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की आहो रामा.....

कल जोरी करै छि हे मैया..

विनती हमरो सुनियौ ..

की आहो रामा...

मिथिला के दियौ एअहन सपूत हे जननी..२

 

मोन में ने छल होई ओकरा..

वाणी में बल होई जकरा...

की आहो रामा.....

भाई के सिनेह स मोन होई पुष्ट हे जननी....२

 

भ्रम स ग्रसित नै हुवे..

श्रम स ओ अम्बर छुवे..

की आहो रामा.....

बुद्धि विवेक स लुटे सब के मोन हे जननी..२

ज्ञानी में मंडन मिश्र हो..

ख्याति में विद्यापति हो..

की आहो रामा..

मिथिला के हुवे ऊ श्री कृष्ण हे जननी..2

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Replies to This Discussion

//मोन में ने छल होई ओकरा..

वाणी में बल होई जकरा...//

एहेन उच्च विचारसँ पगल ई शुभेच्छा लेल अहाँ क साधुवाद. लिखैत रहू भाई पंकजजी.

aadarniya saurabh pandey ji apnek aashis paaiba hum dhanya bhelau......
चैताबर में भगवती के गीतक अनुपम धार बहेलहूँ अपनेक । बड्ड नीक

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