For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Chetan Prakash's Discussions (666)

Discussions Replied To (532) Replies Latest Activity

"2 1 2 2   2 1 2 2   2 1 2 2   2 1 2 आदमी हूँ,  यार सुन लो नींद आनी चाहिए ! सारे मसले…"

Chetan Prakash replied Oct 24, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-124

387 Oct 24, 2020
Reply by Samar kabeer

"कमाल....धमाल, बड़ी तसल्ली से लिखी गई ग़जल है। क्या गिरह लगाई है, जनाब ! खुदा सलामत र…"

Chetan Prakash replied Oct 23, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-124

387 Oct 24, 2020
Reply by Samar kabeer

"अवसर......कविता अवसर....जीवन में बार-बार नहीं आते... परन्तु यह सच है कि द्वन्द साथ…"

Chetan Prakash replied Oct 10, 2020 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-120

75 Oct 11, 2020
Reply by Dr Vandana Misra

"कुण्डलिया ः अवसर अवसर .मिलता .जब उसे, करता .है .वो वार । कूट नीति .खाद्य .जिसकी, चाल…"

Chetan Prakash replied Oct 10, 2020 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-120

75 Oct 11, 2020
Reply by Dr Vandana Misra

"आदरणीय समर कबीर साहब, आपका शत़्-शत़ धन्यवाद, आपने मेरी बात का संज्ञान लिया। भविष्य म…"

Chetan Prakash replied Sep 26, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-123

403 Sep 26, 2020
Reply by Samar kabeer

"आदरणीय, समर कबीर साहब, आप कमजोर स्थलों को चिन्हिंत करते तो बेहतर होता। मेरे लिए उन ब…"

Chetan Prakash replied Sep 26, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-123

403 Sep 26, 2020
Reply by Samar kabeer

"लोगों ने फूलों के बदले तलवारे मँगवा ली थीं ग़ज़लः शरम बेच दी बाजारों, गरदन अपनी झुकव…"

Chetan Prakash replied Sep 26, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-123

403 Sep 26, 2020
Reply by Samar kabeer

"दिन तो होता है मगर रात नही होती है...... 2 1 2 2 1 1 2 2 1 1 2 2 2 2 उम्र होती मगर ख…"

Chetan Prakash replied Jul 25, 2020 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-121

611 Jul 25, 2020
Reply by Samar kabeer

"  श्री सतविन्दर कुमार राणा, आपने ज़हमत की और अलग- अलग विधाओं मे लिखी हुई प्रस्तुतियो…"

Chetan Prakash replied Jul 12, 2020 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-117

62 Jul 12, 2020
Reply by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

"  आपका अशेष धन्यवाद, मित्र, सुरेन्द्र नाथ सिंह कुशक्षत्रप !"

Chetan Prakash replied Jul 11, 2020 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-117

62 Jul 12, 2020
Reply by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Ravi Shukla commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"आदरणीय अजय जी किसानों को केंद्र में रख कर कही गई  इस उम्दा गजल के लिए बहुत-बहुत…"
10 hours ago
Ravi Shukla commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आदरणीय नीलेश जी, अच्छी  ग़ज़ल की प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें. अपनी टिप्पणी से…"
10 hours ago
Ravi Shukla commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाई जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छी प्रयास है । आप को पुनः सृजन रत देखकर खुशी हो रही…"
10 hours ago
Ravi Shukla commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"आदरणीय बृजेश जी प्रेम में आँसू और जदाई के परिणाम पर सुंदर ताना बाना बुना है आपने ।  कहीं नजर…"
10 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' posted a blog post

गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा

सार छंद 16,12 पे यति, अंत में गागाअर्थ प्रेम का है इस जग मेंआँसू और जुदाईआह बुरा हो कृष्ण…See More
Thursday
Deepak Kumar Goyal is now a member of Open Books Online
Thursday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"धन्यवाद आ. बृजेश जी "
Wednesday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. बृजेश जी "
Wednesday
अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"अपने शब्दों से हौसला बढ़ाने के लिए आभार आदरणीय बृजेश जी           …"
Wednesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहेदुश्मनी हम से हमारे यार भी करते रहे....वाह वाह आदरणीय नीलेश…"
Wednesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"आदरणीय अजय जी किसानों के संघर्ष को चित्रित करती एक बेहतरीन ग़ज़ल के लिए बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं…"
Wednesday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आदरणीय नीलेश जी एक और खूबसूरत ग़ज़ल से रूबरू करवाने के लिए आपका आभार।    हरेक शेर…"
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service