For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-1 (विषय: दीवार)

आदरणीय साहित्य प्रेमियो,
सादर वन्दे।
 
काफी समय से मंच के लघुकथाकारों की तरफ से लगातार अनुरोध प्राप्त हो रहे थे कि पहले से चल रहे तीन लाइव आयोजनो की तर्ज़ पर ही एक लाइव आयोजन लघुकथा विधा पर भी प्रारम्भ किया जाए। मुझे यह बताते हुए अपार हर्ष हो रहा है कि ओबीओ प्रबंधन दल ने इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए "ओबीओ लाइव महा उत्सव", "ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" तथा "ओबीओ लाइव तरही मुशायरा" के बाद अपने चौथे लाइव आयोजन "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" को इसी सत्र से प्रारम्भ करने का निर्णय किया है ।  

इस आयोजन के अंतर्गत हर माह रचनाकारों को एक विषय, उद्धरण अथवा चित्र प्रदान किया जायेगा जिस पर लघुकथा कहनी होगी । प्रत्येक रचना के गुण एवं दोषो पर विस्तार से चर्चा की जाएगी । इस आयोजन में लेखकगण अपनी 'मौलिक एवं अप्रकाशित' लघुकथा स्वयं लाइव पोस्ट कर सकते हैं, साथ ही अन्य साथियों की रचना पर लाइव टिप्पणी भी कर सकते हैं । बात बेशक छोटी हो लेकिन ’घाव करे गंभीर’ करने वाली हो तो इस समारोह का आनन्द बहुगुणा हो जाए । तो साथियो, हिंदी साहित्य जगत की सर्वप्रथम लाइव लघुकथा गोष्ठी के पहले आयोजन पर प्रस्तुत है :


"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-1
विषय : "दीवार"

अवधि : 29-04-2015 से 30-04-2015

(आयोजन की अवधि दो दिन अर्थात 29 अप्रैल 2015 दिन बुधवार से 30 अप्रैल 2015 दिन गुरूवार की समाप्ति तक)

अति आवश्यक सूचना :-
१. सदस्यगण आयोजन अवधि के दौरान अपनी दो सर्वश्रेष्ठ लघुकथाएँ पोस्ट कर सकते हैं। किन्तु स्मरण रहे कि एक दिन में केवल एक ही लघुकथा पोस्ट की जाए ।
२. रचनाकारों से निवेदन है कि अपनी रचना केवल देवनागरी फॉण्ट में टाइप कर, लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें।
३. रचना पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल आदि भी लगाने की आवश्यकता नहीं है।
४. प्रविष्टि के अंत में मंच के नियमानुसार "मौलिक व अप्रकाशित" अवश्य लिखें।
५. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है। यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
६. सदस्यगण बार-बार संशोधन हेतु अनुरोध न करें, बल्कि उनकी रचनाओं पर प्राप्त सुझावों को भली-भाँति अध्ययन कर केवल एक बार ही संशोधन हेतु अनुरोध करें।

आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है, किन्तु बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति टिप्पणीकारों से सकारात्मकता तथा संवेदनशीलता आपेक्षित है। इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं। रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें। अनावश्यक रूप से स्माइली अथवा रोमन फाण्ट का उपयोग न करें. रोमन फाण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाए।    

(फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 29 अप्रैल 2015, दिन बुधवार लगते ही खोल दिया जायेगा)

यदि आप किसी कारणवश अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तो www.openbooksonline.com पर जाकर प्रथम बार sign up कर लें.

लघुकथा के नियम, शिल्प एवं संरचना सम्बन्धी जानकारी हेतु यहाँ क्लिक क...


मंच संचालक
योगराज प्रभाकर
(प्रधान संपादक)
ओपनबुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम     

Views: 22437

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

सुबह का भूला.......

                  दिन के दो बजे थे. शहर के मुख्य चौराहे से दूर पान की दूकान पर खडा ट्रैफिक पुलिस वाला बातो में व्यस्त था. पुरानी स्कूटर पर सवार युवा अपने बाये से सीधे जा रहा था.....तभी बायी ओर की गली से एक कार तेजी से निकल कर दाहिनी ओर मुडकर जाने की प्रक्रिया में उसने स्कूट्रर में ट्क्कर मार दी. धडाअअअआम----- की आवाज के साथ युवा सडक पर बिखर गया.. लोगो ने शोर मचाकर कार वाले को घेर लिया. इसके पहले कि कोई दूसरा हादसा हो,..... ट्रैफिक पुलिस ने आ कर कार वाले को थाने चलने को कहा.    युवा को गम्भीर चोट लगने के कारण उसे मेडिकल कालेज ले जाया गया. जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया गया.    दो घण्टे बाद ट्रैफिक पुलिस वाले के घर से फोन आया कि आप कहां हो.... लोहिया चौक पर ...!  पुलिस ने कहा.    अरे ----उसी चौराहे पर राजू बेटा की कार टक्कर से मौत हो गयी. आप .......ट्रैफिक पुलिस बाले के हाथ से मोबाईल छूट गया. सिर पकड़ सडक पर बैठ गया........।

के.पी. सत्यम / मौलिक व अप्रकाशित

केवल भाई लग रहा आप भी लघुकथा शिल्प पर आदरणीय योगराज जी द्वारा प्रस्तुत आलेख को नहीं पढ़ पाए, आपकी प्रस्तुति में बेसन, घी और चीनी है हलवा बनाना शेष है. बधाई इस सहभागिता पर.

आदरणीय केवल prasad जी सुन्दर लघुकथा पर हार्दिक बधाई 

भाई केवलजी, आपकी लघुकथा इस आयोजन में क्यों रहे भाई. क्योंकि मुझे आपकी प्रस्तुति में आयोजन का शीर्षक ’दीवार’ दूर-दूर तक नहीं दिख रही है. यदि कोई इंगित हो और मुझे सूझ न रही हो, तो मुझे अवश्य बताइयेगा.
शुभेच्छाएँ

ओह! क्या कोई सुन रहा है | पहले वह बुदबुदा रही थी फिर चिल्लाने लगी पर भीड़ में कोई भी उसकी ओर ध्यान नहीं दे रहा था| | अफरातफरी मची थी बाजार में| सभी के सभी अपनी जान बचाये भागे चले जा रहे थे|  कुछ देह के चीथड़े छिटके हुए थे चारों तरफ और लहू बेहिसाब सड़क से ढलान की ओर बह रहा था| उनमें वह खुद को ढूंढ नहीं पा रही थी| सभी का खून, मांस, चमड़ी, कराहें एक सी जो थी| हां! बारूद के साथ जले हुए शरीरों का भभका नाक से पार जा रहा था और वह भीड़ के ऊपर बहती हुई देख पायी थी कि उसका जला हुआ सर एक ओर लुढ़का हुआ था|

उसने पिछले तीस साल से धर्म के प्रचार के लिए क्या नहीं किया था,और फिर वह पिछले कुछ वर्षों से  अन्य सम्प्रदायों  के खिलाफ आग भी उगलती रही थी| आज  एक भीड़ भरे इलाके से गुजरते हुए उसके जत्थे पर अपने सम्प्रदाय की रक्षा के नाम पर अन्य मतावलंबी चरम पंथियों ने  एक मानव बम का प्रयोग किया था| लेकिन सबसे पहले मरी थी मानवता फिर इंसान, फिर मरे थे धर्म सम्प्रदायों में बंटे लोग और कुछ बेगुनाह मासूम|

आज वह हवा में लटकी साफ़ साफ़ देख पा रही थी कि भीड़ में भी सभी अकेले हैं कि हर व्यक्ति अपने चारों ओर कितनी ही खोखली अदृश्य दीवारे जाति, धर्म, सम्प्रदाय मत भाषा, रंगभेद, क्षेत्रवाद, अमीरी गरीबी, यहाँ तक की स्त्री पुरुष के नाम की, ढोता हुआ भाग रहा है| एक ही आदमी ढेरों खोखली अदृश्य दीवारों की कैद में जकड़ा हुआ वास्तव में नितांत अकेला है| फिर उसने उन भागते हुए लोगों के चेहरों की ओर देखा तो हडबडा उठी, इंसान अपनी सच्ची अस्मिता खो चुका था उन दीवारों के घेरे में | घबरा कर उसने खुद को छुआ, उसकी देह उसके ऊपर से धुल चुकी थी और वह हवा में घुल चुकी थी|   .. 

मौलिक अप्रकाशित 

आदरणीया  डॉ नूतन डिमरी गैरोला जी इस बेहतरीन प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई 

आदरणीया डॉ साहिबा आपको भी आदरणीय योगराज जी द्वारा लघुकथा शिल्प पर प्रस्तुत आलेख को पढना चाहिए. सहभागिता हेतु आभार, लिंक इसी पोस्ट की भूमिका में है.सादर.

जी ... जरूर ... अब जरूर पढूंगी... वैसे यहाँ आ कर बहुत अच्छी रचनाएं पढने को मिली.. लघु कथाएं कमाल की थीं .. सादर 

अच्छा प्रयास है डॉ नूतन जी लेकिन आपसे बहुत बेहतर की उम्मीद है।

यह मेरी सहभागिता है.. और बहुत ख़ुशी है की मुझे यहाँ बहुत अच्छी लघु कथाएं पढने को मिली |

आदरणीया नूतनजी,  आपको योगराजोमाइसिन लेना चाहिये ..  :-))
सादर

मेड इन पटियाला क्या भाई जी?

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक स्वागत आपका और आपकी इस प्रेरक रचना का आदरणीय सुशील सरना जी। बहुत दिनों बाद आप गोष्ठी में…"
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"शुक्रिया आदरणीय तेजवीर सिंह जी। रचना पर कोई टिप्पणी नहीं की। मार्गदर्शन प्रदान कीजिएगा न।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आ. भाई मनन जी, सादर अभिवादन। सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Saturday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"सीख ...... "पापा ! फिर क्या हुआ" ।  सुशील ने रात को सोने से पहले पापा  की…"
Saturday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आभार आदरणीय तेजवीर जी।"
Saturday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।बेहतर शीर्षक के बारे में मैं भी सोचता हूं। हां,पुर्जा लिखते हैं।"
Saturday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।"
Saturday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक आभार आदरणीय शेख़ शहज़ाद साहब जी।"
Saturday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक बधाई आदरणीय शेख़ शहज़ाद साहब जी।"
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आदाब। चेताती हुई बढ़िया रचना। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह साहिब। लगता है कि इस बार तात्कालिक…"
Saturday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
" लापरवाही ' आपने कैसी रिपोर्ट निकाली है?डॉक्टर बहुत नाराज हैं।'  ' क्या…"
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आदाब। उम्दा विषय, कथानक व कथ्य पर उम्दा रचना हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय तेजवीर सिंह साहिब। बस आरंभ…"
Friday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service