"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-131 - Open Books Online2024-03-28T13:15:14Zhttp://openbooks.ning.com/forum/topics/131-1?id=5170231%3ATopic%3A1067821&feed=yes&xn_auth=noआपका ह्रदय से आभार , सादर। क्…tag:openbooks.ning.com,2021-09-12:5170231:Comment:10679862021-09-12T14:47:01.060ZDr. Vijai Shankerhttp://openbooks.ning.com/profile/DrVijaiShanker
<p>आपका ह्रदय से आभार , सादर। क्या कहें , गंतव्य क्या है</p>
<p>आपका ह्रदय से आभार , सादर। क्या कहें , गंतव्य क्या है</p> आपका ह्रदय से आभार , सादर। क्…tag:openbooks.ning.com,2021-09-12:5170231:Comment:10680902021-09-12T14:46:45.881ZDr. Vijai Shankerhttp://openbooks.ning.com/profile/DrVijaiShanker
<p>आपका ह्रदय से आभार , सादर। क्या कहें , गंतव्य क्या है</p>
<p>आपका ह्रदय से आभार , सादर। क्या कहें , गंतव्य क्या है</p> आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवाद…tag:openbooks.ning.com,2021-09-12:5170231:Comment:10680892021-09-12T12:05:05.359Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति व सराहना के लिए धन्यवाद ।</p>
<p>आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति व सराहना के लिए धन्यवाद ।</p> आ. भाई विजय जी, सादर अभिवादन।…tag:openbooks.ning.com,2021-09-12:5170231:Comment:10679852021-09-12T12:02:35.688Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई विजय जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति व उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद।</p>
<p>आ. भाई विजय जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति व उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद।</p> आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन।…tag:openbooks.ning.com,2021-09-12:5170231:Comment:10679842021-09-12T11:59:58.038Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद। </p>
<p>आप द्वारा इंगित दोनों दोहे त्रुटिरहित हैं। चौथे दोहे में "सुनते ' शब्द का सम्बंध नेता से नहीं है देखिएगा। सादर</p>
<p>आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद। </p>
<p>आप द्वारा इंगित दोनों दोहे त्रुटिरहित हैं। चौथे दोहे में "सुनते ' शब्द का सम्बंध नेता से नहीं है देखिएगा। सादर</p> आ. भाई विजय जी, सादर अभिवादन।…tag:openbooks.ning.com,2021-09-12:5170231:Comment:10679832021-09-12T11:50:57.642Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई विजय जी, सादर अभिवादन। सुन्दर प्रस्तुत हुई है । हार्दिक बधाई।</p>
<p>आ. भाई विजय जी, सादर अभिवादन। सुन्दर प्रस्तुत हुई है । हार्दिक बधाई।</p> आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवाद…tag:openbooks.ning.com,2021-09-12:5170231:Comment:10681632021-09-12T10:30:42.238Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन रचना हुई है । हार्दिक बधाई।</p>
<p>आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन रचना हुई है । हार्दिक बधाई।</p> जीवन की भागमभाग पर सुंदर सृजन…tag:openbooks.ning.com,2021-09-12:5170231:Comment:10679802021-09-12T08:08:03.293ZDayaram Methanihttp://openbooks.ning.com/profile/DayaramMethani
<p>जीवन की भागमभाग पर सुंदर सृजन। वस्तुत: सभी भाग रहे बिना किसी विशेष उद्देश्य के। बहुत बहुत बधाई आपको।</p>
<p>जीवन की भागमभाग पर सुंदर सृजन। वस्तुत: सभी भाग रहे बिना किसी विशेष उद्देश्य के। बहुत बहुत बधाई आपको।</p> प्रोत्साहन के लिए बहुत अहुत आ…tag:openbooks.ning.com,2021-09-12:5170231:Comment:10679792021-09-12T08:02:39.086ZDayaram Methanihttp://openbooks.ning.com/profile/DayaramMethani
<p>प्रोत्साहन के लिए बहुत अहुत आभार आदरणीय डॉ. विजय शंकर जी।</p>
<p></p>
<p>प्रोत्साहन के लिए बहुत अहुत आभार आदरणीय डॉ. विजय शंकर जी।</p>
<p></p> आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, प्रोत…tag:openbooks.ning.com,2021-09-12:5170231:Comment:10678872021-09-12T08:00:43.024ZDayaram Methanihttp://openbooks.ning.com/profile/DayaramMethani
<p>आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत अहुत आभार।</p>
<p>आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत अहुत आभार।</p>