For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-151

परम आत्मीय स्वजन,

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 151 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | 

इस बार का मिसरा जनाब एहतिशाम 'अख़्तर' साहिब की ग़ज़ल से लिया गया है |

'कोई मिलता नहीं दोस्ती के लिए'

फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन
212 212 212 212

बह्र-ए-मुतक़ारिब मुसम्मन सालिम

रदीफ़ --के लिए

क़ाफ़िया:-(ई का)
दुश्मनी,आदमी,रौशनी,ज़िन्दगी,किसी,सादगी,गली आदि

मुशायरे की अवधि केवल दो दिन होगी | मुशायरे की शुरुआत दिनांक 27 जनवरी दिन शुक्रवार को हो जाएगी और दिनांक 28 जनवरी दिन शनिवार समाप्त होते ही मुशायरे का समापन कर दिया जायेगा.

नियम एवं शर्तें:-

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" में प्रति सदस्य अधिकतम एक ग़ज़ल ही प्रस्तुत की जा सकेगी |

एक ग़ज़ल में कम से कम 5 और ज्यादा से ज्यादा 11 अशआर ही होने चाहिए |

तरही मिसरा मतले को छोड़कर पूरी ग़ज़ल में कहीं न कहीं अवश्य इस्तेमाल करें | बिना तरही मिसरे वाली ग़ज़ल को स्थान नहीं दिया जायेगा |

शायरों से निवेदन है कि अपनी ग़ज़ल अच्छी तरह से देवनागरी के फ़ण्ट में टाइप कर लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें | इमेज या ग़ज़ल का स्कैन रूप स्वीकार्य नहीं है |

ग़ज़ल पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, सीधे ग़ज़ल पोस्ट करें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल आदि भी न लगाएं | ग़ज़ल के अंत में मंच के नियमानुसार केवल "मौलिक व अप्रकाशित" लिखें |

वे साथी जो ग़ज़ल विधा के जानकार नहीं, अपनी रचना वरिष्ठ साथी की इस्लाह लेकर ही प्रस्तुत करें

नियम विरूद्ध, अस्तरीय ग़ज़लें और बेबहर मिसरों वाले शेर बिना किसी सूचना से हटाये जा सकते हैं जिस पर कोई आपत्ति स्वीकार्य नहीं होगी |

ग़ज़ल केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, किसी सदस्य की ग़ज़ल किसी अन्य सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी ।

विशेष अनुरोध:-

सदस्यों से विशेष अनुरोध है कि ग़ज़लों में बार बार संशोधन की गुजारिश न करें | ग़ज़ल को पोस्ट करते समय अच्छी तरह से पढ़कर टंकण की त्रुटियां अवश्य दूर कर लें | मुशायरे के दौरान होने वाली चर्चा में आये सुझावों को एक जगह नोट करते रहें और संकलन आ जाने पर किसी भी समय संशोधन का अनुरोध प्रस्तुत करें | 

मुशायरे के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है....

"OBO लाइव तरही मुशायरे" के सम्बन्ध मे पूछताछ

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 27 दिसंबर दिन शुक्रवार लगते ही खोल दिया जायेगा, यदि आप अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तो www.openbooksonline.comपर जाकर प्रथम बार sign upकर लें.

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" के पिछ्ले अंकों को पढ़ने हेतु यहाँ क्लिक...

मंच संचालक

जनाब समर कबीर 

(वरिष्ठ सदस्य)

ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

Views: 5217

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

212 212 212 212


इससे बढ़कर नहीं कुछ किसी के लिए
हर कोई जीता है फैमिली के लिये 1

ओढ़ कर रात आई अँधेरा घना
दिल जलाया है फिर रौशनी के लिए 2

ख़ुद ही लड़नी पड़ेगी लड़ाई यहाँ
होगा इंसाफ तब आदमी के लिए 3

हर किसी के लिए कोई होगा ज़रूर
चाँद जैसे बना चाँदनी के लिए 4

आप कहिए जो होगा वही अब यहाँ
कह दिया आपकी ये ख़ुशी के लिए 5

आप चाहें तो मिलना है मुमकिन ये दिल
बस है इतना ही कहना अभी के लिए 6

वक़्त अपने लिए भी नहीं है "रिया"
फिर भी कह दी ग़ज़ल ये सभी के लिए 7

गिरह-


दुश्मनी सबके दिल में है मिलती मगर
"कोई मिलता नहीं दोस्ती के लिये"

"मौलिक व अप्रकाशित"

आदरणीय Richa Yadav जी

अच्छी ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करें

कुछ सुझाव

1. दूसरा शे'र

शब अँधेरा घना ओढ़ कर आई जब

दिल  जलाना पड़ा  रौशनी  के लिए

 

2. तीसरा शे'र- यहाँ उला में जब शब्द ज़रूरी है 

अपने हक़ के लिए ख़ुद लड़ेगा वो जब

होगा इंसाफ तब आदमी के लिए

3. पाँचवाँ शे'र

आप जो भी कहेंगे वही होगा अब

कह दिया आपकी ये ख़ुशी के लिए 

4. छटा शे'र

आप चाहें तो मुमकिन है मिल जाएँ दिल

 इतना ही  कहना है  बस अभी  के लिए 

_______________सादर_______________

आदरणीय अमित जी,नमस्कार

बहुत शुक्रिया आपका ग़ज़ल तक आने ,सराहने के लिए और बहतर इस्लाह के लिए, वाक़ई शेर निखर गए हैं आभार आपका

सादर

सादर अभिवादन स्वीकार करें आदरणीया। चौथा शे'र अच्छा लगा। बधाई आपको।

आदरणीय दिनेश जी

बहुत शुक्रिया आपका

सादर

मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है, बधाई स्वीकार करें ।

जनाब अमित जी के सुझाव बहतर हैं ।

आदरणीय सर जी सादर अभिवादन

बहुत बहुत शुक्रिया आपका, 

अमित जी के सुझाव से ग़ज़ल ठीक कर ली है

सादर

शब अँधेरा घना ओढ़ कर आई जब
दिल जलाया पड़ा रौशनी के लिए 2

अपने हक़ के लिए ख़ुद लड़ेगा वो जब
होगा इंसाफ तब आदमी के लिए 3

आप जो भी कहेंगे वही होगा अब
कह दिया आपकी ये ख़ुशी के लिए 5

आप चाहें तो मुमकिन है मिल जाएँ दिल
इतना ही कहना है बस अभी के लिए 6

दिल जलाना पड़ा रौशनी के लिए

जी आदरणीय सुधार किया ,आभार आपका

सादर 

शब अँधेरा घना ओढ़ कर आई जब
दिल जलाना पड़ा रौशनी के लिए 2

बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई जनाब। बहुत बढ़िया अशआर हुएँ हैं।

आदरणीय अजय जी

बहुत शुक्रिया सादर

आदरणीय रिचा यादव जी, अच्छी ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करें ।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आदरणीय रवि शुक्ला जी हौसला बढ़ाने के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
12 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आदरणीय ज़ैफ़ जी आदाब ग़ज़ल के उम्द: प्रयास के लिए बधाई स्वीकार करें "
15 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"अच्छी ग़ज़ल हुई है ऋचा जी। सभी शेर अच्छे लगे। गिरह भी ख़ूब हुई। //मतले पर जनाब रवि जी का कहना सही…"
1 hour ago
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"जनाब ज़ैफ़ जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है, बधाई स्वीकार करें । 'वो एक पल ही में…"
1 hour ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आभार आदरणीय रवि जी।"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आदरणीय रवि जी अभिवादन ग़ज़ल तक आने और हौसला अफ़ज़ाई के लिए बहुत शुक्रिया आपका। जी मतले में "जो…"
1 hour ago
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"जनाब नाहक़ जी आदाब, ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है, बधाई स्वीकार करें ।"
1 hour ago
Ravi Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आदरणीया रचना जी तरही मिसरे पर बहुत अच्छे अशआर कहे है आपने 5 वे शेर का अंदाज़ ख़ास पसंद आया ।…"
1 hour ago
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"जनाब मुनीश तन्हा जी आदाब, मुशाइर: में सहभागिता के लिए धन्यवाद ।"
1 hour ago
Ravi Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आदरणीया ऋचा जी उम्दा हुए है अशआर  तरही मिसरे पर कही गई ग़ज़ल पर मुबारक बाद कुबूल करें मतले में…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"आदरणीय Zaif जी नमस्कार बहुत ख़ूब हुई आपकी ग़ज़ल बधाई स्वीकार कीजिये गिरह ख़ूब है सादर"
1 hour ago
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159
"जनाब चेतन प्रकाश जी आदाब, मुशाइर: में सहभागिता के लिए धन्यवाद ।"
1 hour ago

© 2023   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service