OBO लाइव तरही मुशायरा - Open Books Online2024-03-29T09:43:35Zhttp://openbooks.ning.com/forum/categories/5170231:Category:5827/listForCategory?categoryId=5170231%3ACategory%3A5827&feed=yes&xn_auth=no"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165tag:openbooks.ning.com,2024-03-15:5170231:Topic:11166842024-03-15T04:55:22.514ZAdminhttp://openbooks.ning.com/profile/Admin
<p>परम आत्मीय स्वजन,</p>
<p>ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 165 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | </p>
<p>इस बार का मिसरा जनाब फ़रहत अब्बास शाह साहिब की ग़ज़ल से लिया गया है |</p>
<p></p>
<p><strong>'रास्ता बदलने में देर कितनी लगती है'</strong></p>
<p>फ़ाइलुन मुफ़ाईलुन फ़ाइलुन मुफ़ाईलुन<br></br> 212 1222 212 1222<br></br> हजज़ मुरब्बा अश्तर मुज़ाहिफ़<br></br> रदीफ़ -में देर कितनी लगती है</p>
<p>क़ाफ़िया:-(अलने की तुक) जलने,पिघलने,ढलने,मलने,मसलने,निकलने आदि ।</p>
<p></p>
<p>मुशायरे की अवधि केवल दो दिन होगी । मुशायरे की…</p>
<p>परम आत्मीय स्वजन,</p>
<p>ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 165 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | </p>
<p>इस बार का मिसरा जनाब फ़रहत अब्बास शाह साहिब की ग़ज़ल से लिया गया है |</p>
<p></p>
<p><strong>'रास्ता बदलने में देर कितनी लगती है'</strong></p>
<p>फ़ाइलुन मुफ़ाईलुन फ़ाइलुन मुफ़ाईलुन<br/> 212 1222 212 1222<br/> हजज़ मुरब्बा अश्तर मुज़ाहिफ़<br/> रदीफ़ -में देर कितनी लगती है</p>
<p>क़ाफ़िया:-(अलने की तुक) जलने,पिघलने,ढलने,मलने,मसलने,निकलने आदि ।</p>
<p></p>
<p>मुशायरे की अवधि केवल दो दिन होगी । मुशायरे की शुरुआत दिनांक 28 मार्च दिन गुरुवार को हो जाएगी और दिनांक 29 मार्च दिन शुक्रवार समाप्त होते ही मुशायरे का समापन कर दिया जायेगा.</p>
<p><strong>नियम एवं शर्तें:-</strong></p>
<p>"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" में प्रति सदस्य अधिकतम एक ग़ज़ल ही प्रस्तुत की जा सकेगी |</p>
<p>एक ग़ज़ल में कम से कम 5 और ज्यादा से ज्यादा 11 अशआर ही होने चाहिए |</p>
<p>तरही मिसरा मतले को छोड़कर पूरी ग़ज़ल में कहीं न कहीं अवश्य इस्तेमाल करें | बिना तरही मिसरे वाली ग़ज़ल को स्थान नहीं दिया जायेगा |</p>
<p>शायरों से निवेदन है कि अपनी ग़ज़ल अच्छी तरह से देवनागरी के फ़ण्ट में टाइप कर लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें | इमेज या ग़ज़ल का स्कैन रूप स्वीकार्य नहीं है |</p>
<p>ग़ज़ल पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, सीधे ग़ज़ल पोस्ट करें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल आदि भी न लगाएं | ग़ज़ल के अंत में मंच के नियमानुसार केवल "मौलिक व अप्रकाशित" लिखें |</p>
<p>वे साथी जो ग़ज़ल विधा के जानकार नहीं, अपनी रचना वरिष्ठ साथी की इस्लाह लेकर ही प्रस्तुत करें</p>
<p>नियम विरूद्ध, अस्तरीय ग़ज़लें और बेबहर मिसरों वाले शेर बिना किसी सूचना से हटाये जा सकते हैं जिस पर कोई आपत्ति स्वीकार्य नहीं होगी |</p>
<p>ग़ज़ल केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, किसी सदस्य की ग़ज़ल किसी अन्य सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी ।</p>
<p><strong>विशेष अनुरोध:-</strong></p>
<p>सदस्यों से विशेष अनुरोध है कि ग़ज़लों में बार बार संशोधन की गुजारिश न करें | ग़ज़ल को पोस्ट करते समय अच्छी तरह से पढ़कर टंकण की त्रुटियां अवश्य दूर कर लें | मुशायरे के दौरान होने वाली चर्चा में आये सुझावों को एक जगह नोट करते रहें और संकलन आ जाने पर किसी भी समय संशोधन का अनुरोध प्रस्तुत करें | </p>
<p></p>
<p>मुशायरे के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है....</p>
<p></p>
<p>"OBO लाइव तरही मुशायरे" के सम्बन्ध मे पूछताछ</p>
<p>फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 28 मार्च दिन गुरुवार लगते ही खोल दिया जायेगा, यदि आप अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तो <a href="http://www.openbooksonline.com/">www.openbooksonline.com</a>पर जाकर प्रथम बार sign upकर लें.</p>
<p><a href="http://www.openbooksonline.com/forum/categories/5170231:Category:5827/listForCategory" target="_blank" rel="noopener">"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" के पिछ्ले अंकों को पढ़ने हेतु यहाँ क्लिक करें...</a></p>
<p></p>
<p>मंच संचालक</p>
<p>जनाब समर कबीर </p>
<p>(वरिष्ठ सदस्य)</p>
<p>ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम</p> "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-164tag:openbooks.ning.com,2024-02-14:5170231:Topic:11164392024-02-14T18:10:58.198ZAdminhttp://openbooks.ning.com/profile/Admin
<p>परम आत्मीय स्वजन,</p>
<p>ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 164 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा जनाब सीमाब अकबरआबादी साहिब की ग़ज़ल से लिया गया है |</p>
<p>'दो आरज़ू में कट गए दो इन्तिज़ार में'</p>
<p>मफ़ऊल फ़ाइलात मुफ़ाईल फ़ाइलुन<br></br> 221 2121 1221 212</p>
<p>मुज़ारे मुसम्मन अख़रब मक़्फ़ूफ़ महज़ूफ़</p>
<p>रदीफ़ --में</p>
<p>क़ाफ़िया:-(आर की तुक) बे-क़रार, सोगवार,दाग़दार, बहार, यार आदि ।</p>
<p>मुशायरे की अवधि केवल दो दिन होगी । मुशायरे की शुरुआत दिनांक 23 फरवरी दिन शुक्रवार को हो जाएगी और दिनांक…</p>
<p>परम आत्मीय स्वजन,</p>
<p>ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 164 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा जनाब सीमाब अकबरआबादी साहिब की ग़ज़ल से लिया गया है |</p>
<p>'दो आरज़ू में कट गए दो इन्तिज़ार में'</p>
<p>मफ़ऊल फ़ाइलात मुफ़ाईल फ़ाइलुन<br/> 221 2121 1221 212</p>
<p>मुज़ारे मुसम्मन अख़रब मक़्फ़ूफ़ महज़ूफ़</p>
<p>रदीफ़ --में</p>
<p>क़ाफ़िया:-(आर की तुक) बे-क़रार, सोगवार,दाग़दार, बहार, यार आदि ।</p>
<p>मुशायरे की अवधि केवल दो दिन होगी । मुशायरे की शुरुआत दिनांक 23 फरवरी दिन शुक्रवार को हो जाएगी और दिनांक 24 फरवरी दिन शनिवार समाप्त होते ही मुशायरे का समापन कर दिया जायेगा.</p>
<p>नियम एवं शर्तें:-</p>
<p>"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" में प्रति सदस्य अधिकतम एक ग़ज़ल ही प्रस्तुत की जा सकेगी |</p>
<p>एक ग़ज़ल में कम से कम 5 और ज्यादा से ज्यादा 11 अशआर ही होने चाहिए |</p>
<p>तरही मिसरा मतले को छोड़कर पूरी ग़ज़ल में कहीं न कहीं अवश्य इस्तेमाल करें | बिना तरही मिसरे वाली ग़ज़ल को स्थान नहीं दिया जायेगा |</p>
<p>शायरों से निवेदन है कि अपनी ग़ज़ल अच्छी तरह से देवनागरी के फ़ण्ट में टाइप कर लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें | इमेज या ग़ज़ल का स्कैन रूप स्वीकार्य नहीं है |</p>
<p>ग़ज़ल पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, सीधे ग़ज़ल पोस्ट करें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल आदि भी न लगाएं | ग़ज़ल के अंत में मंच के नियमानुसार केवल "मौलिक व अप्रकाशित" लिखें |</p>
<p>वे साथी जो ग़ज़ल विधा के जानकार नहीं, अपनी रचना वरिष्ठ साथी की इस्लाह लेकर ही प्रस्तुत करें</p>
<p>नियम विरूद्ध, अस्तरीय ग़ज़लें और बेबहर मिसरों वाले शेर बिना किसी सूचना से हटाये जा सकते हैं जिस पर कोई आपत्ति स्वीकार्य नहीं होगी |</p>
<p>ग़ज़ल केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, किसी सदस्य की ग़ज़ल किसी अन्य सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी ।</p>
<p></p>
<p>विशेष अनुरोध:-</p>
<p></p>
<p>सदस्यों से विशेष अनुरोध है कि ग़ज़लों में बार बार संशोधन की गुजारिश न करें | ग़ज़ल को पोस्ट करते समय अच्छी तरह से पढ़कर टंकण की त्रुटियां अवश्य दूर कर लें | मुशायरे के दौरान होने वाली चर्चा में आये सुझावों को एक जगह नोट करते रहें और संकलन आ जाने पर किसी भी समय संशोधन का अनुरोध प्रस्तुत करें | </p>
<p></p>
<p>मुशायरे के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है....</p>
<p></p>
<p>"OBO लाइव तरही मुशायरे" के सम्बन्ध मे पूछताछ</p>
<p>फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 23 फरवरी दिन शुक्रवार लगते ही खोल दिया जायेगा, यदि आप अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तो <a href="http://www.openbooksonline.com/">www.openbooksonline.com</a>पर जाकर प्रथम बार sign upकर लें.</p>
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<p></p>
<p>मंच संचालक</p>
<p>जनाब समर कबीर </p>
<p>(वरिष्ठ सदस्य)</p>
<p>ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम</p> "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-163tag:openbooks.ning.com,2024-01-08:5170231:Topic:11145602024-01-08T18:30:15.542ZAdminhttp://openbooks.ning.com/profile/Admin
<p>परम आत्मीय स्वजन,</p>
<p>ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 163 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है |</p>
<p>इस बार का मिसरा 'जान एलिया' साहिब की ग़ज़ल से लिया गया है |</p>
<p><strong>"मैंने भी एक शख़्स का क़र्ज़ अदा नहीं किया"</strong><br></br>मुफ़तइलुन मुफ़ाइलुन मुफ़तइलुन मुफ़ाइलुन<br></br>2112 1212 2112 1212</p>
<p>बह्र-ए-रजज़ मुसम्मन मतव्वी मख़्बून<br></br>नोट:-इस बह्र के दूसरे और चौथे रुक्न में एक साकिन(यानी अतिरिक्त लघु) लेने की इजाज़त है ।</p>
<p>रदीफ़ --नहीं किया</p>
<p>काफिया :-अलिफ़ का (आ स्वर)…</p>
<p>परम आत्मीय स्वजन,</p>
<p>ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 163 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है |</p>
<p>इस बार का मिसरा 'जान एलिया' साहिब की ग़ज़ल से लिया गया है |</p>
<p><strong>"मैंने भी एक शख़्स का क़र्ज़ अदा नहीं किया"</strong><br/>मुफ़तइलुन मुफ़ाइलुन मुफ़तइलुन मुफ़ाइलुन<br/>2112 1212 2112 1212</p>
<p>बह्र-ए-रजज़ मुसम्मन मतव्वी मख़्बून<br/>नोट:-इस बह्र के दूसरे और चौथे रुक्न में एक साकिन(यानी अतिरिक्त लघु) लेने की इजाज़त है ।</p>
<p>रदीफ़ --नहीं किया</p>
<p>काफिया :-अलिफ़ का (आ स्वर) वफ़ा,गिला,क्या,कहा,जुदा आदि</p>
<p></p>
<p>मुशायरे की अवधि केवल दो दिन होगी । मुशायरे की शुरुआत दिनांक 26 जनवरी दिन शुक्रवार को हो जाएगी और दिनांक 27 जनवरी दिन शनिवार समाप्त होते ही मुशायरे का समापन कर दिया जायेगा.</p>
<p>नियम एवं शर्तें:-</p>
<p>"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" में प्रति सदस्य अधिकतम एक ग़ज़ल ही प्रस्तुत की जा सकेगी |</p>
<p>एक ग़ज़ल में कम से कम 5 और ज्यादा से ज्यादा 11 अशआर ही होने चाहिए |</p>
<p>तरही मिसरा मतले को छोड़कर पूरी ग़ज़ल में कहीं न कहीं अवश्य इस्तेमाल करें | बिना तरही मिसरे वाली ग़ज़ल को स्थान नहीं दिया जायेगा |</p>
<p>शायरों से निवेदन है कि अपनी ग़ज़ल अच्छी तरह से देवनागरी के फ़ण्ट में टाइप कर लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें | इमेज या ग़ज़ल का स्कैन रूप स्वीकार्य नहीं है |</p>
<p>ग़ज़ल पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, सीधे ग़ज़ल पोस्ट करें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल आदि भी न लगाएं | ग़ज़ल के अंत में मंच के नियमानुसार केवल "मौलिक व अप्रकाशित" लिखें |</p>
<p>वे साथी जो ग़ज़ल विधा के जानकार नहीं, अपनी रचना वरिष्ठ साथी की इस्लाह लेकर ही प्रस्तुत करें</p>
<p>नियम विरूद्ध, अस्तरीय ग़ज़लें और बेबहर मिसरों वाले शेर बिना किसी सूचना से हटाये जा सकते हैं जिस पर कोई आपत्ति स्वीकार्य नहीं होगी |</p>
<p>ग़ज़ल केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, किसी सदस्य की ग़ज़ल किसी अन्य सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी ।</p>
<p></p>
<p>विशेष अनुरोध:-</p>
<p></p>
<p>सदस्यों से विशेष अनुरोध है कि ग़ज़लों में बार बार संशोधन की गुजारिश न करें | ग़ज़ल को पोस्ट करते समय अच्छी तरह से पढ़कर टंकण की त्रुटियां अवश्य दूर कर लें | मुशायरे के दौरान होने वाली चर्चा में आये सुझावों को एक जगह नोट करते रहें और संकलन आ जाने पर किसी भी समय संशोधन का अनुरोध प्रस्तुत करें | </p>
<p></p>
<p>मुशायरे के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है....</p>
<p></p>
<p>"OBO लाइव तरही मुशायरे" के सम्बन्ध मे पूछताछ</p>
<p>फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 26 जनवरी दिन शुक्रवार लगते ही खोल दिया जायेगा, यदि आप अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तो <a href="http://www.openbooksonline.com/">www.openbooksonline.com</a>पर जाकर प्रथम बार sign upकर लें.</p>
<p><a href="http://www.openbooksonline.com/forum/categories/5170231:Category:5827/listForCategory" target="_blank" rel="noopener">"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" के पिछ्ले अंकों को पढ़ने हेतु यहाँ क्लिक करें...</a></p>
<p></p>
<p>मंच संचालक</p>
<p>जनाब समर कबीर </p>
<p>(वरिष्ठ सदस्य)</p>
<p>ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम</p> "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-162tag:openbooks.ning.com,2023-12-11:5170231:Topic:11133252023-12-11T18:56:37.431ZAdminhttp://openbooks.ning.com/profile/Admin
<p>परम आत्मीय स्वजन,</p>
<p>ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 162 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है |</p>
<p></p>
<p>इस बार का मिसरा जनाब 'शकील' बदायूनी साहिब की ग़ज़ल से लिया गया है |</p>
<p></p>
<p><strong>'दिल है कि सोगवार-ए-महब्बत है आज कल'</strong></p>
<p>मफ़ऊल फ़ाइलात मुफ़ाईल फ़ाइलुन<br></br> 221 2121 1221 212</p>
<p>मुज़ारे मुसम्मन अख़रब मक़्फ़ूफ़ महज़ूफ़</p>
<p>रदीफ़ --है आज कल</p>
<p>क़ाफ़िया:-(अत की तुक) क़यामत, इनायत,वहशत,शुहरत,इजाज़त आदि...</p>
<p></p>
<p>मुशायरे की अवधि केवल दो दिन होगी । मुशायरे की शुरुआत…</p>
<p>परम आत्मीय स्वजन,</p>
<p>ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 162 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है |</p>
<p></p>
<p>इस बार का मिसरा जनाब 'शकील' बदायूनी साहिब की ग़ज़ल से लिया गया है |</p>
<p></p>
<p><strong>'दिल है कि सोगवार-ए-महब्बत है आज कल'</strong></p>
<p>मफ़ऊल फ़ाइलात मुफ़ाईल फ़ाइलुन<br/> 221 2121 1221 212</p>
<p>मुज़ारे मुसम्मन अख़रब मक़्फ़ूफ़ महज़ूफ़</p>
<p>रदीफ़ --है आज कल</p>
<p>क़ाफ़िया:-(अत की तुक) क़यामत, इनायत,वहशत,शुहरत,इजाज़त आदि...</p>
<p></p>
<p>मुशायरे की अवधि केवल दो दिन होगी । मुशायरे की शुरुआत दिनांक 28 दिसंबर दिन गुरुवार को हो जाएगी और दिनांक 29 दिसंबर दिन शुक्रवार समाप्त होते ही मुशायरे का समापन कर दिया जायेगा.</p>
<p>नियम एवं शर्तें:-</p>
<p>"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" में प्रति सदस्य अधिकतम एक ग़ज़ल ही प्रस्तुत की जा सकेगी |</p>
<p>एक ग़ज़ल में कम से कम 5 और ज्यादा से ज्यादा 11 अशआर ही होने चाहिए |</p>
<p>तरही मिसरा मतले को छोड़कर पूरी ग़ज़ल में कहीं न कहीं अवश्य इस्तेमाल करें | बिना तरही मिसरे वाली ग़ज़ल को स्थान नहीं दिया जायेगा |</p>
<p>शायरों से निवेदन है कि अपनी ग़ज़ल अच्छी तरह से देवनागरी के फ़ण्ट में टाइप कर लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें | इमेज या ग़ज़ल का स्कैन रूप स्वीकार्य नहीं है |</p>
<p>ग़ज़ल पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, सीधे ग़ज़ल पोस्ट करें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल आदि भी न लगाएं | ग़ज़ल के अंत में मंच के नियमानुसार केवल "मौलिक व अप्रकाशित" लिखें |</p>
<p>वे साथी जो ग़ज़ल विधा के जानकार नहीं, अपनी रचना वरिष्ठ साथी की इस्लाह लेकर ही प्रस्तुत करें</p>
<p>नियम विरूद्ध, अस्तरीय ग़ज़लें और बेबहर मिसरों वाले शेर बिना किसी सूचना से हटाये जा सकते हैं जिस पर कोई आपत्ति स्वीकार्य नहीं होगी |</p>
<p>ग़ज़ल केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, किसी सदस्य की ग़ज़ल किसी अन्य सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी ।</p>
<p></p>
<p>विशेष अनुरोध:-</p>
<p></p>
<p>सदस्यों से विशेष अनुरोध है कि ग़ज़लों में बार बार संशोधन की गुजारिश न करें | ग़ज़ल को पोस्ट करते समय अच्छी तरह से पढ़कर टंकण की त्रुटियां अवश्य दूर कर लें | मुशायरे के दौरान होने वाली चर्चा में आये सुझावों को एक जगह नोट करते रहें और संकलन आ जाने पर किसी भी समय संशोधन का अनुरोध प्रस्तुत करें | </p>
<p></p>
<p>मुशायरे के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है....</p>
<p></p>
<p>"OBO लाइव तरही मुशायरे" के सम्बन्ध मे पूछताछ</p>
<p>फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 28 दिसम्बर दिन गुरुवार लगते ही खोल दिया जायेगा, यदि आप अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तो <a href="http://www.openbooksonline.com/">www.openbooksonline.com</a>पर जाकर प्रथम बार sign upकर लें.</p>
<p><a href="http://www.openbooksonline.com/forum/categories/5170231:Category:5827/listForCategory" target="_blank" rel="noopener">"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" के पिछ्ले अंकों को पढ़ने हेतु यहाँ क्लिक करें...</a></p>
<p></p>
<p>मंच संचालक</p>
<p>जनाब समर कबीर </p>
<p>(वरिष्ठ सदस्य)</p>
<p>ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम</p> "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-161tag:openbooks.ning.com,2023-11-10:5170231:Topic:11115562023-11-10T16:12:06.701ZAdminhttp://openbooks.ning.com/profile/Admin
<p>परम आत्मीय स्वजन,</p>
<p>ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 161 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है |</p>
<p>इस बार का मिसरा जनाब मुहसिन नक़वी साहिब की ग़ज़ल से लिया गया है |</p>
<p><strong>"मैं अपने आप से कम बोलता हूँ"</strong></p>
<p>मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन फ़ऊलुन<br></br> 1222 1222 122<br></br> बह्र-ए-हजज़ मुसद्दस महज़ूफ़<br></br> रदीफ़ :- हूँ</p>
<p>क़ाफ़िया:-अलिफ़ का (आ स्वर)<br></br> देखता,आ गया,सोचता,मुब्तिला, दवा आदि...</p>
<p>मुशायरे की अवधि केवल दो दिन होगी । मुशायरे की शुरुआत दिनांक 24 नवंबर दिन शुक्रवार को हो…</p>
<p>परम आत्मीय स्वजन,</p>
<p>ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 161 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है |</p>
<p>इस बार का मिसरा जनाब मुहसिन नक़वी साहिब की ग़ज़ल से लिया गया है |</p>
<p><strong>"मैं अपने आप से कम बोलता हूँ"</strong></p>
<p>मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन फ़ऊलुन<br/> 1222 1222 122<br/> बह्र-ए-हजज़ मुसद्दस महज़ूफ़<br/> रदीफ़ :- हूँ</p>
<p>क़ाफ़िया:-अलिफ़ का (आ स्वर)<br/> देखता,आ गया,सोचता,मुब्तिला, दवा आदि...</p>
<p>मुशायरे की अवधि केवल दो दिन होगी । मुशायरे की शुरुआत दिनांक 24 नवंबर दिन शुक्रवार को हो जाएगी और दिनांक 25 नवंबर दिन शनिवार समाप्त होते ही मुशायरे का समापन कर दिया जायेगा.</p>
<p>नियम एवं शर्तें:-</p>
<p>"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" में प्रति सदस्य अधिकतम एक ग़ज़ल ही प्रस्तुत की जा सकेगी |</p>
<p>एक ग़ज़ल में कम से कम 5 और ज्यादा से ज्यादा 11 अशआर ही होने चाहिए |</p>
<p>तरही मिसरा मतले को छोड़कर पूरी ग़ज़ल में कहीं न कहीं अवश्य इस्तेमाल करें | बिना तरही मिसरे वाली ग़ज़ल को स्थान नहीं दिया जायेगा |</p>
<p>शायरों से निवेदन है कि अपनी ग़ज़ल अच्छी तरह से देवनागरी के फ़ण्ट में टाइप कर लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें | इमेज या ग़ज़ल का स्कैन रूप स्वीकार्य नहीं है |</p>
<p>ग़ज़ल पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, सीधे ग़ज़ल पोस्ट करें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल आदि भी न लगाएं | ग़ज़ल के अंत में मंच के नियमानुसार केवल "मौलिक व अप्रकाशित" लिखें |</p>
<p>वे साथी जो ग़ज़ल विधा के जानकार नहीं, अपनी रचना वरिष्ठ साथी की इस्लाह लेकर ही प्रस्तुत करें</p>
<p>नियम विरूद्ध, अस्तरीय ग़ज़लें और बेबहर मिसरों वाले शेर बिना किसी सूचना से हटाये जा सकते हैं जिस पर कोई आपत्ति स्वीकार्य नहीं होगी |</p>
<p>ग़ज़ल केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, किसी सदस्य की ग़ज़ल किसी अन्य सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी ।</p>
<p></p>
<p>विशेष अनुरोध:-</p>
<p></p>
<p>सदस्यों से विशेष अनुरोध है कि ग़ज़लों में बार बार संशोधन की गुजारिश न करें | ग़ज़ल को पोस्ट करते समय अच्छी तरह से पढ़कर टंकण की त्रुटियां अवश्य दूर कर लें | मुशायरे के दौरान होने वाली चर्चा में आये सुझावों को एक जगह नोट करते रहें और संकलन आ जाने पर किसी भी समय संशोधन का अनुरोध प्रस्तुत करें | </p>
<p></p>
<p>मुशायरे के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है....</p>
<p></p>
<p>"OBO लाइव तरही मुशायरे" के सम्बन्ध मे पूछताछ</p>
<p>फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 24 नवंबर दिन शुक्रवार लगते ही खोल दिया जायेगा, यदि आप अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तो <a href="http://www.openbooksonline.com/">www.openbooksonline.com</a>पर जाकर प्रथम बार sign upकर लें.</p>
<p><a href="http://www.openbooksonline.com/forum/categories/5170231:Category:5827/listForCategory" target="_blank" rel="noopener">"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" के पिछ्ले अंकों को पढ़ने हेतु यहाँ क्लिक करें...</a></p>
<p></p>
<p>मंच संचालक</p>
<p>जनाब समर कबीर </p>
<p>(वरिष्ठ सदस्य)</p>
<p>ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम</p> "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-160tag:openbooks.ning.com,2023-10-12:5170231:Topic:11107452023-10-12T18:39:55.363ZAdminhttp://openbooks.ning.com/profile/Admin
<p>परम आत्मीय स्वजन,</p>
<p>ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 160 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है |</p>
<p>इस बार का मिसरा जनाब मुहम्मद अल्वी साहिब की ग़ज़ल से लिया गया है |</p>
<p><strong>'लिफ़ाफ़े में कुछ रौशनी भेज दे'</strong></p>
<p>फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़अल<br></br>122 122 122 12<br></br>बह्र-ए-मुतक़ारिब मुसम्मन सालिम महज़ूफ़</p>
<p><br></br>रदीफ़ :- भेज दे</p>
<p>क़ाफ़िया:-(ई का)<br></br>ज़िन्दगी,शाइरी, आदमी,नमी,वही आदि</p>
<p></p>
<p>मुशायरे की अवधि केवल दो दिन होगी । मुशायरे की शुरुआत दिनांक 27 अक्टूबर दिन शुक्रवार को…</p>
<p>परम आत्मीय स्वजन,</p>
<p>ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 160 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है |</p>
<p>इस बार का मिसरा जनाब मुहम्मद अल्वी साहिब की ग़ज़ल से लिया गया है |</p>
<p><strong>'लिफ़ाफ़े में कुछ रौशनी भेज दे'</strong></p>
<p>फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़अल<br/>122 122 122 12<br/>बह्र-ए-मुतक़ारिब मुसम्मन सालिम महज़ूफ़</p>
<p><br/>रदीफ़ :- भेज दे</p>
<p>क़ाफ़िया:-(ई का)<br/>ज़िन्दगी,शाइरी, आदमी,नमी,वही आदि</p>
<p></p>
<p>मुशायरे की अवधि केवल दो दिन होगी । मुशायरे की शुरुआत दिनांक 27 अक्टूबर दिन शुक्रवार को हो जाएगी और दिनांक 28 अक्टूबर दिन शनिवार समाप्त होते ही मुशायरे का समापन कर दिया जायेगा.</p>
<p>नियम एवं शर्तें:-</p>
<p>"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" में प्रति सदस्य अधिकतम एक ग़ज़ल ही प्रस्तुत की जा सकेगी |</p>
<p>एक ग़ज़ल में कम से कम 5 और ज्यादा से ज्यादा 11 अशआर ही होने चाहिए |</p>
<p>तरही मिसरा मतले को छोड़कर पूरी ग़ज़ल में कहीं न कहीं अवश्य इस्तेमाल करें | बिना तरही मिसरे वाली ग़ज़ल को स्थान नहीं दिया जायेगा |</p>
<p>शायरों से निवेदन है कि अपनी ग़ज़ल अच्छी तरह से देवनागरी के फ़ण्ट में टाइप कर लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें | इमेज या ग़ज़ल का स्कैन रूप स्वीकार्य नहीं है |</p>
<p>ग़ज़ल पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, सीधे ग़ज़ल पोस्ट करें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल आदि भी न लगाएं | ग़ज़ल के अंत में मंच के नियमानुसार केवल "मौलिक व अप्रकाशित" लिखें |</p>
<p>वे साथी जो ग़ज़ल विधा के जानकार नहीं, अपनी रचना वरिष्ठ साथी की इस्लाह लेकर ही प्रस्तुत करें</p>
<p>नियम विरूद्ध, अस्तरीय ग़ज़लें और बेबहर मिसरों वाले शेर बिना किसी सूचना से हटाये जा सकते हैं जिस पर कोई आपत्ति स्वीकार्य नहीं होगी |</p>
<p>ग़ज़ल केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, किसी सदस्य की ग़ज़ल किसी अन्य सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी ।</p>
<p></p>
<p>विशेष अनुरोध:-</p>
<p></p>
<p>सदस्यों से विशेष अनुरोध है कि ग़ज़लों में बार बार संशोधन की गुजारिश न करें | ग़ज़ल को पोस्ट करते समय अच्छी तरह से पढ़कर टंकण की त्रुटियां अवश्य दूर कर लें | मुशायरे के दौरान होने वाली चर्चा में आये सुझावों को एक जगह नोट करते रहें और संकलन आ जाने पर किसी भी समय संशोधन का अनुरोध प्रस्तुत करें | </p>
<p></p>
<p>मुशायरे के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है....</p>
<p></p>
<p>"OBO लाइव तरही मुशायरे" के सम्बन्ध मे पूछताछ</p>
<p>फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 27 अक्टूबर दिन शुक्रवार लगते ही खोल दिया जायेगा, यदि आप अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तो <a href="http://www.openbooksonline.com/">www.openbooksonline.com</a>पर जाकर प्रथम बार sign upकर लें.</p>
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<p></p>
<p>मंच संचालक</p>
<p>जनाब समर कबीर </p>
<p>(वरिष्ठ सदस्य)</p>
<p>ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम</p> "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-159tag:openbooks.ning.com,2023-09-12:5170231:Topic:11093342023-09-12T15:59:47.298ZAdminhttp://openbooks.ning.com/profile/Admin
<p>परम आत्मीय स्वजन,</p>
<p>ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 159 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है |</p>
<p>इस बार का मिसरा जनाब 'क़ैसर-उल-जाफ़री'साहिब की ग़ज़ल से लिया गया है |</p>
<p><strong>'जब उँगलियाँ जलीं तो ग़ज़ल आ गई मुझे'</strong></p>
<p>मफ़ऊल फ़ाइलात मुफ़ाईल फ़ाइलुन<br></br> 221 2121 1221 212</p>
<p>मुज़ारे मुसम्मन अख़रब मक़्फ़ूफ़ महज़ूफ़</p>
<p>रदीफ़ --गई मुझे</p>
<p>क़ाफ़िया:-अलिफ़ का (आ स्वर) भा,बहला, समझा,पा,महकाआदि</p>
<p></p>
<p>मुशायरे की अवधि केवल दो दिन होगी । मुशायरे की शुरुआत दिनांक 27 सितंबर दिन…</p>
<p>परम आत्मीय स्वजन,</p>
<p>ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 159 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है |</p>
<p>इस बार का मिसरा जनाब 'क़ैसर-उल-जाफ़री'साहिब की ग़ज़ल से लिया गया है |</p>
<p><strong>'जब उँगलियाँ जलीं तो ग़ज़ल आ गई मुझे'</strong></p>
<p>मफ़ऊल फ़ाइलात मुफ़ाईल फ़ाइलुन<br/> 221 2121 1221 212</p>
<p>मुज़ारे मुसम्मन अख़रब मक़्फ़ूफ़ महज़ूफ़</p>
<p>रदीफ़ --गई मुझे</p>
<p>क़ाफ़िया:-अलिफ़ का (आ स्वर) भा,बहला, समझा,पा,महकाआदि</p>
<p></p>
<p>मुशायरे की अवधि केवल दो दिन होगी । मुशायरे की शुरुआत दिनांक 27 सितंबर दिन बुधवार को हो जाएगी और दिनांक 28 सितंबर दिन गुरुवार समाप्त होते ही मुशायरे का समापन कर दिया जायेगा.</p>
<p>नियम एवं शर्तें:-</p>
<p>"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" में प्रति सदस्य अधिकतम एक ग़ज़ल ही प्रस्तुत की जा सकेगी |</p>
<p>एक ग़ज़ल में कम से कम 5 और ज्यादा से ज्यादा 11 अशआर ही होने चाहिए |</p>
<p>तरही मिसरा मतले को छोड़कर पूरी ग़ज़ल में कहीं न कहीं अवश्य इस्तेमाल करें | बिना तरही मिसरे वाली ग़ज़ल को स्थान नहीं दिया जायेगा |</p>
<p>शायरों से निवेदन है कि अपनी ग़ज़ल अच्छी तरह से देवनागरी के फ़ण्ट में टाइप कर लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें | इमेज या ग़ज़ल का स्कैन रूप स्वीकार्य नहीं है |</p>
<p>ग़ज़ल पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, सीधे ग़ज़ल पोस्ट करें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल आदि भी न लगाएं | ग़ज़ल के अंत में मंच के नियमानुसार केवल "मौलिक व अप्रकाशित" लिखें |</p>
<p>वे साथी जो ग़ज़ल विधा के जानकार नहीं, अपनी रचना वरिष्ठ साथी की इस्लाह लेकर ही प्रस्तुत करें</p>
<p>नियम विरूद्ध, अस्तरीय ग़ज़लें और बेबहर मिसरों वाले शेर बिना किसी सूचना से हटाये जा सकते हैं जिस पर कोई आपत्ति स्वीकार्य नहीं होगी |</p>
<p>ग़ज़ल केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, किसी सदस्य की ग़ज़ल किसी अन्य सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी ।</p>
<p></p>
<p>विशेष अनुरोध:-</p>
<p></p>
<p>सदस्यों से विशेष अनुरोध है कि ग़ज़लों में बार बार संशोधन की गुजारिश न करें | ग़ज़ल को पोस्ट करते समय अच्छी तरह से पढ़कर टंकण की त्रुटियां अवश्य दूर कर लें | मुशायरे के दौरान होने वाली चर्चा में आये सुझावों को एक जगह नोट करते रहें और संकलन आ जाने पर किसी भी समय संशोधन का अनुरोध प्रस्तुत करें | </p>
<p></p>
<p>मुशायरे के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है....</p>
<p></p>
<p>"OBO लाइव तरही मुशायरे" के सम्बन्ध मे पूछताछ</p>
<p>फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 27 सितंबर दिन बुधवार लगते ही खोल दिया जायेगा, यदि आप अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तो <a href="http://www.openbooksonline.com/">www.openbooksonline.com</a>पर जाकर प्रथम बार sign upकर लें.</p>
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<p></p>
<p>मंच संचालक</p>
<p>जनाब समर कबीर </p>
<p>(वरिष्ठ सदस्य)</p>
<p>ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम</p> "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-158tag:openbooks.ning.com,2023-08-18:5170231:Topic:11077062023-08-18T17:18:33.158ZAdminhttp://openbooks.ning.com/profile/Admin
<p>परम आत्मीय स्वजन,</p>
<p>ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 158 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है |</p>
<p>इस बार का मिसरा जनाब डॉ. बशीर बद्र साहिब की ग़ज़ल से लिया गया है |</p>
<p><strong>'ज़बाँ सब समझते हैं जज़्बात की'</strong></p>
<p>फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़अल<br></br>122 122 122 12<br></br>बह्र-ए-मुतक़ारिब मुसम्मन सालिम महज़ूफ़</p>
<p>रदीफ़ :- की</p>
<p>क़ाफ़िया:-(आत की तुक)<br></br>हालात, रात, बात, ख़ैरात, सौग़ात आदि...</p>
<p></p>
<p>मुशायरे की अवधि केवल दो दिन होगी । मुशायरे की शुरुआत दिनांक 25 अगस्त दिन शुक्रवार को…</p>
<p>परम आत्मीय स्वजन,</p>
<p>ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 158 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है |</p>
<p>इस बार का मिसरा जनाब डॉ. बशीर बद्र साहिब की ग़ज़ल से लिया गया है |</p>
<p><strong>'ज़बाँ सब समझते हैं जज़्बात की'</strong></p>
<p>फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़अल<br/>122 122 122 12<br/>बह्र-ए-मुतक़ारिब मुसम्मन सालिम महज़ूफ़</p>
<p>रदीफ़ :- की</p>
<p>क़ाफ़िया:-(आत की तुक)<br/>हालात, रात, बात, ख़ैरात, सौग़ात आदि...</p>
<p></p>
<p>मुशायरे की अवधि केवल दो दिन होगी । मुशायरे की शुरुआत दिनांक 25 अगस्त दिन शुक्रवार को हो जाएगी और दिनांक 26 अगस्त दिन शनिवार समाप्त होते ही मुशायरे का समापन कर दिया जायेगा.</p>
<p>नियम एवं शर्तें:-</p>
<p>"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" में प्रति सदस्य अधिकतम एक ग़ज़ल ही प्रस्तुत की जा सकेगी |</p>
<p>एक ग़ज़ल में कम से कम 5 और ज्यादा से ज्यादा 11 अशआर ही होने चाहिए |</p>
<p>तरही मिसरा मतले को छोड़कर पूरी ग़ज़ल में कहीं न कहीं अवश्य इस्तेमाल करें | बिना तरही मिसरे वाली ग़ज़ल को स्थान नहीं दिया जायेगा |</p>
<p>शायरों से निवेदन है कि अपनी ग़ज़ल अच्छी तरह से देवनागरी के फ़ण्ट में टाइप कर लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें | इमेज या ग़ज़ल का स्कैन रूप स्वीकार्य नहीं है |</p>
<p>ग़ज़ल पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, सीधे ग़ज़ल पोस्ट करें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल आदि भी न लगाएं | ग़ज़ल के अंत में मंच के नियमानुसार केवल "मौलिक व अप्रकाशित" लिखें |</p>
<p>वे साथी जो ग़ज़ल विधा के जानकार नहीं, अपनी रचना वरिष्ठ साथी की इस्लाह लेकर ही प्रस्तुत करें</p>
<p>नियम विरूद्ध, अस्तरीय ग़ज़लें और बेबहर मिसरों वाले शेर बिना किसी सूचना से हटाये जा सकते हैं जिस पर कोई आपत्ति स्वीकार्य नहीं होगी |</p>
<p>ग़ज़ल केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, किसी सदस्य की ग़ज़ल किसी अन्य सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी ।</p>
<p></p>
<p>विशेष अनुरोध:-</p>
<p></p>
<p>सदस्यों से विशेष अनुरोध है कि ग़ज़लों में बार बार संशोधन की गुजारिश न करें | ग़ज़ल को पोस्ट करते समय अच्छी तरह से पढ़कर टंकण की त्रुटियां अवश्य दूर कर लें | मुशायरे के दौरान होने वाली चर्चा में आये सुझावों को एक जगह नोट करते रहें और संकलन आ जाने पर किसी भी समय संशोधन का अनुरोध प्रस्तुत करें | </p>
<p></p>
<p>मुशायरे के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है....</p>
<p></p>
<p>"OBO लाइव तरही मुशायरे" के सम्बन्ध मे पूछताछ</p>
<p>फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 25 अगस्त दिन शुक्रवार लगते ही खोल दिया जायेगा, यदि आप अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तो <a href="http://www.openbooksonline.com/">www.openbooksonline.com</a>पर जाकर प्रथम बार sign upकर लें.</p>
<p><a href="http://www.openbooksonline.com/forum/categories/5170231:Category:5827/listForCategory" target="_blank" rel="noopener">"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" के पिछ्ले अंकों को पढ़ने हेतु यहाँ क्लिक करें...</a></p>
<p></p>
<p>मंच संचालक</p>
<p>जनाब समर कबीर </p>
<p>(वरिष्ठ सदस्य)</p>
<p>ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम</p> "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-157tag:openbooks.ning.com,2023-07-16:5170231:Topic:11065712023-07-16T16:20:44.333ZAdminhttp://openbooks.ning.com/profile/Admin
<p>परम आत्मीय स्वजन,</p>
<p>ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 157 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है |</p>
<p>इस बार का मिसरा जनाब 'अदीम हाशमी' साहिब की ग़ज़ल से लिया गया है ।</p>
<p><strong>"सारी दुनिया में मगर कोई तेरे जैसा न था"</strong><br></br>फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन<br></br>2122 2122 2122 212</p>
<p>बह्र-ए-रमल मुसम्मन महज़ूफ़</p>
<p>रदीफ़ : न था</p>
<p>काफिया : अलिफ़ का (आ स्वर) अच्छा,ऐसा,मेरा,साया,देखा आदि...</p>
<p>मुशायरे की अवधि केवल दो दिन होगी | मुशायरे की शुरुआत दिनांक 28 जुलाई…</p>
<p>परम आत्मीय स्वजन,</p>
<p>ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 157 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है |</p>
<p>इस बार का मिसरा जनाब 'अदीम हाशमी' साहिब की ग़ज़ल से लिया गया है ।</p>
<p><strong>"सारी दुनिया में मगर कोई तेरे जैसा न था"</strong><br/>फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन<br/>2122 2122 2122 212</p>
<p>बह्र-ए-रमल मुसम्मन महज़ूफ़</p>
<p>रदीफ़ : न था</p>
<p>काफिया : अलिफ़ का (आ स्वर) अच्छा,ऐसा,मेरा,साया,देखा आदि...</p>
<p>मुशायरे की अवधि केवल दो दिन होगी | मुशायरे की शुरुआत दिनांक 28 जुलाई दिन शुक्रवार को हो जाएगी और दिनांक 29 जुलाई दिन शनिवार समाप्त होते ही मुशायरे का समापन कर दिया जायेगा.</p>
<p></p>
<p>नियम एवं शर्तें:-</p>
<p></p>
<p>"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" में प्रति सदस्य अधिकतम एक ग़ज़ल ही प्रस्तुत की जा सकेगी |</p>
<p>एक ग़ज़ल में कम से कम 5 और ज्यादा से ज्यादा 11 अशआर ही होने चाहिए |</p>
<p>तरही मिसरा मतले को छोड़कर पूरी ग़ज़ल में कहीं न कहीं अवश्य इस्तेमाल करें | बिना तरही मिसरे वाली ग़ज़ल को स्थान नहीं दिया जायेगा |</p>
<p>शायरों से निवेदन है कि अपनी ग़ज़ल अच्छी तरह से देवनागरी के फ़ण्ट में टाइप कर लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें | इमेज या ग़ज़ल का स्कैन रूप स्वीकार्य नहीं है |</p>
<p>ग़ज़ल पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, सीधे ग़ज़ल पोस्ट करें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल आदि भी न लगाएं | ग़ज़ल के अंत में मंच के नियमानुसार केवल "मौलिक व अप्रकाशित" लिखें |</p>
<p>वे साथी जो ग़ज़ल विधा के जानकार नहीं, अपनी रचना वरिष्ठ साथी की इस्लाह लेकर ही प्रस्तुत करें</p>
<p>नियम विरूद्ध, अस्तरीय ग़ज़लें और बेबहर मिसरों वाले शेर बिना किसी सूचना से हटाये जा सकते हैं जिस पर कोई आपत्ति स्वीकार्य नहीं होगी |</p>
<p>ग़ज़ल केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, किसी सदस्य की ग़ज़ल किसी अन्य सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी ।</p>
<p></p>
<p>विशेष अनुरोध:-</p>
<p></p>
<p>सदस्यों से विशेष अनुरोध है कि ग़ज़लों में बार बार संशोधन की गुजारिश न करें | ग़ज़ल को पोस्ट करते समय अच्छी तरह से पढ़कर टंकण की त्रुटियां अवश्य दूर कर लें | मुशायरे के दौरान होने वाली चर्चा में आये सुझावों को एक जगह नोट करते रहें और संकलन आ जाने पर किसी भी समय संशोधन का अनुरोध प्रस्तुत करें | </p>
<p></p>
<p>मुशायरे के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है....</p>
<p></p>
<p>"OBO लाइव तरही मुशायरे" के सम्बन्ध मे पूछताछ</p>
<p>फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 28 जुलाई दिन शुक्रवार लगते ही खोल दिया जायेगा, यदि आप अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तो <a href="http://www.openbooksonline.com/">www.openbooksonline.com</a>पर जाकर प्रथम बार sign upकर लें.</p>
<p><a href="http://www.openbooksonline.com/forum/categories/5170231:Category:5827/listForCategory" target="_blank" rel="noopener">"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" के पिछ्ले अंकों को पढ़ने हेतु यहाँ क्लिक करें...</a></p>
<p></p>
<p>मंच संचालक</p>
<p>जनाब समर कबीर </p>
<p>(वरिष्ठ सदस्य)</p>
<p>ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम</p> "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-156tag:openbooks.ning.com,2023-06-15:5170231:Topic:11058792023-06-15T17:47:13.917ZAdminhttp://openbooks.ning.com/profile/Admin
<p>परम आत्मीय स्वजन,</p>
<p>ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 156 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है |</p>
<p>इस बार का मिसरा परवीन शाकिर साहिब: की ग़ज़ल से लिया गया है |</p>
<p>"उसने मगर बिछड़ते वक़्त और सवाल कर दिया'<br></br> मुफ़तइलुन मुफ़ाइलुन मुफ़तइलुन मुफ़ाइलुन<br></br> 2112 1212 2112 1212</p>
<p>बह्र-ए-रजज़ मुसम्मन मतव्वी मख़्बून<br></br> नोट:-इस बह्र के दूसरे और चौथे रुक्न में एक साकिन(यानी अतिरिक्त लघु) लेने की इजाज़त है ।</p>
<p>रदीफ़ : कर दिया</p>
<p>काफिया : आल की तुक कमाल,मुहाल,निढाल,हाल,हलाल,बहाल…</p>
<p>परम आत्मीय स्वजन,</p>
<p>ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 156 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है |</p>
<p>इस बार का मिसरा परवीन शाकिर साहिब: की ग़ज़ल से लिया गया है |</p>
<p>"उसने मगर बिछड़ते वक़्त और सवाल कर दिया'<br/> मुफ़तइलुन मुफ़ाइलुन मुफ़तइलुन मुफ़ाइलुन<br/> 2112 1212 2112 1212</p>
<p>बह्र-ए-रजज़ मुसम्मन मतव्वी मख़्बून<br/> नोट:-इस बह्र के दूसरे और चौथे रुक्न में एक साकिन(यानी अतिरिक्त लघु) लेने की इजाज़त है ।</p>
<p>रदीफ़ : कर दिया</p>
<p>काफिया : आल की तुक कमाल,मुहाल,निढाल,हाल,हलाल,बहाल आदि...</p>
<p>मुशायरे की अवधि केवल दो दिन होगी | मुशायरे की शुरुआत दिनांक 23 जून दिन शुक्रवार को हो जाएगी और दिनांक 24 जून दिन शनिवार समाप्त होते ही मुशायरे का समापन कर दिया जायेगा.</p>
<p></p>
<p>नियम एवं शर्तें:-</p>
<p></p>
<p>"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" में प्रति सदस्य अधिकतम एक ग़ज़ल ही प्रस्तुत की जा सकेगी |</p>
<p>एक ग़ज़ल में कम से कम 5 और ज्यादा से ज्यादा 11 अशआर ही होने चाहिए |</p>
<p>तरही मिसरा मतले को छोड़कर पूरी ग़ज़ल में कहीं न कहीं अवश्य इस्तेमाल करें | बिना तरही मिसरे वाली ग़ज़ल को स्थान नहीं दिया जायेगा |</p>
<p>शायरों से निवेदन है कि अपनी ग़ज़ल अच्छी तरह से देवनागरी के फ़ण्ट में टाइप कर लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें | इमेज या ग़ज़ल का स्कैन रूप स्वीकार्य नहीं है |</p>
<p>ग़ज़ल पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, सीधे ग़ज़ल पोस्ट करें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल आदि भी न लगाएं | ग़ज़ल के अंत में मंच के नियमानुसार केवल "मौलिक व अप्रकाशित" लिखें |</p>
<p>वे साथी जो ग़ज़ल विधा के जानकार नहीं, अपनी रचना वरिष्ठ साथी की इस्लाह लेकर ही प्रस्तुत करें</p>
<p>नियम विरूद्ध, अस्तरीय ग़ज़लें और बेबहर मिसरों वाले शेर बिना किसी सूचना से हटाये जा सकते हैं जिस पर कोई आपत्ति स्वीकार्य नहीं होगी |</p>
<p>ग़ज़ल केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, किसी सदस्य की ग़ज़ल किसी अन्य सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी ।</p>
<p></p>
<p>विशेष अनुरोध:-</p>
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<p>सदस्यों से विशेष अनुरोध है कि ग़ज़लों में बार बार संशोधन की गुजारिश न करें | ग़ज़ल को पोस्ट करते समय अच्छी तरह से पढ़कर टंकण की त्रुटियां अवश्य दूर कर लें | मुशायरे के दौरान होने वाली चर्चा में आये सुझावों को एक जगह नोट करते रहें और संकलन आ जाने पर किसी भी समय संशोधन का अनुरोध प्रस्तुत करें | </p>
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<p>मुशायरे के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है....</p>
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<p>"OBO लाइव तरही मुशायरे" के सम्बन्ध मे पूछताछ</p>
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<p>मंच संचालक</p>
<p>जनाब समर कबीर </p>
<p>(वरिष्ठ सदस्य)</p>
<p>ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम</p>