"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक - 42 (Now closed with 1053 Replies) - Open Books Online2024-03-29T15:59:59Zhttp://openbooks.ning.com/forum/topics/42-2?commentId=5170231%3AComment%3A530851&feed=yes&xn_auth=noशब्दों के अद्भुत बाजीगर
छंद व…tag:openbooks.ning.com,2014-04-13:5170231:Comment:5308832014-04-13T18:30:56.327Zअरुण कुमार निगमhttp://openbooks.ning.com/profile/arunkumarnigam
<p>शब्दों के अद्भुत बाजीगर</p>
<p>छंद विधा के हैं जादूगर </p>
<p>ऐसा कविवर होता दुर्लभ </p>
<p>क्या सखि साजन ? ना सखि सौरभ </p>
<p>शब्दों के अद्भुत बाजीगर</p>
<p>छंद विधा के हैं जादूगर </p>
<p>ऐसा कविवर होता दुर्लभ </p>
<p>क्या सखि साजन ? ना सखि सौरभ </p> बहुत सुन्दर।tag:openbooks.ning.com,2014-04-13:5170231:Comment:5307022014-04-13T18:30:44.067ZEr. Ganesh Jee "Bagi"http://openbooks.ning.com/profile/GaneshJee
<p>बहुत सुन्दर।</p>
<p>बहुत सुन्दर।</p> आपने ऐसा क्यों सोचा ? ग़लतियो…tag:openbooks.ning.com,2014-04-13:5170231:Comment:5308002014-04-13T18:30:28.504Zअजीत शर्मा 'आकाश'http://openbooks.ning.com/profile/AjeetSharmaAakash
<p>आपने ऐसा क्यों सोचा ? ग़लतियों की ओर ध्यानाकर्षण करना हर एक का अधिकार है ... अपनी कमियों के बारे में जानना बहुत आवश्यक होता है .... फिर भी, इतना मान देने हेतु आभारी हूँ आपका !!!</p>
<p>आपने ऐसा क्यों सोचा ? ग़लतियों की ओर ध्यानाकर्षण करना हर एक का अधिकार है ... अपनी कमियों के बारे में जानना बहुत आवश्यक होता है .... फिर भी, इतना मान देने हेतु आभारी हूँ आपका !!!</p> शीतल है जैसे गंगा का जल =18 1…tag:openbooks.ning.com,2014-04-13:5170231:Comment:5309452014-04-13T18:29:26.509ZEr. Ganesh Jee "Bagi"http://openbooks.ning.com/profile/GaneshJee
<p><span>शीतल <span style="text-decoration: line-through;">है</span> जैसे गंगा का जल =<span style="text-decoration: line-through;">18</span> 16</span></p>
<p></p>
<p><span>कह मुकरी पर अच्छा प्रयास है, बधाई।</span></p>
<p><span>शीतल <span style="text-decoration: line-through;">है</span> जैसे गंगा का जल =<span style="text-decoration: line-through;">18</span> 16</span></p>
<p></p>
<p><span>कह मुकरी पर अच्छा प्रयास है, बधाई।</span></p> सत्यनारायण भाई, सभी मुकरियां…tag:openbooks.ning.com,2014-04-13:5170231:Comment:5309432014-04-13T18:26:57.994ZEr. Ganesh Jee "Bagi"http://openbooks.ning.com/profile/GaneshJee
<p>सत्यनारायण भाई, सभी मुकरियां अच्छी लगीं, बधाई , चाय महिमा का वर्णन पसंद आया :-)</p>
<p>सत्यनारायण भाई, सभी मुकरियां अच्छी लगीं, बधाई , चाय महिमा का वर्णन पसंद आया :-)</p> क्या बात है, बेहतरीन, बधाई आद…tag:openbooks.ning.com,2014-04-13:5170231:Comment:5307992014-04-13T18:23:47.999ZEr. Ganesh Jee "Bagi"http://openbooks.ning.com/profile/GaneshJee
<p>क्या बात है, बेहतरीन, बधाई आदरणीया, आपने इन मुकरियों के माध्यम से ओ बी ओ परिवार का मान बढाया है।</p>
<p>क्या बात है, बेहतरीन, बधाई आदरणीया, आपने इन मुकरियों के माध्यम से ओ बी ओ परिवार का मान बढाया है।</p> क्या सखि साजन???????? ऐसा क्य…tag:openbooks.ning.com,2014-04-13:5170231:Comment:5307002014-04-13T18:19:35.503ZEr. Ganesh Jee "Bagi"http://openbooks.ning.com/profile/GaneshJee
<p>क्या सखि साजन????????<br/> ऐसा क्यों कोई पूछेगा ?????</p>
<p>शिज्जू भाई प्रथम तीन पक्तियों से साजन का भान आना चाहिये, तब न सखी पूछेगी , खैर इस प्रयास पर आभार।</p>
<p>क्या सखि साजन????????<br/> ऐसा क्यों कोई पूछेगा ?????</p>
<p>शिज्जू भाई प्रथम तीन पक्तियों से साजन का भान आना चाहिये, तब न सखी पूछेगी , खैर इस प्रयास पर आभार।</p> आरोपित साजन, सजनी को ऐसे ही प…tag:openbooks.ning.com,2014-04-13:5170231:Comment:5307982014-04-13T18:18:11.881ZDr.Prachi Singhhttp://openbooks.ning.com/profile/DrPrachiSingh376
<p>आरोपित साजन, सजनी को ऐसे ही प्रतीत होते होंगे न :) उसी को शब्दबद्ध करने का प्रयास किया है</p>
<p>और क्रूर साजनों की भी समाज में कोइ कमी नहीं, तो सखियाँ अपना दुःख तो बाटेंगी ही न आपस में ..</p>
<p></p>
<p>आपको बिम्ब पसंद आये ..हार्दिक आभार आदरणीय </p>
<p>आरोपित साजन, सजनी को ऐसे ही प्रतीत होते होंगे न :) उसी को शब्दबद्ध करने का प्रयास किया है</p>
<p>और क्रूर साजनों की भी समाज में कोइ कमी नहीं, तो सखियाँ अपना दुःख तो बाटेंगी ही न आपस में ..</p>
<p></p>
<p>आपको बिम्ब पसंद आये ..हार्दिक आभार आदरणीय </p> कई मुकरियों में साजन का भान द…tag:openbooks.ning.com,2014-04-13:5170231:Comment:5308812014-04-13T18:15:21.160ZEr. Ganesh Jee "Bagi"http://openbooks.ning.com/profile/GaneshJee
<p>कई मुकरियों में साजन का भान दूर दूर तक नहीं हो रहा, प्रयास अच्छा है , बधाई ।</p>
<p>कई मुकरियों में साजन का भान दूर दूर तक नहीं हो रहा, प्रयास अच्छा है , बधाई ।</p> महा उत्सव मे मेरी तीसरी प्रस…tag:openbooks.ning.com,2014-04-13:5170231:Comment:5306992014-04-13T18:14:15.505ZMeena Pathakhttp://openbooks.ning.com/profile/MeenaPathak
<ul class="xg_messageList">
<li class="message brief"><p class="_message">महा उत्सव मे मेरी तीसरी प्रस्तुति <br/><br/>दिन भर उसको बहुत पकाती, <br/>मात्राओं का ज्ञान बढाती, <br/>धैर्य का उसके नही है अंत, <br/>क्या सखि साजन? ना सखी अनंत <br/><br/>उनसे कहती जब पढ़ लो सर <br/>कहते अभी रुको वो पल भर <br/>पढ़ने को बहुत है भर-भर <br/>क्या सखी साजन ? ना, सौरभ सर |<br/><br/></p>
</li>
</ul>
<ul class="xg_messageList">
<li class="message brief"><p class="_message">महा उत्सव मे मेरी तीसरी प्रस्तुति <br/><br/>दिन भर उसको बहुत पकाती, <br/>मात्राओं का ज्ञान बढाती, <br/>धैर्य का उसके नही है अंत, <br/>क्या सखि साजन? ना सखी अनंत <br/><br/>उनसे कहती जब पढ़ लो सर <br/>कहते अभी रुको वो पल भर <br/>पढ़ने को बहुत है भर-भर <br/>क्या सखी साजन ? ना, सौरभ सर |<br/><br/></p>
</li>
</ul>