माई - Open Books Online2024-03-28T21:39:30Zhttp://openbooks.ning.com/forum/topics/5170231:Topic:274?feed=yes&xn_auth=noI want to say only .........…tag:openbooks.ning.com,2010-03-29:5170231:Comment:9072010-03-29T14:22:01.907ZRajuhttp://openbooks.ning.com/profile/Raju
I want to say only .........<br />
<br />
माई हिमालय से भी ऊंचा हो ले<br />
लेकिन<br />
पत्थर लेखा कठोर ना<br />
माई सागर से भी गहरा हो ले<br />
लेकिन<br />
सागर जइसन खारा ना<br />
भगवान के भी जन्म देवे ले माई<br />
लेकिन<br />
भगवान लेखा दुर्लभ ना<br />
माइ त हवा से भी जादे गतिशील हो ले<br />
लेकीन<br />
अदृश्य बिल्कुल ना<br />
<br />
देखत रहेले हरदम माई<br />
हमनी के बीमार भइला पर<br />
गुमसुम बैठ के सिरहाना<br />
माथ पर हाथ फेरत.....<br />
लम्बी उम्र के कामना करत ....<br />
ई त शाश्वत सत्य बा...की<br />
माई के तुलना ना हो सकेला<br />
काहे कि<br />
केहू नईखे<br />
माई के जईसन<br />
केकरा से करी हम तुलना माई के............<br />
माई...<br />
माई ...हो…
I want to say only .........<br />
<br />
माई हिमालय से भी ऊंचा हो ले<br />
लेकिन<br />
पत्थर लेखा कठोर ना<br />
माई सागर से भी गहरा हो ले<br />
लेकिन<br />
सागर जइसन खारा ना<br />
भगवान के भी जन्म देवे ले माई<br />
लेकिन<br />
भगवान लेखा दुर्लभ ना<br />
माइ त हवा से भी जादे गतिशील हो ले<br />
लेकीन<br />
अदृश्य बिल्कुल ना<br />
<br />
देखत रहेले हरदम माई<br />
हमनी के बीमार भइला पर<br />
गुमसुम बैठ के सिरहाना<br />
माथ पर हाथ फेरत.....<br />
लम्बी उम्र के कामना करत ....<br />
ई त शाश्वत सत्य बा...की<br />
माई के तुलना ना हो सकेला<br />
काहे कि<br />
केहू नईखे<br />
माई के जईसन<br />
केकरा से करी हम तुलना माई के............<br />
माई...<br />
माई ...हो ले!<br />
बस माई ....<br />
माई के तुलना ना हो सकेला।। bahut badhiya discussion ,aaj…tag:openbooks.ning.com,2010-03-22:5170231:Comment:5182010-03-22T11:59:10.518ZRatnesh Raman Pathakhttp://openbooks.ning.com/profile/pathakbaba
bahut badhiya discussion ,aaj ke jamana me sabse kum mai baap ke kimat hota.bahut hi saubhagya wala beta beti badan jekara apna mata pita ke sewa kare ke subhagya prapt hola.bahut badhiya.
bahut badhiya discussion ,aaj ke jamana me sabse kum mai baap ke kimat hota.bahut hi saubhagya wala beta beti badan jekara apna mata pita ke sewa kare ke subhagya prapt hola.bahut badhiya. jee guru jee sahi kah rahal b…tag:openbooks.ning.com,2010-03-20:5170231:Comment:4012010-03-20T09:25:15.401ZPREETAM TIWARY(PREET)http://openbooks.ning.com/profile/preetamkumartiwary
jee guru jee sahi kah rahal bani...hum samajh sakat bani.........
jee guru jee sahi kah rahal bani...hum samajh sakat bani......... preetam bhai tu iyad karat ba…tag:openbooks.ning.com,2010-03-20:5170231:Comment:3982010-03-20T09:17:52.398ZRash Bihari Ravihttp://openbooks.ning.com/profile/ravikumargiri
preetam bhai tu iyad karat bara mai ke okara se puchha mai ke bisay me jekara lage mai naikhe
preetam bhai tu iyad karat bara mai ke okara se puchha mai ke bisay me jekara lage mai naikhe प्रितम भाई परनाम,
बहुत ही निम…tag:openbooks.ning.com,2010-03-17:5170231:Comment:3262010-03-17T18:34:56.326ZEr. Ganesh Jee "Bagi"http://openbooks.ning.com/profile/GaneshJee
प्रितम भाई परनाम,<br />
बहुत ही निमन चर्चा शुरू रउआ कइले बानी, हम ऐ बहस मे बाद मे सक्रियता से लेब, पर सबसे पहिले हम कोई के लिखल कुछ लाइन ईहा आज के परिवेश मे रखल चाहत बानी......<br />
<br />
<font color="red" size="4">रिश्तो को यू तोड़ते,जैसे कच्चा सूत ,<br />
बटवारा मा -बाप का,करने लगे कपूत ,<br />
<br />
कैसे बेटो पर करे,माता -पिता अभिमान,<br />
अपने घर में ही बने,अनचाहे मेहमान ,<br />
<br />
माता-पिता में बस रहे,साक्षात भगवान,<br />
मंदिर-मस्जिद ढूंढता ,मानव है नादान ,<br />
<br />
मुस्टन्डो को पूजते और नवाते शीश,<br />
पानी माँगे बाप तो ,नखरे करते बीस,<br />
<br />
छिने -भिन्न…</font>
प्रितम भाई परनाम,<br />
बहुत ही निमन चर्चा शुरू रउआ कइले बानी, हम ऐ बहस मे बाद मे सक्रियता से लेब, पर सबसे पहिले हम कोई के लिखल कुछ लाइन ईहा आज के परिवेश मे रखल चाहत बानी......<br />
<br />
<font size="4" color="red">रिश्तो को यू तोड़ते,जैसे कच्चा सूत ,<br />
बटवारा मा -बाप का,करने लगे कपूत ,<br />
<br />
कैसे बेटो पर करे,माता -पिता अभिमान,<br />
अपने घर में ही बने,अनचाहे मेहमान ,<br />
<br />
माता-पिता में बस रहे,साक्षात भगवान,<br />
मंदिर-मस्जिद ढूंढता ,मानव है नादान ,<br />
<br />
मुस्टन्डो को पूजते और नवाते शीश,<br />
पानी माँगे बाप तो ,नखरे करते बीस,<br />
<br />
छिने -भिन्न सपने हुए,तार तार विश्वास,<br />
माता -पिता को दे दिया,बेटो ने वनवास ,<br />
<br />
मंदिर में पूजा करे,घर में करे क्लेश ,<br />
बाप तो बोझा लगे,पत्थर लगे गणेश ,<br />
<br />
प्रेम आस्था त्याग हुए,बीते युग की बात,<br />
बच्चे ही करने लगे,माता-पिता से घात ,<br />
<br />
पानी आँखो मे मरी ,मरी शर्म-ओ-लाज ,<br />
कहे बहू अब साँस से,घर में मेरा राज ,<br />
<br />
नयी सदी से मिल रही,दर्द भरी सौगात,<br />
बेटा कहता बाप से,क्या तेरी औकात ,<br />
<br />
कमा अकेले बाप ने,बेटे पाले चार ,<br />
एक अकेली जब अब,चारो पर है भार,<br />
<br />
मरने लगी संवेदना ,ख़तम हुए सदभाव,<br />
पूरब पर भी हो गया, पश्चिम का प्रभाव ,</font> सबसे पहले तो मै आपको पहला और…tag:openbooks.ning.com,2010-03-17:5170231:Comment:3022010-03-17T18:06:46.302ZAdminhttp://openbooks.ning.com/profile/Admin
<font color="green" size="4">सबसे पहले तो मै आपको पहला और इतना गम्भीर बिषय पर चर्चा करने हेतु धन्यबाद देता हू । दुनिया मे सबसे बढ़कर माँ,बाप का स्थान है जिसका कर्ज मनुष्य कभी चुका ही नही सकता, माँ अपने खुन और दुध दोनो से सन्तान को सिच कर पालती है, मै अभी केवल इतना हि लिख रहा हू, और सदस्यो के विचार आने के बाद मै फिर लिखने का कोशिस करूगा ।</font>
<font color="green" size="4">सबसे पहले तो मै आपको पहला और इतना गम्भीर बिषय पर चर्चा करने हेतु धन्यबाद देता हू । दुनिया मे सबसे बढ़कर माँ,बाप का स्थान है जिसका कर्ज मनुष्य कभी चुका ही नही सकता, माँ अपने खुन और दुध दोनो से सन्तान को सिच कर पालती है, मै अभी केवल इतना हि लिख रहा हू, और सदस्यो के विचार आने के बाद मै फिर लिखने का कोशिस करूगा ।</font>