 मूल्य - 120/- (छूट 33% के साथ उपलब्ध)</strong></p>
<p><strong>२. "लक्ष्मण की कुंडलिया" (236 कुंडलियाँ छंद संग्रह) - पृष्ठ संख्या 92 मूल्य - 100/- (छूट 30% क साथ उपलब्ध)</strong></p>
<p><strong>3 - दोनों पुस्तके एक साथ 150/- में उपलब्ध कराई जायगी | कोई पोस्टेज शुल्क नहीं |</strong></p>
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<p>आपका पुनः आभार श्री अशोक रक्ताले साहब |</p>