"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-120 - Open Books Online2024-03-28T13:20:05Zhttp://openbooks.ning.com/forum/topics/120?id=5170231%3ATopic%3A1009629&feed=yes&xn_auth=no"ओबीओ लाइव तरही मुशाइर:" अंक-…tag:openbooks.ning.com,2020-06-27:5170231:Comment:10112142020-06-27T18:26:29.455ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p><strong>"ओबीओ लाइव तरही मुशाइर:" अंक-120 को सफल बनाने के लिए सभी ग़ज़लकारों का हार्दिक आभार व धन्यवाद ।</strong></p>
<p><strong>"ओबीओ लाइव तरही मुशाइर:" अंक-120 को सफल बनाने के लिए सभी ग़ज़लकारों का हार्दिक आभार व धन्यवाद ।</strong></p> सर इसपे फ़ोन पे चर्चा करुंगा म…tag:openbooks.ning.com,2020-06-27:5170231:Comment:10110962020-06-27T17:53:04.554ZMd. Anis armanhttp://openbooks.ning.com/profile/Mdanissheikh
<p>सर इसपे फ़ोन पे चर्चा करुंगा मैं आपसे, दुबारा आने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया </p>
<p>सर इसपे फ़ोन पे चर्चा करुंगा मैं आपसे, दुबारा आने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया </p> 'है वही' रदीफ़ के साथ आपके भाव…tag:openbooks.ning.com,2020-06-27:5170231:Comment:10111422020-06-27T17:11:59.622ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>'है वही' रदीफ़ के साथ आपके भाव को इस शैर में लाना मुश्किल है,हर ज़मीन की अपनी मुश्किलें होती हैं ।</p>
<p>'है वही' रदीफ़ के साथ आपके भाव को इस शैर में लाना मुश्किल है,हर ज़मीन की अपनी मुश्किलें होती हैं ।</p> आदरणीय अजय गुप्ता साहिब, इस ख़…tag:openbooks.ning.com,2020-06-27:5170231:Comment:10110952020-06-27T17:05:59.545Zरवि भसीन 'शाहिद'http://openbooks.ning.com/profile/RaviBhasin
<p>आदरणीय अजय गुप्ता साहिब, इस ख़ूबसूरत ग़ज़ल पर दाद और बधाई स्वीकार करें!</p>
<p>आदरणीय अजय गुप्ता साहिब, इस ख़ूबसूरत ग़ज़ल पर दाद और बधाई स्वीकार करें!</p> 'रतजगे,ख़्वाब,आरज़ू तीनों मिलकर…tag:openbooks.ning.com,2020-06-27:5170231:Comment:10111412020-06-27T17:04:11.358ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>'रतजगे,ख़्वाब,आरज़ू तीनों मिलकर बहुवचन होंगे,चाहे बात पास्ट में करें या प्रज़ेन्ट में जैसे 'मेरा दिल मेरी जान मेरा ईमान आप ही तो हैं',थोड़ा ग़ौर करें ।</p>
<p>'रतजगे,ख़्वाब,आरज़ू तीनों मिलकर बहुवचन होंगे,चाहे बात पास्ट में करें या प्रज़ेन्ट में जैसे 'मेरा दिल मेरी जान मेरा ईमान आप ही तो हैं',थोड़ा ग़ौर करें ।</p> आदरणीय विनय प्रकाश तिवारी साह…tag:openbooks.ning.com,2020-06-27:5170231:Comment:10110942020-06-27T17:03:29.673Zरवि भसीन 'शाहिद'http://openbooks.ning.com/profile/RaviBhasin
<p>आदरणीय विनय प्रकाश तिवारी साहिब, ग़ज़ल का प्रयास बहुत अच्छा है, बधाई स्वीकार करें। आप में जो सीखने और सुधार करने की लगन है, और गुणीजन की बातों का संज्ञान लेने की क्षमता है, उससे लगता है कि आप जल्द ही बहुत अच्छा कहने लगेंगे, आपके लिए ढेरों शुभकामनाएँ!</p>
<p>आदरणीय विनय प्रकाश तिवारी साहिब, ग़ज़ल का प्रयास बहुत अच्छा है, बधाई स्वीकार करें। आप में जो सीखने और सुधार करने की लगन है, और गुणीजन की बातों का संज्ञान लेने की क्षमता है, उससे लगता है कि आप जल्द ही बहुत अच्छा कहने लगेंगे, आपके लिए ढेरों शुभकामनाएँ!</p> आदरणीय सालिक गणवीर साहिब, इस…tag:openbooks.ning.com,2020-06-27:5170231:Comment:10111392020-06-27T16:59:51.797Zरवि भसीन 'शाहिद'http://openbooks.ning.com/profile/RaviBhasin
<p>आदरणीय सालिक गणवीर साहिब, इस ख़ूबसूरत ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करें। आपकी ग़ज़ल के कई मिसरे, ख़ास कर ऊला मिसरे कमाल के हुए हैं, आपको ढेरों शुभकामनाएँ!</p>
<p>आदरणीय सालिक गणवीर साहिब, इस ख़ूबसूरत ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करें। आपकी ग़ज़ल के कई मिसरे, ख़ास कर ऊला मिसरे कमाल के हुए हैं, आपको ढेरों शुभकामनाएँ!</p> आदरणीय दीपक कुमार जी, ग़ज़ल का…tag:openbooks.ning.com,2020-06-27:5170231:Comment:10111382020-06-27T16:56:13.001Zरवि भसीन 'शाहिद'http://openbooks.ning.com/profile/RaviBhasin
<p>आदरणीय दीपक कुमार जी, ग़ज़ल का प्रयास बहुत उम्दा हुआ है, उस्ताद जी की बातों का संज्ञान लेंगे तो थोड़ी-बहुत कमियाँ जल्द ही दूर हो जाएँगी, आपके लिए ढेरों शुभकामनाएँ!</p>
<p>आदरणीय दीपक कुमार जी, ग़ज़ल का प्रयास बहुत उम्दा हुआ है, उस्ताद जी की बातों का संज्ञान लेंगे तो थोड़ी-बहुत कमियाँ जल्द ही दूर हो जाएँगी, आपके लिए ढेरों शुभकामनाएँ!</p> आदरणीया राजेश कुमारी साहिबा,…tag:openbooks.ning.com,2020-06-27:5170231:Comment:10110922020-06-27T16:52:36.523Zरवि भसीन 'शाहिद'http://openbooks.ning.com/profile/RaviBhasin
<p>आदरणीया राजेश कुमारी साहिबा, इस बेहतरीन ग़ज़ल पर दाद और मुबारकबाद क़ुबूल फ़रमाएँ!</p>
<p>आदरणीया राजेश कुमारी साहिबा, इस बेहतरीन ग़ज़ल पर दाद और मुबारकबाद क़ुबूल फ़रमाएँ!</p> आदरणीय मुनीश तन्हा साहिब, इस…tag:openbooks.ning.com,2020-06-27:5170231:Comment:10110912020-06-27T16:45:23.772Zरवि भसीन 'शाहिद'http://openbooks.ning.com/profile/RaviBhasin
<p>आदरणीय मुनीश तन्हा साहिब, इस बेहतरीन ग़ज़ल पर मुबारकबाद क़ुबूल करें!</p>
<p>आदरणीय मुनीश तन्हा साहिब, इस बेहतरीन ग़ज़ल पर मुबारकबाद क़ुबूल करें!</p>