ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार का एक वर्ष का सफ़र : कैसा रहा आपका अनुभव.. - Open Books Online2024-03-29T10:58:10Zhttp://openbooks.ning.com/forum/topics/5170231:Topic:66771?commentId=5170231%3AComment%3A70465&feed=yes&xn_auth=noएक कटोरा गुलाबजामुन, एक कटोरा…tag:openbooks.ning.com,2011-04-18:5170231:Comment:706952011-04-18T06:16:57.626ZSaurabh Pandeyhttp://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p>एक कटोरा गुलाबजामुन, एक कटोरा रसगुल्ला</p>
<p>भाई वाह जी भाई वाह.. मीठा-मीठा भल्ला </p>
<p>रसगुल्ले का मधुर हास</p>
<p>मीठा-मीठा उज्ज्वल उज्ज्वल </p>
<p>लहराता परिहास खास.. रसगुल्ले का मधुर हास.</p>
<p> </p>
<p>वर्षगाँठ की पार्टी बधाई हो.</p>
<p>एक कटोरा गुलाबजामुन, एक कटोरा रसगुल्ला</p>
<p>भाई वाह जी भाई वाह.. मीठा-मीठा भल्ला </p>
<p>रसगुल्ले का मधुर हास</p>
<p>मीठा-मीठा उज्ज्वल उज्ज्वल </p>
<p>लहराता परिहास खास.. रसगुल्ले का मधुर हास.</p>
<p> </p>
<p>वर्षगाँठ की पार्टी बधाई हो.</p> आप भी लीजिये हुजुर, बिना दात…tag:openbooks.ning.com,2011-04-18:5170231:Comment:708262011-04-18T05:31:41.317ZAdminhttp://openbooks.ning.com/profile/Admin
<p><strong>आप भी लीजिये हुजुर, बिना दात वालों के लिए खास बनवाई है :-)</strong></p>
<p><a target="_self" href="http://storage.ning.com/topology/rest/1.0/file/get/2966932109?profile=original"><img class="align-right" src="http://storage.ning.com/topology/rest/1.0/file/get/2966932109?profile=original" width="335" height="244"/></a></p>
<p><strong>आप भी लीजिये हुजुर, बिना दात वालों के लिए खास बनवाई है :-)</strong></p>
<p><a target="_self" href="http://storage.ning.com/topology/rest/1.0/file/get/2966932109?profile=original"><img class="align-right" src="http://storage.ning.com/topology/rest/1.0/file/get/2966932109?profile=original" width="335" height="244"/></a></p> पास बैठों को तो खिलाते हो
दूर…tag:openbooks.ning.com,2011-04-18:5170231:Comment:709222011-04-18T05:24:06.300ZTilak Raj Kapoorhttp://openbooks.ning.com/profile/TilakRajKapoor
<p>पास बैठों को तो खिलाते हो</p>
<p>दूर बैठों के दिल जलाते हो।</p>
<p>पास बैठों को तो खिलाते हो</p>
<p>दूर बैठों के दिल जलाते हो।</p> प्रथम वर्षगाँठ पर मेरी अनेकान…tag:openbooks.ning.com,2011-04-18:5170231:Comment:706872011-04-18T05:05:30.283ZSaurabh Pandeyhttp://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p>प्रथम वर्षगाँठ पर मेरी अनेकानेक शुभकामनाएँ.</p>
<p>मुझे गर्व है कि नेट पर उपलब्ध इस अद्वितीय पत्रिका से जुड़ा हूँ, जो पाठकों के लिये मात्र मानसिक रंजन के सामान उपलब्ध नहीं कराती बल्कि पाठकों के मानसिक परिष्कार हेतु सतत प्रयत्नशील है. साहित्यिक पत्रिकाओं के जीवन में व्यतीत एक वर्ष बहुत नहीं होता किन्तु उसके प्रवाह की शैली उसके उज्ज्वल भविष्य के प्रति आश्वस्त करती है. </p>
<p>एडमिन और सम्पादकीय विभाग के सभी सदस्यों का योगराजभाई के नेतृत्त्व में दायित्त्व-निर्वहन समस्त रचनाकारों और पाठकों के…</p>
<p>प्रथम वर्षगाँठ पर मेरी अनेकानेक शुभकामनाएँ.</p>
<p>मुझे गर्व है कि नेट पर उपलब्ध इस अद्वितीय पत्रिका से जुड़ा हूँ, जो पाठकों के लिये मात्र मानसिक रंजन के सामान उपलब्ध नहीं कराती बल्कि पाठकों के मानसिक परिष्कार हेतु सतत प्रयत्नशील है. साहित्यिक पत्रिकाओं के जीवन में व्यतीत एक वर्ष बहुत नहीं होता किन्तु उसके प्रवाह की शैली उसके उज्ज्वल भविष्य के प्रति आश्वस्त करती है. </p>
<p>एडमिन और सम्पादकीय विभाग के सभी सदस्यों का योगराजभाई के नेतृत्त्व में दायित्त्व-निर्वहन समस्त रचनाकारों और पाठकों के विश्वास को निरंतर बहुगुणित करे इसी शुभकामनाओं के साथ मेरा सादर प्रणाम.</p> आदरणीया मुमताज़ जी , यदि सदस्…tag:openbooks.ning.com,2011-04-18:5170231:Comment:709122011-04-18T03:48:29.689ZAdminhttp://openbooks.ning.com/profile/Admin
आदरणीया मुमताज़ जी , यदि सदस्यों का भरपुर सहयोग मिलता रहा तो भविष्य में बहुत सारे आयोजन होते रहेंगे |अभी OBO पर नया आयोजन <a href="http://www.openbooksonline.com/group/pop?xg_source=activity" target="_blank">"चित्र से काव्य तक"</a> चल रहा है |
आदरणीया मुमताज़ जी , यदि सदस्यों का भरपुर सहयोग मिलता रहा तो भविष्य में बहुत सारे आयोजन होते रहेंगे |अभी OBO पर नया आयोजन <a href="http://www.openbooksonline.com/group/pop?xg_source=activity" target="_blank">"चित्र से काव्य तक"</a> चल रहा है | गुरु जी आज OBO जो कुछ भी है उ…tag:openbooks.ning.com,2011-04-18:5170231:Comment:706682011-04-18T03:46:08.080ZAdminhttp://openbooks.ning.com/profile/Admin
गुरु जी आज OBO जो कुछ भी है उसमे आपका भी बहुत योगदान है |
गुरु जी आज OBO जो कुछ भी है उसमे आपका भी बहुत योगदान है | पुनिया साहिब, आपका प्यार और स…tag:openbooks.ning.com,2011-04-18:5170231:Comment:706672011-04-18T03:44:56.713ZAdminhttp://openbooks.ning.com/profile/Admin
पुनिया साहिब, आपका प्यार और समर्पण जिस तरह OBO को प्राप्त हो रहा है हमलोग उत्साहित है | धन्यवाद आपका |
पुनिया साहिब, आपका प्यार और समर्पण जिस तरह OBO को प्राप्त हो रहा है हमलोग उत्साहित है | धन्यवाद आपका | धन्यवाद तिलक जी |tag:openbooks.ning.com,2011-04-18:5170231:Comment:706662011-04-18T03:40:35.785ZAdminhttp://openbooks.ning.com/profile/Admin
धन्यवाद तिलक जी |
धन्यवाद तिलक जी | नीलम जी , बहुत बहुत धन्यवाद स…tag:openbooks.ning.com,2011-04-18:5170231:Comment:709112011-04-18T03:39:39.396ZAdminhttp://openbooks.ning.com/profile/Admin
नीलम जी , बहुत बहुत धन्यवाद सराहना हेतु , आप सबका स्नेह इसी तरह मिलते रहना चाहिए, भविष्य में बहुत कुछ करने की योजना है |
नीलम जी , बहुत बहुत धन्यवाद सराहना हेतु , आप सबका स्नेह इसी तरह मिलते रहना चाहिए, भविष्य में बहुत कुछ करने की योजना है | आशीष जी , OBO एक साईट ही नहीं…tag:openbooks.ning.com,2011-04-18:5170231:Comment:708142011-04-18T03:38:00.788ZAdminhttp://openbooks.ning.com/profile/Admin
आशीष जी , OBO एक साईट ही नहीं यह तो हम सबका परिवार है , भाव व्यक्त करने हेतु धन्यवाद |
आशीष जी , OBO एक साईट ही नहीं यह तो हम सबका परिवार है , भाव व्यक्त करने हेतु धन्यवाद |