छंदोत्सव के सन्दर्भ में - Open Books Online2024-03-29T00:01:07Zhttp://openbooks.ning.com/forum/topics/5170231:Topic:335715?groupUrl=complainsujession&commentId=5170231%3AComment%3A365865&x=1&feed=yes&xn_auth=noसहमत हूँ डॉ प्राची जी !tag:openbooks.ning.com,2013-05-22:5170231:Comment:3658652013-05-22T04:19:13.256ZAbhinav Arunhttp://openbooks.ning.com/profile/ArunKumarPandeyAbhinav
<p><span>सहमत हूँ डॉ प्राची जी !</span></p>
<p><span>सहमत हूँ डॉ प्राची जी !</span></p> छंदोत्सव की प्रविष्टियों में…tag:openbooks.ning.com,2013-03-22:5170231:Comment:3367462013-03-22T16:49:15.107ZDr.Prachi Singhhttp://openbooks.ning.com/profile/DrPrachiSingh376
<p>छंदोत्सव की प्रविष्टियों में से सिर्फ निर्दोष रचनाओं के संकलन किये जाने के सुझाव पर आप सभी सुधिजनों के अनुमोदन हेतु सादर आभार.</p>
<p>छंदोत्सव की प्रविष्टियों में से सिर्फ निर्दोष रचनाओं के संकलन किये जाने के सुझाव पर आप सभी सुधिजनों के अनुमोदन हेतु सादर आभार.</p> अनुमोदनtag:openbooks.ning.com,2013-03-19:5170231:Comment:3356642013-03-19T18:42:50.068Zवीनस केसरीhttp://openbooks.ning.com/profile/1q1lxk02g9ue6
<p>अनुमोदन</p>
<p>अनुमोदन</p> आपका सुझाव उपयुक्त है।tag:openbooks.ning.com,2013-03-19:5170231:Comment:3357232013-03-19T16:59:58.419Zबृजेश नीरजhttp://openbooks.ning.com/profile/BrijeshKumarSingh
<p>आपका सुझाव उपयुक्त है।</p>
<p>आपका सुझाव उपयुक्त है।</p> प्रिय प्राची जी आपका सुझाव बि…tag:openbooks.ning.com,2013-03-19:5170231:Comment:3358182013-03-19T16:59:48.038Zrajesh kumarihttp://openbooks.ning.com/profile/rajeshkumari
<p>प्रिय प्राची जी आपका सुझाव बिलकुल सही है |</p>
<p>प्रिय प्राची जी आपका सुझाव बिलकुल सही है |</p> //रचनाकारों द्वारा अपनी त्रुट…tag:openbooks.ning.com,2013-03-19:5170231:Comment:3355662013-03-19T16:53:30.663ZSaurabh Pandeyhttp://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p>//<strong><span style="text-decoration: underline;">रचनाकारों द्वारा अपनी त्रुटियों को तीसरे दिन की समाप्ति से पहले एडिट करवा लिया जाना चाहिए</span></strong>, ताकि पूर्णतः शुद्ध संकलन सबके सामने एक उदाहरण के तौर पर प्रस्तुत हो सके.//</p>
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<p>डॉ. प्राची, जानने वाले इस तथ्य को जानते हैं और तदनुरूप सुधार को स्वीकार कर अशुद्ध या सलाह पायी रचनाओं में मोडिफ़िकेशन करवाते भी हैं. ऐसा मुशायरे और लाइव काव्य महाउत्सव में होता ही है. इस आयोजन में भी होता है. यह अवश्य है कि जब यह आयोजन प्रतियोगिता…</p>
<p>//<strong><span style="text-decoration: underline;">रचनाकारों द्वारा अपनी त्रुटियों को तीसरे दिन की समाप्ति से पहले एडिट करवा लिया जाना चाहिए</span></strong>, ताकि पूर्णतः शुद्ध संकलन सबके सामने एक उदाहरण के तौर पर प्रस्तुत हो सके.//</p>
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<p>डॉ. प्राची, जानने वाले इस तथ्य को जानते हैं और तदनुरूप सुधार को स्वीकार कर अशुद्ध या सलाह पायी रचनाओं में मोडिफ़िकेशन करवाते भी हैं. ऐसा मुशायरे और लाइव काव्य महाउत्सव में होता ही है. इस आयोजन में भी होता है. यह अवश्य है कि जब यह आयोजन प्रतियोगिता की तरह आयोजित होता था तो किसी सलाह या सुझाव के अनुसार प्रविष्टियों में किसी परिवर्तन की मनाही थी.</p>
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<p>आपका अन्य सुझाव भी समीचीन है.</p>
<p>सादर</p>
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