"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-141 - Open Books Online2024-03-28T09:24:01Zhttp://openbooks.ning.com/forum/topics/141-1?feed=yes&xn_auth=noआ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन।…tag:openbooks.ning.com,2022-07-17:5170231:Comment:10871152022-07-17T17:16:40.508Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुन्दर कुन्डलियाँ हुई हैं हार्दिक बधाई।</p>
<p>आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुन्दर कुन्डलियाँ हुई हैं हार्दिक बधाई।</p> आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, प्रोत…tag:openbooks.ning.com,2022-07-17:5170231:Comment:10868052022-07-17T16:44:01.676ZDayaram Methanihttp://openbooks.ning.com/profile/DayaramMethani
<p>आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, प्रोत्साहन के लिए हार्दिक धन्यवाद।</p>
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<p>आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, प्रोत्साहन के लिए हार्दिक धन्यवाद।</p>
<p></p> आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवाद…tag:openbooks.ning.com,2022-07-17:5170231:Comment:10869972022-07-17T16:34:19.283Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। रचना पर उपस्थिति व प्रशंसा के लिए आभार।</p>
<p>आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। रचना पर उपस्थिति व प्रशंसा के लिए आभार।</p> आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन।…tag:openbooks.ning.com,2022-07-17:5170231:Comment:10870662022-07-17T16:33:03.903Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। रचना पर उपस्थिति, और मार्गदर्शन के लिए आभार।</p>
<p>आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। रचना पर उपस्थिति, और मार्गदर्शन के लिए आभार।</p> आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवाद…tag:openbooks.ning.com,2022-07-17:5170231:Comment:10869962022-07-17T16:31:22.632Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर रचना का प्रयास अच्छा हुआ है। पर विधा का उल्लेख न होने से आँकलन कर पाना सम्भव नहीं। फिलहाल इस प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई।</p>
<p>आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर रचना का प्रयास अच्छा हुआ है। पर विधा का उल्लेख न होने से आँकलन कर पाना सम्भव नहीं। फिलहाल इस प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई।</p> आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रोत्…tag:openbooks.ning.com,2022-07-17:5170231:Comment:10870642022-07-17T07:49:58.603ZDayaram Methanihttp://openbooks.ning.com/profile/DayaramMethani
<p>आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभार।</p>
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<p>आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभार।</p>
<p></p> आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, प्रदत…tag:openbooks.ning.com,2022-07-17:5170231:Comment:10870622022-07-17T07:47:50.247ZDayaram Methanihttp://openbooks.ning.com/profile/DayaramMethani
<p>आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, प्रदत्त विषय पर सुंदर सृजन के लिए बधाई।</p>
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<p>आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, प्रदत्त विषय पर सुंदर सृजन के लिए बधाई।</p>
<p></p> आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्…tag:openbooks.ning.com,2022-07-17:5170231:Comment:10869942022-07-17T07:46:51.588ZDayaram Methanihttp://openbooks.ning.com/profile/DayaramMethani
<p>आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त विषयानुसार सुंदर कुण्डिलयां सृजन के लिए बधाई।</p>
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<p>आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त विषयानुसार सुंदर कुण्डिलयां सृजन के लिए बधाई।</p>
<p></p> आदाब, भाई लक्ष्मण सिंह धामी…tag:openbooks.ning.com,2022-07-17:5170231:Comment:10871112022-07-17T02:42:57.020ZChetan Prakashhttp://openbooks.ning.com/profile/ChetanPrakash68
<p>आदाब, भाई लक्ष्मण सिंह धामी मुसाफिर, उन्मुक्त संज्ञा और विशेषण दोनों ही स्वरूपों मे स्वीकार्य है, परन्तु 'उन्मुक्ती कदाचित अशुद्ध प्रयोग है ! साथ ही बह्र भी टूटती है । पाँचवा शे'र भी देखिएगा ।</p>
<p>आदाब, भाई लक्ष्मण सिंह धामी मुसाफिर, उन्मुक्त संज्ञा और विशेषण दोनों ही स्वरूपों मे स्वीकार्य है, परन्तु 'उन्मुक्ती कदाचित अशुद्ध प्रयोग है ! साथ ही बह्र भी टूटती है । पाँचवा शे'र भी देखिएगा ।</p> नमस्कार, मेठानी जी, विधा का…tag:openbooks.ning.com,2022-07-17:5170231:Comment:10871102022-07-17T02:31:51.094ZChetan Prakashhttp://openbooks.ning.com/profile/ChetanPrakash68
<p>नमस्कार, मेठानी जी, विधा का नाम बताया होता तो अपेक्षाकृत बेहतर होता । फिर भी अंत्यानुप्रास ठीक है और सम्प्रेषण भी ठीक ठाक ही कहा जाएगा !</p>
<p>नमस्कार, मेठानी जी, विधा का नाम बताया होता तो अपेक्षाकृत बेहतर होता । फिर भी अंत्यानुप्रास ठीक है और सम्प्रेषण भी ठीक ठाक ही कहा जाएगा !</p>